विश्व परिवार दिवस (International
Day of Families) 15 मईको मनाया जाता है। प्राणी जगत
में परिवार सबसे छोटी इकाई
है या फिर इस समाज में भी परिवार सबसे छोटी इकाई है। यह सामाजिक संगठन की मौलिक इकाई है। परिवार के अभाव
में मानव समाज के संचालन की कल्पना भी दुष्कर है। प्रत्येक व्यक्ति किसी न किसी
परिवार का सदस्य रहा है या फिर है। उससे अलग होकर उसके अस्तित्व को सोचा नहीं जा
सकता है। हमारी संस्कृति और
सभ्यता कितने ही परिवर्तनों को स्वीकार करके अपने को परिष्कृत कर ले, लेकिन परिवार संस्था के अस्तित्व पर कोई भी आंच नहीं आई। वह बने और बन कर
भले टूटे हों लेकिन उनके अस्तित्व को नकारा नहीं जा सकता है। उसके स्वरूप में
परिवर्तन आया और उसके मूल्यों में परिवर्तन हुआ लेकिन उसके अस्तित्व पर
प्रश्नचिह्न नहीं लगाया जा सकता है। हम चाहे कितनी भी आधुनिक विचारधारा में हम पल
रहे हो लेकिन अंत में अपने संबंधों को विवाह संस्था से जोड़ कर परिवार में
परिवर्तित करने में ही संतुष्टि अनुभव करते हैं।
15 मई
को संयुक्त राष्ट्र के मुख्यालय और दुनिया भर में अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस
मनाया जाता है। 1993 में संयुक्त राष्ट्र महासभा
ने संकल्प ए/आरईएस/47/237 के साथ आधिकारिक तौर पर इसकी
घोषणा की थी और यह दिवस यह दर्शाता है कि वैश्विक समुदाय परिवारों को कैसे जोड़ा
जाए। यह परिवारों से संबंधित मुद्दों के बारे में जागरूकता फैलाने और परिवारों को
प्रभावित करने वाले आर्थिक, जनसांख्यिकीय और सामाजिक
प्रक्रियाओं के ज्ञान को बढ़ाने के लिए अवसर प्रदान करता है।
यूनिवर्सल
पीस फेडरेशन भी इस दिन का जश्न मनाने में पीछे नहीं रहता क्योंकि यह परिवार को एक
वैश्विक समुदाय के लघु रूप में पेश करता है। यूनिवर्सल पीस फेडरेशन यह भी मानता है
कि परिवार में स्थायी शांति सबसे समर्पित सामाजिक इकाई (शांति और प्यार का स्कूल)
है।
20 सितंबर 1993 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने ए/आरईएस/47/237 नामित
एक संकल्प पारित किया जिसने 44/82 नामक संकल्प को
दोहराया जिसे दिसंबर 1989 में उत्तीर्ण किया गया
था और 46/92 नामित संकल्प पारित किया गया जिसे
दिसंबर 1991 में उत्तीर्ण किया गया था। इन्हें
पुन: निर्दिष्ट और दुनिया भर के परिवारों के बेहतर जीवन मानकों और सामाजिक प्रगति
को प्रोत्साहित करने और संयुक्त राष्ट्र के दृढ़ संकल्प को प्रदर्शित करने के लिए
पारित किया गया।
1994 में संयुक्त राष्ट्र ने आधिकारिक रूप से संशोधित आर्थिक और सामाजिक संरचनाओं के जवाब में परिवारों के अंतर्राष्ट्रीय दिवस को घोषित किया जो दुनिया के कई हिस्सों में स्थिरता और परिवार इकाइयों की संरचना को प्रभावित करते हैं। यह दिन 1993 में शुरू किया गया था और दुनिया भर में लोगों, समाजों, संस्कृतियों और परिवारों के सार को मनाने के लिए काम करने के लिए एक अवसर के रूप में कार्य करता है। अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस के प्रतीक (सिंबल) में एक हरे गोलाकार चित्र में लाल रंग की छवि शामिल है। इस प्रतीक (सिंबल) में एक घर और एक दिल शामिल हैं। इससे यह तथ्य साफ़ होता है कि परिवार किसी भी समाज का केंद्र हिस्सा हैं और वे सभी आयु वर्ग के लोगों के लिए एक समर्थन और स्थिर घर प्रदान करते हैं।
अथर्ववेद में परिवार की कल्पना करते हुए कहा गया है,
अनुव्रतः
पितुः पुत्रो मात्रा भवतु संमनाः।
जाया पत्ये मधुमतीं वाचं वदतु शन्तिवाम्॥
जाया पत्ये मधुमतीं वाचं वदतु शन्तिवाम्॥
