मोदी
सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला पूर्णकालिक बजट 5 जुलाई 2019 को पेश
होगा। बजट को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं और वित्त मंत्रालय में ‘क्वैरनटाइन’ लागू हो
चुका है। यानी,
अब बजट बनाने में लगे
अधिकारियों और कर्मचारियों पर बाहरी लोगों से संपर्क करने पर पाबंदी लग गई है। यह
बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश करेंगी। बजट में अक्सर ऐसी शब्दावली का
इस्तेमाल होता है जो आम जनता को नहीं पता होता। हम आपको ऐसी ही शब्दावली के बारे
में बता रहे हैं जो आम जनता से भी जुड़े हैं।
बजट शब्दावली :-
डायरेक्ट टैक्स (Direct tax): किसी भी व्यक्ति की आय पर इनकम टैक्स, कंपनी या संस्थान पर कॉरपोरेट टैक्स लगता है। ये टैक्स सीधे आय पर लगता है। इसके अलावा आय के स्रोत पर भी कैपिटल गेन टैक्स लगता है।
इनडायरेक्ट टैक्स (Indirect tax): इनडायरेक्ट टैक्स उत्पादित वस्तुओं और सर्विस, आयात-निर्यात होने वाले प्रोडक्ट पर उत्पाद शुल्क, सीमा शुल्क आदि लगता है।
डायरेक्ट टैक्स (Direct tax): किसी भी व्यक्ति की आय पर इनकम टैक्स, कंपनी या संस्थान पर कॉरपोरेट टैक्स लगता है। ये टैक्स सीधे आय पर लगता है। इसके अलावा आय के स्रोत पर भी कैपिटल गेन टैक्स लगता है।
इनडायरेक्ट टैक्स (Indirect tax): इनडायरेक्ट टैक्स उत्पादित वस्तुओं और सर्विस, आयात-निर्यात होने वाले प्रोडक्ट पर उत्पाद शुल्क, सीमा शुल्क आदि लगता है।
बजट घाटा (Budgetary deficit): बजट घाटा तब होता है जब खर्चे आय से अधिक होते हैं।
राजकोषीय घाटा (Fiscal deficit): राजकोषीय घाटा सरकार के कुल खर्च और राजस्व प्राप्तियों और गैर कर्जपूंजी प्राप्तियों के जोड़ के बीच का अंतर होता है।
आयकर (Income tax): किसी भी व्यक्ति की आय और अन्य स्रोतों से होने वाली आय पर लगने वाले टैक्स को इनकम टैक्स कहते हैं।
कॉरपोरेट टैक्स (Corporate tax): कॉरपोरेट टैक्स कॉरपोरेट संस्थानों या फर्मों पर लगाया जाता है, जिसके जरिए सरकार को आमदनी होती है. जीएसटी आने के बाद से यह खत्मस हो गई है।
राजकोषीय घाटा (Fiscal deficit): राजकोषीय घाटा सरकार के कुल खर्च और राजस्व प्राप्तियों और गैर कर्जपूंजी प्राप्तियों के जोड़ के बीच का अंतर होता है।
आयकर (Income tax): किसी भी व्यक्ति की आय और अन्य स्रोतों से होने वाली आय पर लगने वाले टैक्स को इनकम टैक्स कहते हैं।
कॉरपोरेट टैक्स (Corporate tax): कॉरपोरेट टैक्स कॉरपोरेट संस्थानों या फर्मों पर लगाया जाता है, जिसके जरिए सरकार को आमदनी होती है. जीएसटी आने के बाद से यह खत्मस हो गई है।
सीमा शुल्क (Customs duties): सीमा
शुल्क उन वस्तुओं पर लगता है, जो देश
में आयात की जाती है या फिर देश के बाहर निर्यात की जाती है।
सेनवैट (CENVAT): यह
सेंट्रल वैल्यूप एडेड टैक्सग है, जो
मैन्युफैक्चरर पर लगाया जाता है। ये टैक्स 2000-2001 में पेश
किया गया था।
बैलेंस ऑफ पेमेंट (Balance of payments): देश और बाकी दुनिया के बीच हुए
वित्तीय लेनदेन के हिसाब को भुगतान संतुलन या बैलेंस ऑफ पेमेंट कहा जाता है।
जीडीपी (GDP): जीडीपी एक वित्तीय वर्ष में देश की सीमा के अंदर उत्पादित कुल वस्तुओं और सेवाओं का कुल जोड़ होता है।
जीडीपी (GDP): जीडीपी एक वित्तीय वर्ष में देश की सीमा के अंदर उत्पादित कुल वस्तुओं और सेवाओं का कुल जोड़ होता है।