सूबे के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक
विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों का तबादला और समायोजन अब नई स्थानांतरण नीति के
तहत होगा। नई नीति की घोषणा एक दो दिन में की जा सकती है।
हाईकोर्ट ने प्रदेश
सरकार से प्राप्त इस जानकारी के बाद 2017 की
स्थानांतरण नीति को चुनौती देने वाली याचिकाएं निस्तारित कर दी हैं। मगर कोर्ट ने
कहा है कि इस आदेश से नियम 8(2)(डी) के तहत किया जा रहा
शिक्षिकाओं का अंतरजनपदीय तबादला प्रभावित नहीं होगा।
आनंद कुमार सिंह और कई अन्य की याचिकाओं पर न्यायमूर्ति अश्विनी
कुमार मिश्र ने सुनवाई की। याचिकाओं में 13
जून 2017 को जारी स्थानांतरण नीति को चुनौती
दी गई थी।
इस नीति के तहत प्रदेश सरकार ने जिले के विभिन्न विद्यालयों में
पढ़ा रहे शिक्षकों को समायोजित करने का निर्णय लिया था। जिन विद्यालयों में अधिक
शिक्षक थे उनको दूसरे कम शिक्षक संख्या वाले विद्यालयों में समायोजित करने के
निर्णय को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई।
याचिका पर कोई निर्णय होने से पूर्व ही सुप्रीमकोर्ट ने
शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द कर दिया। इसके बाद प्रदेश सरकार ने स्वयं ही अपनी
नीति पर क्रियान्वयन रोक दिया था। याचीगण के अधिवक्ताओं का कहना था कि सरकार ने एक
साल बाद भी याचिका पर जवाब दाखिल नहीं किया है।
2017 की स्थानांतरण नीति समाप्त होने वाली है और
अब 2018-19 केलिए नई नीति जारी की जाएगी। इस पर कोर्ट ने प्रदेश
सरकार से जानकारी मांगी थी। सरकार के वकील ने बताया कि नई नीति लगभग तैयार है और
एक -दो दिन में घोषणा हो सकती है।
इस जानकारी के बाद कोर्ट ने याचिकाएं निस्तारित करते हुए प्रदेश
सरकार को नई नीति के तहत नियमानुसार निर्णय लेने को कहा है।