Tuesday, June 9, 2020

Abbas Tyabji,

अब्बास तैयबजी
जन्म- 1 फ़रवरी, 1854, मृत्यु- 9 जून1936,
अब्बास तैयबजी भारत की आज़ादी के लिए संघर्ष करने वाले क्रांतिकारी थे, जो गुजरात से थे। वे 34 वर्षों तक अंग्रेज़ों के अधीन देशी रियासतों की न्यायिक सेवा में विदेशी ठाट-बाट के साथ रहे, परंतु अंत में गांधीजी के प्रभाव से वह सत्याग्रही बन गए और उन्होंने जेल की सजाएं भोगीं।
अब्बास तैयब जी का जन्म 1 फ़रवरी, 1854 को वड़ोदरागुजरात में एक संपन्न परिवार में हुआ था। उस परिवार ने 1859 में यह सोचकर घर में हिंदुस्तानी भाषा का प्रयोग आरंभ कर दिया था कि आगे चलकर यही भारत की मुख्य भाषा होगी।
11 वर्ष की उम्र में ही अब्बास तैयबजी को इंग्लैंड भेज दिया गया। वहां से वह विदेशी आचार-विचार सीखकर तथा बैरिस्टर बनकर भारत लौटे और वड़ोदरा रियासत की नौकरी आरंभ की। सन 1913 में वह वहां के मुख्य न्यायाधीश बने।
कांग्रेस से अब्बास तैयबजी का संबंध 1885 ई. से ही था, पर वह ब्रिटिश सत्ता के भक्त थे। गांधीजी के संपर्क में आने पर उनका मोहभंग हो गया और 64 वर्ष की उम्र में वे असहयोग आंदोलन के समर्थक बन गए। उन्होंने कांग्रेस की जलियांवाला बाग हत्याकांड जांच समिति में काम किया और अपनी विदेशी वस्त्रों की होली जलाकर कुर्ता, पायजामा और गांधी टोपी धारण की।
अब्बास तैयबजी गुजरात प्रजामंडल के पदाधिकारी बनेबारदोली सत्याग्रह में भाग लिया और नमक सत्याग्रह में दांडी मार्च के समय गिरफ्तारी दी। 1935 में फिर उन्हें जेल में डाला गया। उल्लेखनीय है कि गांधीजी के सच्चे अनुयायी के रूप में अपनी वृद्धावस्था में अब्बास तैयबजी ने जेल की यातनाओं को सहन किया।
9 जून1936 को अब्बास तैयबजी का निधन हो गया।

ensoul

money maker

shikshakdiary

bhajapuriya bhajapur ke