Thursday, February 1, 2018

बजट 2018: जानें, 40 हजार के स्टैंडर्ड डिडक्शन से आपको कितना फायदा

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सैलरीड क्लास को राहत देने के नाम पर 40,000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन का ऐलान किया, दूसरी तरफ ट्रांसपोर्ट अलाउंस और मेडिकल रीइंबर्समेंट की सुविधा छीन ली है। अभी 15 हजार रुपये तक के मेडिकल बिल और 19,200 रुपये तक के ट्रांसपोर्ट अलाउंस पर टैक्स छूट की सुविधा मिलती है।
क्या होता है स्टैंडर्ड डिडक्शन ? 
स्टैंडर्ड डिडक्शन उसी एकमुश्त रकम को कहा जाता है जिसे वेतन से हुई कुल कमाई में से घटा दिया जाता है और उसके बाद टैक्सेबल इनकम की कैलकुलेशन किया जाता है। स्टैंडर्ड डिडक्शन की वापसी से वेतनभोगी वर्ग को सलाहकारों, स्वरोजगार वालों और फ्रीलांसरों के बराबर खड़ा कर दिया गया जिन्हें कमाई के लिए किए गए खर्च पर टैक्स डिडक्शन की छूट मिला करती है।
किसको, कितना फायदा ? 
मेडिकल रीइंबर्समेंट और ट्रांसपोर्ट अलाउंस पर टैक्स छूट वापस लेने से स्टैंडर्ड डिडक्शन लागू होने के बावजूद सैलरीड क्लास को महज 5,800 रुपये पर टैक्स कटौती का फायदा होगा। हालांकि, किसको कितना फायदा मिलेगा यह इस बात पर नर्भर करता है कि वह कौन से टैक्स स्लैब में आता है। आदर्श स्थिति 5% टैक्स स्लैब में आने वाले को 290 रुपये, 20% टैक्स स्लैब में आने वाले को 1160 रुपये और 30% टैक्स स्लैब में आने वाले को 1740 रुपये रुपये का फायदा होगा। हालांकि, 5 लाख तक की सालाना आय वालों को छोड़ दें तो ज्यादातर मामलों में यह फायदा भी नहीं मिलने वाला है। इसकी वजह है इनकम टैक्स पर सेस का 3 से बढ़कर 4% होना। स्टैंडर्ड डिडक्शन से जो फायदा मिलेगा इनकम टैक्स पर बढ़े हुए सेस की वजह से वह कम होता जाएगा या फिर अधिक टैक्स देनदारी के मामले में नुकसान ही होगा। 
पेंशनरों की बल्ले-बल्ले 
स्टैंडर्ड डिडक्शन की वापसी से पेंशनभोगी वर्ग को सीधा फायदा पहुंचा है। पहले उन्हें ट्रांसपोर्ट अलाउंस (परिवहन भत्ता) और चिकित्सा पर विभिन्न खर्चों (मिसलेनियस मेडिकल एक्सपेंसेज) का रीइंबर्समेंट नहीं मिला करता था। लेकिन, नए फैसले के दायरे में पेंशनर्स भी आ चुके हैं जिससे उनके टैक्सेबल इनकम में 40,000 रुपये की और कटौती हो जाएगी। यानी, अब उनका टैक्सेबल इनकम 40,000 रुपये कम हो जाएगा जिसका सीधा लाभ टैक्स सेविंग्स के रूप में होगा। 
जेटली का बयान
 
जेटली ने अपने बजट भाषण में कहा, 'वेतनभोगी करदाताओं को राहत देने के लिए मैं ट्रांसपोर्ट अलाउंस (परिवहन भत्ता) और चिकित्सा पर विभिन्न खर्चों (मिसलेनियस मेडिकल एक्सपेंसेज) के रीइंबर्समेंट की जगह 40,000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन की अनुमति दिए जाने का प्रस्ताव करता हूं। हालांकि, दिव्यांगजनों के लिए ट्रांसपोर्ट अलाउंस बढ़े दर से लागू रहेगा। साथ ही, अस्पताल में भर्ती होने आदि के मामले में सभी एंप्लॉयीज को अन्य मेडिकल रीइंबर्समेंट बेनिफिट्स मिलते रहेंगे।
,8000 करोड़ रुपये की चपत 
उन्होंने आगे कहा, 'इस फैसले से कागजी-कार्रवाई और नियम-कानूनों का झंझट कम होने के अलावा मध्य वर्ग के नौकरीपेशा लोगों के लिए टैक्स की देनदारी में भी कटौती हो जाएगी। स्टैंडर्ड डिडक्शन के फैसले का फायदा पेंशनभोगियों को भी मिलेगा जिन्हें परिवहन और चिकित्सा खर्च पर कोई भत्ता नहीं मिलता है। सरकारी खजाने पर इस फैसले का 8,000 करोड़ रुपये का असर होगा। स्टैंडर्ड डिडक्शन के ऐलान से कुल 2.5 करोड़ सैलरीड और पेंशनर्स को लाभ मिलेगा।
चिदंबरम ने खत्म किया था स्टैंडर्ड डिडक्शन 
पी. चिदंबरम ने बतौर वित्त मंत्री वित्त वर्ष 2005-06 के बजट भाषण में स्टैंडर्ड डिडक्शन खत्म करने का ऐलान किया था। तब स्टैंडर्ड इनकम में 30,000 रुपये या आय का 40% जो भी कम हो, वही रकम तय थी। तब 75,000 रुपये से 5 लाख रुपये की सालाना कमाई वालों को ही इसका लाभ मिलता था। 5 लाख रुपये से ज्यादा के ऐनुअल इनकम पर 20,000 रुपये का ही स्टैंडर्ड डिडक्शन ही मान्य था।





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