3 जून 1947 एक ऐसी तिथि है जिसने भारत के इतिहास को बदल कर रख दिया था . इस तिथि को माउंटबेटन ने भारत के विभाजन का का प्लान घोषित किया था. 15 अगस्त 1947 के दिन भारत आजाद हुआ लेकिन आज़ादी के साथ इस दिन से ठीक एक दिन पहले भारत का एक हिस्सा भारत से अलग होकर पाकिस्तान बना था. भारत के विभाजन और 15 अगस्त पर बहुत कुछ लिखा गया लेकिन इस विभाजन की दास्ताँ 3 जून 1947 को ही लिख दी गयी थी. 1947 में भारतीय स्वतंत्रता का संघर्ष अंतिम चरण में था . भारत का भविष्य क्या होगा इस पर तरह -2 के कयास लगाए जा रहे थे. ऐसे हालातो में भारत के तब के वायसाराई माउंटबेटन ने देश के विभाजन की योजना का प्रारूप पेश किया . यह प्रारूप 3 जून को विश्व के सामने आया इसलिए इसे “ थर्ड जून प्लान “ या “माउंटबेटन प्लान “ के नाम से जाना जाता है .
ब्रिटेन
सरकार ने 20 फ़रवरी 1947
को यह घोषणा की थी कि जून 1947 तक भारत को
स्वतंत्र कर दिया जाएगा. इसीलिए 12 फ़रवरी 1947 को माउंटबेटन को भारत भेजा गया. “ थर्ड जून का प्लान
“ इसी का परिणाम था
भारत
आते ही लॉर्ड माउंटबेटन ने घोषणा कर दी कि वह कुछ ही महीनों में भारतीयों को सत्ता
सौंप देंगे. 24 मार्च से 15
अप्रैल के बीच माउंटबेटन ने भारत की राजनीतिक स्थितियों देश के
विभिन्न नेताओं से विचार विमर्श किया गया. कांग्रेस के प्रमुख नेताओं में
सर्वप्रथम लॉर्ड माउंटबेटन ने पंडित जवाहरलाल नेहरू से मुलाकात की. बाद में माउंटबेटन
ने महात्मा गाँधी और वल्लभ भाई पटेल से मुलाक़ात की. इसी प्रक्रिया में वो मोहम्मद
अली जिन्नाह, कांग्रेस नेता मौलाना अबुल कलाम आजाद जे.
बी.कृपलानी .कृष्ण मेनन और मुस्लिम लीग सचिव लियाकत अली के साथ मुलाक़ात की .
मोहम्मद अली जिन्ना पाकिस्तान की मांग पर अड़ा रहा है. सिक्ख प्रतिनिधियों में
बलदेव सिह, मास्टर तारा सिंह और अन्य सिक्ख नेताओं के
अतिरिक्त बीकानेर और भोपाल की भारतीय रियासतों के राजाओं से भी बातचीत की.
इस
प्लान के तहत यह घोषणा की गयी कि भारत के विभाजन को ब्रिटेन की संसद के द्वारा
स्वीकार किया जाएगा. इस विभाजन के तहत ब्रिटिश भारत यानी भारत का वो हिस्सा जिस पर
ब्रिटिश प्रत्यक्ष यानी सीधे राज करते थे , उसमे से एक हिस्सा काटकर पाकिस्तान
बना दिया गया . ततकालीन भारत का दूसरा हिस्सा जिसमे देसी रियासते थी , उसका विभाजन नहीं किया गया था . देसी रियासतों पर अंग्रेज अप्रत्यक्ष रूप
से राज करते थे. इस प्लान के तहत देसी रियासतों के बारे में कहा कि “ देसी रियासतों के बारे में कैबिनेट मिशन मेमोरंडम ( 12 मई 1946) के अन्दर जो व्यवस्था की गयी थी वह बरकरार
रहेगी “. कैबिनेट मिशन में बहुत स्पष्ट रूप से कहा गया था कि
भारत से अंग्रेजो के जाने बाद देसी रियास्तो पर ब्रिटिश अधिकार ( प्ररमौन्त्क्य)
समाप्त हो जाने के बाद देसी रियासते भविष्य में निर्मित होने वाले दोनों डोमिनियंस
के साथ अपने संबंधो का निर्धारण करेंगे.
