स्कूली शिक्षा को
मजबूती देने में जुटी सरकार ने आरटीई (शिक्षा के अधिकार) के दायरे को बढ़ाने का
फैसला किया है। इसके तहत टुकड़ों में बंटी स्कूली शिक्षा अब नर्सरी से वीं तक एक
ही स्कीम से संचालित होगी। बजट में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने स्कूली शिक्षा में
बड़े बदलावों की घोषणा करते हुए इसको एक दायरे में लाने का
प्रस्ताव रखा है।
इसमें नर्सरी को भी शामिल किया गया है। अभी तक नर्सरी की पढ़ाई किसी भी स्कीम में
शामिल नहीं थी। 1स्कूली शिक्षा का संचालन मौजूदा समय में प्राथमिक और माध्यमिक
स्तर पर अलग-अलग योजना के तहत होता है। काफी पहले से ही सरकार की मंशा रही है कि
इन सभी योजनाओं को एक कर स्कूली शिक्षा को एक डोर में बांधा जाए। इसके बाद ही इसकी
गुणवत्ता में सुधार हो पाएगा। बजट में सरकार ने नर्सरी से वीं तक शिक्षा को एक
दायरे में लाने की घोषणा कर अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है। बहरहाल इसके बाद होने
वाले बदलाव का अभी बजट में कोई उल्लेख नहीं किया गया है, लेकिन
माना जा रहा है कि नर्सरी से वीं तक की पढ़ाई आरटीई के दायरे में आ जाने के बाद यह
सभी के लिए मुफ्त हो जाएगी। अभी यह लाभ आरटीई के तहत एक से आठवीं तक की पढ़ाई करने
वाले विद्यार्थियों को मिल रहा है। इसके अलावा शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के
लिए जिलावार रणनीति बनाई जाएगी
शिक्षक प्रशिक्षण का
एकीकृत बीएड कार्यक्रम : बजट में स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के साथ ही
शिक्षकों की गुणवत्ता को भी बेहतर बनाने के लिए अहम प्रस्ताव हैं। शिक्षकों को
प्रशिक्षित करने के लिए एकीकृत बीएड कार्यक्रम शुरू करने का एलान किया गया है।
सरकार ने स्कूलों में पिछले 13 साल से पढ़ा रहे अप्रशिक्षित शिक्षकों को
प्रशिक्षित करने के लिए हाल ही में आरटीई में बदलाव भी किया है। ऐसे सभी शिक्षकों
को वर्ष 2019 तक प्रशिक्षित करने की समय-सीमा तय की गई है।वीं तक की शिक्षा हो
सकती है मुफ्त, अभी यह व्यवस्था आठवीं तक के लिए
अलग-अलग स्तर पर अभी
संचालित हो रही प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा
स्कूली शिक्षा में
बुलंद होगी तकनीक
स्कूली शिक्षा की
गुणवत्ता को सुधारने के लिए सरकार तकनीक का इस्तेमाल करेगी। इसके तहत देश भर के
सभी स्कूलों को अब ब्लैक बोर्ड की जगह डिजिटल बोर्ड से लैस किया जाएगा। हालांकि
स्कूलों को कब तक इससे लैस किया जाएगा, बजट
में इसका कोई उल्लेख नहीं है। लेकिन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जिस तरीके से
स्कूली शिक्षा में सुधार के लिए तकनीक के इस्तेमाल को बड़ा कदम बताया है, उससे
साफ है कि यह काम जल्द शुरू होगा। डिजिटल बोर्ड योजना के तहत स्कूलों में जो बड़े
बदलाव होने वाले है, उनमें छात्रों को अब किसी विषय से जुड़ी
जानकारी ऑनलाइन मिल सकेगी। साथ ही वह देश-दुनिया की सारी जानकारियों से भी रूबरू
हो सकेंगे। मौजूदा समय में ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों का काफी कमजोर
इंफ्रास्ट्रक्चर है। इसके चलते यहां पढ़ने वाले छात्रों को जरूरत के मुताबिक पाठ्य
सामग्री नहीं मिल पाती है।
तीन लाख करोड़ का
मुद्रा लोन
सरकार ने में मुद्रा
