Friday, April 13, 2018

डिग्रीधारक ही चला सकेंगे योग सेंटर

l  आयुष विभाग बना रहा एक्ट, जल्द मिलेगी मंजूरी
l  चिकित्सा प्रतिपूर्ति की भी मिलेगी सुविधा
गली-नुक्कड़ पर खुल रहे योग-नेचुरोपैथी सेंटरों पर लगाम लगेगी। एलोपैथ में झोलाछाप की तर्ज पर दस्तक दे चुके अप्रशिक्षित लोगों को लेकर सरकार चौकन्ना हो गई है। ऐसे में प्राचीनतम पद्धति का भरोसा कायम रखने के लिए एक्ट बनाया जा रहा है। इसके तहत डिग्री-डिप्लोमा धारक ही योग व नेचुरोपैथी सेंटर के संचालन के लिए वैध होंगे।
आयुर्वेद औषधि निर्माणशाला में गुरुवार को 'कैंसर और डायबिटीज की चुनौतियों' पर कार्यशाला हुई। इस दौरान आयुष सचिव मुकेश मेश्राम व स्वामी विवेकानंद योग अनुसंधान विश्वविद्यालय बेंगलुरु के कुलपति डॉ. एचआर नागेंद्र मौजूद रहे। आयुष सचिव ने कहा कि वर्तमान में आयुष विधा की लोकप्रियता काफी बढ़ रही है। वहीं नेचुरोपैथी के नाम पर अप्रशिक्षित लोग गली-मुहल्ले में मालिश के जरिए तमाम बीमारियों को ठीक करने का दावा कर रहे हैं। वहीं बगैर योगिक क्रिया के ज्ञान के योग सेंटर भी खोले जा रहे हैं, मगर इस पर लगाम लगेगी। सरकार योग सेंटर व नेचुरोपैथी के लिए एक एक्ट बना रही है, जिसे आयुर्वेद-यूनानी अधिनियम में ही शामिल किया जाएगा। ऐसे में पूरा कार्य औपचारिक ढंग से होगा। एक्ट में सेंटरों के रजिस्ट्रेशन से लेकर उसके संचालन के मानक तक तय होंगे।
साढ़े पांच वर्ष को होगा विशेष कोर्स
मुकेश मेश्राम ने कहा कि योग और नेचुरोपैथी के विशेषज्ञ तैयार किए जाएंगे। इसके लिए साढ़े पांच वर्षीय बैचलर ऑफ नेचुरोपैथी एंड यौगिक साइंसेस पाठ्यक्रम का संचालन होगा। इन्हें डॉक्टर लिखने की भी अनुमति होगी। वहीं डिप्लोमा कोर्स भी चलाए जाएंगे।
योग-नेचुरोपैथी में भी चिकित्सा प्रतिपूर्ति
आयुष सचिव ने कहा कि चिकित्सा प्रतिपूर्ति के दायरे में आने वाले स्टाफ को योग व नेचुरोपैथी की सुविधा के दायरे में लाया जाएगा। जो लोग इस विधा के जरिए इलाज कराएंगे, उनको चिकित्सा प्रतिपूर्ति संबंधी लाभ मिलेगा।
आयुष बैठक में चाय-काफी बंद
आयुष सचिव मुकेश मेश्राम ने कहा कि आयुष विभाग की बैठक में चाय-काफी, कोल्ड ड्रिंक आदि पर रोक लगा दी है। बैठक में जलजीरा, नींबू पानी या अन्य देशी उत्पाद ही लोगों को दिए जाएंगे।
डायबिटीज-कैंसर पर होगा वार
कुलपति डॉ. एचआर नागेंद्र ने कहा कि देश में डायबिटीज व कैंसर की रोकथाम के लिए स्क्रीनिंग प्रोग्राम चलेगा। यह स्वामी विवेकानंद योग अनुसंधान विश्वविद्यालय व भारत सरकार, राज्य सरकार के सहयोग से चलेगा। शुरुआत में यूपी के 18 मंडलों में बने मेडिकल कॉलेज, वेलनेस सेंटर, आयुष अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले मरीजों की जांच के साथ-साथ डाटा तैयार किया जाएगा, जो शोध में काम आएगा। साथ ही जागरूक भी किया जाएगा। कार्यक्रम में आयुर्वेद निदेशक डॉ. आरआर चौधरी, यूनानी निदेशक डॉ. सिकंदर हयात, होम्योपैथ निदेशक डॉ. वीके विमल, निर्माणशाला अधीक्षक डॉ. प्रकाश चंद्र समेत तमाम लोग मौजूद रहे।


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