2 जुलाई को विश्व यूएफओ दिवस के तौर पर मनाया जाता है। यूएफओ का मतलब होता है 'अनआइडेंटिफाइड फ्लाइंग ऑब्जेक्ट' (अज्ञात उड़ने वाली वस्तु) या एलियन लाइफ फॉर्म्स। 2001 में एक संगठन 'विश्व यूएफओ दिवस संगठन' ने इस दिन को मनाने का फैसला किया ताकि यूएफओ में दिलचस्पी रखने वाले सभी लोग सबूत इकट्ठा कर सकें जो उन्होंने अलौकिक प्राणियों की मौजूदगी के सिद्धांत का समर्थन करने के लिए एकत्र किए हैं।
विश्व यूएफओ दिवस संगठन इस दिन को लोगों को यह
सोचने के लिए प्रोत्साहित करने को मनाता है कि मानव ब्रह्मांड में अकेला प्राणी नहीं हैं।
विश्व यूएफओ दिवस 24 जून को और कुछ अन्य
लोगों द्वारा दो जुलाई को मनाया जाता है। 24 जून को एविएटर केनेथ अर्नोल्ड ने अमेरिका में एक यूएफओ
देखा था। अर्नोल्ड ने यूएफओ को एक तश्तरी जैसी वस्तु या एक बड़े फ्लैट डिस्क
डिजाइन के रूप में वर्णित किया था। यह ऐसा डिजाइन है जो दशकों से यूएफओ के लिए
उपयोग किया जाता है।
वहीं दो जुलाई, 1947 को माना जाता है कि एक यूएफओ न्यू मैक्सिको के रोजवैल में
दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। ऐसा कहा गया कि 1947 में रोजवैल में यूएफओ तब दुर्घटनाग्रस्त हो गया जब अमेरिकी
वायुसेना एक शीर्ष-गुप्त परियोजना को अंजाम दे रही थी। दुर्घटना के एक गवाह विलियम
ब्रेजल ने बताया था कि यूएफओ का मलबा रबर स्ट्रिप्स और टिनफोइल से बना हुआ था।
इस दिन को मनाने के बहुत सारे तरीके हैं। यूएफओ
की तलाश के लिए विश्व यूएफओ दिवस संगठन लोगों को बाहर आकर सितारे देखने के लिए
प्रेरित करता है। संगठन के अनुसार, सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यूएफओ के विचार के साथ लोगों
को बाहर लाया जाया।
इस दिवस का उद्देश्य लोगों को जागरूक करके यह बताना है
कि वे आसमान में दिखने वाली अनजान चीज़ों के बारे में जानकारी दें। आमतौर पर आसमान
में उड़ती उड़नतश्तरी के आकार वाले ऑब्जेक्ट को यूएफओ (अनआइडेंटिफाइड फ्लाइंग
ऑब्जेक्ट) कहा जाता है। इनका आकार डिस्क या तश्तरी सा होता है। हालांकि, आज तक
यूएफओ यानि उड़नतश्तरी की मिस्ट्री अनसॉल्वड ही है। फेमस स्पेस साइंसटिस्ट्स
स्टीफन हॉकिन्स का कहना था कि जल्दी ही एलियंस से हमारा आमना-सामना होगा। हॉकिन्स
इसके लिए एक बहुत बड़े प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे। इस साल दुनिया की बड़ी
अंतरिक्ष एजेंसियों ने संकेत दिए हैं कि कहीं बाहर नहीं, बल्कि
एलियंस हमारे अपने ही सोलर सिस्टम में हैं।
कहां से आते हैं?
नासा के अनुसार सोलर सिस्टम में 4 जगहों
पर संभावित जीवन हो सकता है। मंगल के 3 उपग्रहों टाइटन,
यूरोपा व एनसेलडस शामिल हैं।
क्या संपर्क होगा?
साइंटिस्ट्स के अनुसार, अगले डेढ़ से दो दशकों में एलियन से
पृथ्वीवासियों का या तो संपर्क होगा या उनसे मिलना संभव हो जाएगा।
कुल 12,500 घटनाएं
बीते कुछ दशकों में यूएफओ ऑर्गनाइजेशन ने उड़नतश्तरी देखे जाने के 12500 से
ज्यादा मामले दर्ज किए हैं।
एलिएंस अगर हुए तो
इसे लेकर सकारात्मक व नकारात्मक दोनों बातें कही जाती हैं। स्पेस
साइंटिस्ट स्टीफन हॉकिन्स सावधान कर गए हैं कि जिस दिन हमारा एलियंस से सामना हो
गया,
हो सकता है कि वो पृथ्वी पर नियंत्रण करना चाहें।
जर्मनी
1561
दुनिया में सबसे पहले जर्मनी के नूरेमबर्ग में अप्रैल 1561 में
लोगों ने आसमान में बड़े ग्लोब्स, विशालकाय क्रॉस और
अजीबोगरीब प्लेट जैसी चीज़ें देखे जाने का दावा किया। उस समय के चित्रों और लकड़ी
की कटिंग से उस घटना की जानकारी मिलती है।
टेक्सास 1897
लोगों ने सिगार के आकार की कोई बड़ी चीज देखी, जो
कथिततौर पर विंडमिल से जा टकराई। टेक्सस हिस्टोरिकल कमिशन को एक संकेत मिला जिसमें
इस बात का जिक्र था कि 1897 में यहां एक विमान
दुर्घटनाग्रस्त हुआ, जिसके मलबे से एक एलियन के शव को भी
निकाला गया और किसी अनजान जगह पर उसे दफना दिया गया।
नई दिल्ली 1951
नई दिल्ली में एक फ्लाइंग क्लब के 25 सदस्यों के सिगार
के आकार की कोई चीज देखी, जो करीब 100 फुट
लंबी थी। यूएफओ अचानक कुछ देर बाद आंखों से ओझल हो गया। यह घटना वर्ष 1951 में 15 मार्च सुबह 10.20 बजे
की बताई जाती है।
शिकागो 2006
शिकागो में ओ हारे इंटनेशनल एयरपोर्ट पर गेट सी-17 के ऊपर
एक विचित्र उड़नतश्तरी जैसी चीज़ उड़ती दिखाई दी। कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया
कि वे इस बात से परेशान है कि न तो सरकार है और न ही यूनाइटेड एयरलाइंस की ओर से
इस घटना का जायजा लिया गया।
कोलकाता 2008
29 अक्टूबर 2008 को पूर्वी
कोलकाता में तड़के 3.30 से 6.30 बजे के
बीच आसमान में तेजी से एक बड़ी चीज़ जाती दिखी। इसे एक हैंडीकैम से फिल्माया गया।
अजीबोगरीब चीज़ से कई रंग निकलते दिखाई दिए। कई लोगों ने इसे देखा और यूएफओ की एक
झलक पाने के लिए ईएम बाइपास पर सैकड़ों लोगों की भीड़ जमा हो गई।