योजना के तहत तीन लाख करोड़ रुपये के लोन देने का फैसला किया है।1
स्कूली शिक्षा को
मजबूती देने में जुटी सरकार ने आरटीई (शिक्षा के अधिकार) के दायरे को बढ़ाने का
फैसला किया है। इसके तहत टुकड़ों में बंटी स्कूली शिक्षा अब नर्सरी से वीं तक एक
ही स्कीम से संचालित होगी। बजट में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने स्कूली शिक्षा में
बड़े बदलावों की घोषणा करते हुए इसको एक दायरे में लाने का
प्रस्ताव रखा है।
इसमें नर्सरी को भी शामिल किया गया है। अभी तक नर्सरी की पढ़ाई किसी भी स्कीम में
शामिल नहीं थी। 1स्कूली
शिक्षा का संचालन मौजूदा समय में प्राथमिक और माध्यमिक स्तर पर अलग-अलग योजना के
तहत होता है। काफी पहले से ही सरकार की मंशा रही है कि इन सभी योजनाओं को एक कर
स्कूली शिक्षा को एक डोर में बांधा जाए। इसके बाद ही इसकी गुणवत्ता में सुधार हो
पाएगा। बजट में सरकार ने नर्सरी से वीं तक शिक्षा को एक दायरे में लाने की घोषणा
कर अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है। बहरहाल इसके बाद होने वाले बदलाव का अभी बजट में
कोई उल्लेख नहीं किया गया है, लेकिन माना जा रहा है कि नर्सरी से वीं
तक की पढ़ाई आरटीई के दायरे में आ जाने के बाद यह सभी के लिए मुफ्त हो जाएगी। अभी
यह लाभ आरटीई के तहत एक से आठवीं तक की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों को मिल रहा
है। इसके अलावा शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए जिलावार रणनीति बनाई जाएगी
शिक्षक प्रशिक्षण का
एकीकृत बीएड कार्यक्रम : बजट में स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के साथ ही
शिक्षकों की गुणवत्ता को भी बेहतर बनाने के लिए अहम प्रस्ताव हैं। शिक्षकों को
प्रशिक्षित करने के लिए एकीकृत बीएड कार्यक्रम शुरू करने का एलान किया गया है।
सरकार ने स्कूलों में पिछले 13 साल से पढ़ा रहे अप्रशिक्षित शिक्षकों
को प्रशिक्षित करने के लिए हाल ही में आरटीई में बदलाव भी किया है। ऐसे सभी
शिक्षकों को वर्ष 2019
तक प्रशिक्षित करने की समय-सीमा तय की गई है।वीं तक की शिक्षा हो सकती है मुफ्त, अभी
यह व्यवस्था आठवीं तक के लिए
अलग-अलग स्तर पर अभी
संचालित हो रही प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा
स्कूली शिक्षा में
बुलंद होगी तकनीक
स्कूली शिक्षा की
गुणवत्ता को सुधारने के लिए सरकार तकनीक का इस्तेमाल करेगी। इसके तहत देश भर के
सभी स्कूलों को अब ब्लैक बोर्ड की जगह डिजिटल बोर्ड से लैस किया जाएगा। हालांकि
स्कूलों को कब तक इससे लैस किया जाएगा, बजट में इसका कोई उल्लेख नहीं है। लेकिन
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जिस तरीके से स्कूली शिक्षा में सुधार के लिए तकनीक के
इस्तेमाल को बड़ा कदम बताया है, उससे साफ है कि यह काम जल्द शुरू होगा।
डिजिटल बोर्ड योजना के तहत स्कूलों में जो बड़े बदलाव होने वाले है, उनमें
छात्रों को अब किसी विषय से जुड़ी जानकारी ऑनलाइन मिल सकेगी। साथ ही वह देश-दुनिया
की सारी जानकारियों से भी रूबरू हो सकेंगे। मौजूदा समय में ग्रामीण क्षेत्रों के
स्कूलों का काफी कमजोर इंफ्रास्ट्रक्चर है। इसके चलते यहां पढ़ने वाले छात्रों को
जरूरत के मुताबिक पाठ्य सामग्री नहीं मिल पाती है।