इलाहाबाद : उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ ने सोमवार को
जिलाधिकारी को सौंपे ज्ञापन में दो सौ रुपये में बच्चों के लिए स्वेटर खरीदने पर
असमर्थता व्यक्त की। शिक्षकों का कहना है कि शासनादेश में स्वेटर का प्रस्ताव
शिक्षकों के लिए चुनौती बन चुका है। शिक्षकों का कहना है कि प्रदेश सरकार ने अपने
स्तर से स्वेटर की खरीदारी के लिए एक बार में पैसा स्वेटर बनाने वाली फर्म को देने
का फैसला किया था। नई व्यवस्था के अंतर्गत अध्यापकों ओर प्रबंध समिति को आधा पैसा
पहले और आधा पैसा बाद में देने की बात कही गई है। इस व्यवस्था से कोई भी दुकानदार
स्वेटर देने के लिए तैयार नहीं है। बेसिक शिक्षा विभाग में अधिकारी निरंतर स्वेटर
वितरण के लिए दबाव बना रहे हैं। हालात ये हैं कि जनपद में अभी तक स्वेटर का पैसा
नहीं आया है। शिक्षक बिना पैसे के स्वेटर कैसे वितरित करें। जिलाध्यक्ष देवेंद्र
श्रीवास्तव का कहना है कि स्वेटर की गुणवत्ता के लिए जो मानक निर्धारित किए गए हैं
उसके अनुरूप किसी भी कंपनी ने उत्पाद बनाए ही नहीं है। नामचीन कंपनियां भी स्वेटर
का रंग एवं रोवें न निकलने की कोई गारंटी नहीं दे रहे हैं। ज्ञापन सौंपने वालों
में जिलामंत्री चिंतामणि त्रिपाठी सहित बड़ी संख्या में प्राथमिक शिक्षा से जुड़े
अध्यापक शामिल रहे। इसी क्रम में आदर्श शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन की सोमवार को हुई
बैठक में विभागीय अधिकारियों द्वारा 200 रुपये में प्रति छात्र स्वेटर की
खरीदारी पर दबाव का विरोध किया। संघ ने प्राध्यापकों से कहा है कि जब तक शासन से 300 प्रति स्वेटर का आदेश नहीं आ जाए
स्वेटर वितरण न किया जाए।