भारतीय
स्वतंत्रता अधिनियम 1947 (Indian Independence Act
1947) युनाइटेड किंगडम की पार्लियामेंट द्वारा पारित वह विधान
है जिसके अनुसार ब्रिटेन शासित भारत का दो भागों (भारत तथा पाकिस्तान) में विभाजन किया गया। यह अधिनियम को 18 जुलाई 1947 को स्वीकृत हुआ और 15 अगस्त
1947 को भारत बंट गया। भारतीय संवैधानिक विकास के क्रम में अनेक विधेयक ब्रिटिश
संसद ने पारित किए लेकिन सन् 1947 का भारतीय
स्वतंत्रता अधिनियम ब्रिटिश संसद द्वारा भारत के
लिए अंतिम किन्तु सबसे अत्यधिक महत्वपूर्ण अधिनियम था। भारतीय स्वाधीनता अधिनियम
द्वारा भारत ने 200 वर्ष से चल रहा ब्रिटिश शासन
से मुक्ति प्राप्त की।
लॉर्ड
माउंटबेटन को भारत के विभाजन और सत्ता के त्वरित हस्तान्तरण के लिए भारत भेजा गया। 3 जून 1947 को माउंटबेटन ने अपनी योजना
प्रस्तुत की जिसमे भारत की राजनीतिक समस्या को हल करने के विभिन्न चरणों की
रुपरेखा प्रस्तुत की गयी थी। प्रारम्भ में यह सत्ता हस्तांतरण विभाजित भारत की
भारतीय सरकारों को डोमिनियन के दर्जे के रूप में दी जानी थीं।
माउंटबेटन
योजना के मुख्य प्रस्ताव
- भारत को भारत और पाकिस्तान में विभाजित किया जायेगा,
- बंगाल और पंजाब का विभाजन किया जायेगा और उत्तर पूर्वी सीमा प्रान्त और असम के सिलहट जिले में जनमत संग्रह कराया जायेगा।
- पाकिस्तान के लिए संविधान निर्माण हेतु एक पृथक संविधान सभा का गठन किया जायेगा।
- रियासतों को यह छूट होगी कि वे या तो पाकिस्तान में या भारत में सम्मिलित हो जायें या फिर खुद को स्वतंत्र घोषित कर दें।
· भारत और पाकिस्तान को सत्ता हस्तान्तरण के लिए 15 अगस्त 1947 का दिन नियत किया गया।
ब्रिटिश
सरकार ने भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम, 1947 को जुलाई 1947 में पारित कर दिया। इसमें ही वे प्रमुख प्रावधान शामिल थे जिन्हें
माउंटबेटन योजना द्वारा आगे बढ़ाया गया था।
सभी
राजनीतिक दलों ने माउंटबेटन योजना को स्वीकार कर लिया। सर रेडक्लिफ की अध्यक्षता में दो आयोगों का
ब्रिटिश सरकार ने गठन किया जिनका कार्य विभाजन की देख-रेख और नए गठित होने वाले
राष्ट्रों की अन्तर्राष्ट्रीय सीमाओं को निर्धारित करना था। स्वतंत्रता के समय
भारत में 562 छोटी और बड़ी रियासतें थीं। भारत के
प्रथम गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल जी ने इस सन्दर्भ में कठोर नीति का पालन
किया। 15 अगस्त 1947 तक जम्मू कश्मीर, जूनागढ़ व हैदराबाद जैसे कुछ
अपवादों को छोड़कर सभी रियासतों ने विलय पत्र पर हस्ताक्षर कर दिए थे। गोवा पर पुर्तगालियों और पुदुचेरी पर फ्रांसीसियों का अधिकार था।
सम्बन्धित
कालक्रम
1 सितंबर 1939 - 2 सितम्बर 1945 - द्वितीय
विश्वयुद्ध चला। युद्ध के पश्चात ब्रितानी सरकार ने आजाद हिन्द फौज के अधिकारियों पर मुकद्दमा
चलाने की घोषणा की, जिसका भारत में बहुत विरोध हुआ।
जनवरी
1946 - सशस्त्र सेनाओं में छोटे-बड़े अनेकों
विद्रोह हुए।
18
फरवरी सन् 1946 - मुम्बई में
रायल इण्डियन नेवी के सैनिकों द्वारा पहले एक पूर्ण हड़ताल की गयी और उसके बाद
खुला विद्रोह भी हुआ। इसे ही नौसेना विद्रोह या 'मुम्बई विद्रोह' (बॉम्बे
म्युटिनी) के नाम से जाना जाता है।
फरवरी 1946 - ब्रितानी प्रधानमंत्री एटली ने भारत में एक तीन सदस्यीय उच्चस्तरीय शिष्टमंडल भेजने की घोषणा की। इस
मिशन को विशिष्ट अधिकार दिये गये थे तथा इसका कार्य भारत को शांतिपूर्ण सत्ता
हस्तांतरण के लिये, उपायों एवं संभावनाओं को तलाशना था।
16
मई 1946 - आरंभिक बातचीत के बाद मिशन ने नई सरकार
के गठन का प्रस्ताव रखा जिसमें भारत को बिना बांटे सत्ता हस्तान्तरित करने की बात
की गयी थी।
16
जून 1946 - अपने १५ मई की घोषणा के उल्टा इस दिन
कैबिनेट मिशन ने घोषणा की कि भारत को दो भागों में विभाजित करके दोनों भागों को
सत्ता हस्तान्तरित की जाएगी।
20 फरवरी 1947 - ब्रिटेन के तत्कालीन प्रधानमन्त्री सर रिचर्ड
एडली ने घोषणा की कि ब्रितानी सरकार भारत को जून 1948
के पहले पूर्ण स्वराज्य का अधिकार दे देगी।
18
मार्च 1947 - एडली ने माउन्टबेटन को पत्र लिखा
जिसमें देशी राजाओं के भविष्य के बारे में ब्रितानी सरकार के विचार रखे।
3 जून 1947 - माउंटबेटन योजना प्रस्तुत ; इसका प्रमुख
बिन्दु यह था कि आगामी 15 अगस्त 1947 को भारत को दो भागों में विभाजित करके दो
पूर्ण प्रभुतासम्पन्न देश (भारत और पाकिस्तान) बनाए जाएंगे।
4
जून 1947 - माउण्टबैटन ने पत्रकार वार्ता की
जिसमें उन्होने 570 देशी रियासतों के प्रश्न पर अपने विचार रखे।
18 जुलाई 1947 - ब्रिटिश सरकार ने भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम पारित कर दिया।
15 अगस्त 1947 - ब्रितानी भारत का विभाजन / भारत और पाकिस्तान दो स्वतन्त्र राष्ट्र बने।
अगस्त
प्रस्ताव = 1940
क्रिप्स
मिशन = 1942
बेवेल
मिशन= 1945