National Dengue Day
तथ्य
- ‘डेंगू’ डेंगू वायरस के कारण होने वाला एक वायरल रोग है।
- डेंगू
चार डेंगू वायरसों में से किसी एक से मादा एडीज इजिप्टी मच्छर के काटने से
होता है।
- एडीज
इजिप्टी मच्छर दिन के समय काटता है।
- व्यक्ति
में संक्रामक काटने के बाद तीन से चौदह दिनों के भीतर लक्षण विकसित होते है।
- रोगी
जो कि पहले से ही डेंगू वायरस से संक्रमित हैं, लक्षणों की शुरुआत के चार से
पांच दिनों के दौरान एडीज मच्छरों के माध्यम से दूसरे व्यक्ति को संक्रमित कर
सकता हैं।
- डेंगू
की रोकथाम और नियंत्रण प्रभावी वेक्टर नियंत्रण उपायों पर निर्भर करता है।
लक्षण
- डेंगू
में अचानक तेज़ बुख़ार के साथ बुख़ार की शुरुआत, गंभीर सिरदर्द, आंखों के पीछे दर्द, मांसपेशियों एवं जोड़ों
में दर्द और चकत्ते हो जाते है।
- डेंगू
हेमोरेजिक बुख़ार में तीव्र बुख़ार की शुरुआत होती है जिसके बाद पेट दर्द, उल्टी, रक्तस्राव
होता है। मामलों का छोटा सा हिस्सा घातक रोग जैसे कि डेंगू शॉक सिंड्रोम दिखा सकता है।
उपचार
डेंगू के लिए कोई विशिष्ट एंटीवायरल
दवाएं नहीं हैं। चिकित्सक द्वारा प्रारंभिक नैदानिक निदान और पर्याप्त नैदानिक
प्रबंधन मृत्यु दर को एक प्रतिशत से कम करता है। रोगी के लिए पैरासिटामोल के साथ
एनाल्जेिसिक का उपयोग तथा अधिक
से अधिक मात्रा में तरल पदार्थों पीना और पर्याप्त आराम करना महत्वपूर्ण है।
एसिटाइलसैलिसाइलिक एसिड और गैर स्टेरॉयड एंटी-इंफ्लैमेटरी ड्रग्स के उपयोग की सिफ़ारिश नहीं की जाती है।
रोकथाम और नियंत्रण
राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के निदेशालय, भारत में डेंगू की निगरानी और रोकथाम के लिए
नोडल केंद्र है। एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम देश में डेंगू रोग की निगरानी और
प्रकोप का पता लगाने/जांच में भी मदद करता है।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार ने यह
अधिसूचना जारी की है कि डेंगू के सभी मामलों की सूचना देना अनिवार्य है। सभी
सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों और निजी अस्पतालों तथा नैदानिक केंद्रों को संबंधित जिले
के जिला स्वास्थ्य प्राधिकरण के कार्यालय को संचारण के मौसम के दौरान नियमित या
साप्ताहिक अपने स्वास्थ्य संस्थान में दर्ज किए गए संदिग्ध डेंगू के मामलों की
सूचना देना अनिवार्य है।
सावधानियाँ
- कूलर
और अन्य छोटे बर्तनों, प्लास्टिक के बर्तनों, बाल्टियों, उपभोग किए गए ऑटोमोबाइल टायरों, कूलर, पालतू पशुओं के
पीने के पानी के बर्तनों और फूलदान का पानी सप्ताह में कम से कम एक बार अवश्य बदला जाना चाहिए।
- उपयुक्त
लाविसाइड का उपयोग जल भंडारण बर्तनों
में किया जाना चाहिए, जिन्हें खाली नहीं किया जा सकता
है।
- पानी
भंडारण के बर्तनों को ढक्कन से ढका जाना चाहिए।
- मच्छरों
के काटने से बचने के लिए दिन में एरोसोल का उपयोग किया जा सकता है।
- संचारण
के मौसम के दौरान सभी लोग को हाथों
और पैरों को ढकने वाले कपड़े पहनने चाहिए।
- दिन
में सोने के दौरान मच्छरदानी या मच्छर भागने वाले उत्पादों का उपयोग किया जा
सकता है।
- मच्छरों
के काटने को रोकने के लिए खिड़की की स्क्रीन, कीटनाशकयुक्त मच्छर दानी,
कॉइल्स और
कीटनाशकों का छिड़काव जैसे व्यक्तिगत सुरक्षा उपाय का उपयोग किया जा सकता है।
- डेंगू के रोगी को मच्छर के काटने से बचाया जाना चाहिए। यह अन्य लोगों में डेंगू फैलने से रोकेगा।