इतिहास के पन्ने पलटने पर ज्ञात होता है कि वर्ष 1923 से अन्तर्राष्ट्रीय सहकारिता संघ द्वारा हर वर्ष जुलाई माह के पहले शनिवार को विश्व सहकारिता दिवस मनाया जाता है। इस अवसर पर नियमतः अंतर्राष्ट्रीय सहकारी एलायंस (आईसीए) अपने सदस्यों से अपील करता है कि वे सहकारी आंदोलन को बढ़ावा दें और घटनाओं के आयोजन, पैरवी में हिस्सा लेकर, आदि द्वारा अपने अभियान आदि में राष्ट्रीय और स्थानीय सहकारी पहल का समर्थन करें.सहकारी समितियों को मजबूत बनाने और स्थानीय, राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता आंदोलन और सरकार सहित अन्य अभिनेताओं के बीच साझेदारी को मजबूत करने के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए आईसीए और अन्य संयुक्त राष्ट्र संगठन संदेश जारी करता है। वर्ष 1923 में जुलाई माह के प्रथम शनिवार को मनाये गये पहले विश्व सहकारिता दिवस को सहकारिता को सर्वमान्य पहचान देने का उद्देश्य रखा गया था। अन्तर्राष्ट्रीय सहकारिता संघ के तत्कालीन अध्यक्ष श्री जी जे डी सी. गोदर्थ ने सहकारी आन्दोलन के विकास में बाधा बने कारणों की तरफ ध्यान आकृष्ट कर यह प्रस्ताव रखा कि प्रत्येक देश में प्रचार -प्रसार दिवस या प्रचार-प्रसार संध्या समारोह आयोजित कर विश्व भर में यह बताया जाये कि सहकारिता आन्दोलन क्या कर रहा है। यह प्रस्ताव स्वीकार किया गया और वर्ष 1922 में सम्पन्न कार्यकारिणी की बैठक में जुलाई के प्रथम शनिवार को विश्व सहकारिता दिवस मनाने का निर्णय लिया गया। तभी से हर वर्ष विश्व सहकारिता दिवस मनाया जा रहा है। 1923 में जब प्रथम बार इसका आयोजन हुआ तब इसमें सहकारिता का संवर्धन, अन्तर्राष्ट्रीय एकता, आर्थिक दक्षता, शांति और समानता की चर्चा प्रमुखता से हुई। विश्व सहकारी आंदोलन के शीर्ष संस्थान अन्तर्राष्ट्रीय सहकारी परिसंघ की स्थापना 1885 में हुई थी।
16 दिसंबर, 1992 को, संयुक्त
राष्ट्र की आम बैठक (UNGA) ने "जुलाई
1995 के
प्राथमिक शनिवार को अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता दिवस के रूप में घोषित किया, जो
अंतर्राष्ट्रीय सहकारी गठबंधन की संस्था के शताब्दी वर्ष को दर्शाता है।" 1995
के
बाद से, संयुक्त
राष्ट्र के सहकारिता दिवस को अंतर्राष्ट्रीय सहकारी दिवस के साथ व्यापक रूप से
जाना जाता है।
अंतर्राष्ट्रीय सहकारी दिवस 2021 का विषय शनिवार 3 जुलाई 2021 को मनाया जाने वाला “एक साथ बेहतर पुनर्निर्माण” है