अर्थात पिता के प्रति पुत्र निष्ठावान हो। माता के साथ पुत्र एकमन वाला हो। पत्नी पति
से मधुर तथा कोमल शब्द बोले।
परिवार कुछ लोगों के साथ रहने से नहीं बन जाता। इसमें रिश्तों की एक मज़बूत डोर होती है, सहयोग के अटूट बंधन होते हैं, एक-दूसरे की सुरक्षा के वादे और इरादे होते हैं। हमारा यह फ़र्ज़ है कि इस रिश्ते की गरिमा को बनाए रखें। हमारी संस्कृति में, परंपरा में पारिवारिक एकता पर हमेशा से बल दिया जाता रहा है। परिवार एक संसाधन की तरह होता है। परिवार की कुछ अहम ज़िम्मेदारियां भी होती हैं। इस संसाधन के कई तत्व होते हैं।
परिवार कुछ लोगों के साथ रहने से नहीं बन जाता। इसमें रिश्तों की एक मज़बूत डोर होती है, सहयोग के अटूट बंधन होते हैं, एक-दूसरे की सुरक्षा के वादे और इरादे होते हैं। हमारा यह फ़र्ज़ है कि इस रिश्ते की गरिमा को बनाए रखें। हमारी संस्कृति में, परंपरा में पारिवारिक एकता पर हमेशा से बल दिया जाता रहा है। परिवार एक संसाधन की तरह होता है। परिवार की कुछ अहम ज़िम्मेदारियां भी होती हैं। इस संसाधन के कई तत्व होते हैं।
दूलनदास ने कहा
है,
दूलन
यह परिवार सब, नदी
नाव संजोग।
उतरि परे जहं-तहं चले, सबै बटाऊ लोग॥
उतरि परे जहं-तहं चले, सबै बटाऊ लोग॥
जैनेन्द्र
ने इतस्तत में कहा है,
“परिवार
मर्यादाओं से बनता है। परस्पर कर्त्तव्य होते हैं, अनुशासन
होता है और उस नियत परम्परा में कुछ जनों की इकाई हित के आसपास जुटकर व्यूह में
चलती है। उस इकाई के प्रति हर सदस्य अपना आत्मदान करता है, इज़्ज़त ख़ानदान की होती है। हर एक उससे लाभ लेता है और अपना त्याग देता
है”।
भारतीय परिवार
भारत
मुख्यत: एक कृषि प्रधान देश है। यहाँ की पारिवारिक रचना
कृषि की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर की गयी है। इसके अतिरिक्त भारतीय परिवार में
परिवार की मर्यादा और आदर्श परंपरागत है। विश्व के किसी अन्य समाज़ में गृहस्थ
जीवन की इतनी पवित्रता, स्थायीपन, और पिता - पुत्र, भाई - भाई और पति - पत्नी के
इतने अधिक व स्थायी संबंधों का उदाहरण प्राप्त नहीं होता। विभिन्न क्षेत्रों, धर्मों, जातियों में सम्पत्ति के अधिकार, विवाह और विवाह विच्छेद आदि की प्रथा की दृष्टि से अनेक भेद पाए जाते हैं, किंतु फिर भी 'संयुक्त परिवार' का आदर्श सर्वमान्य है। संयुक्त परिवार में संबंधी पति - पत्नी, उनकी अविवाहित संतानों के अति रिक्त अधिक व्यापक होता है। अधिकतर परिवार
में तीन पीढ़ियों और कभी कभी इससे भी अधिक पीढ़ियों के व्यक्ति एक ही घर में, अनुशासन में और एक ही रसोईघर से संबंध रखते हुए सम्मिलित संपत्ति का उपभोग
करते हैं और एक साथ ही परिवार के धार्मिक कृत्यों तथा संस्कारों में भाग लेते हैं।
मुसलमानों और ईसाइयों में संपत्ति के नियम भिन्न हैं, फिर
भी संयुक्त परिवार के आदर्श, परंपराएँ और प्रतिष्ठा के
कारण इनका सम्पत्ति के अधिकारों का व्यावहारिक पक्ष परिवार के संयुक्त रूप के
अनुकूल ही होता है। संयुक्त परिवार का कारण भारत की
कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था के अतिरिक्त प्राचीन परंपराओं
तथा आदर्श में निहित है। रामायण और महाभारत की
गाथाओं द्वारा यह आदर्श जन जन प्रेषित है।
परिवार संस्था का विकास
विवाह का
परिवार के स्वरूपों से गहन संबंध है। 'लेविस मार्गन' जैसे विकासवादियों का मत है कि मानव समाज की प्रारंभिक अवस्था में विवाह
प्रथा प्रचलित नहीं थी और समाज में पूर्ण कामाचार का प्रचलन था। इसके बाद समय के
साथ साथ धीरे धीरे सामाजिक विकास के क्रम में 'यूथ
विवाह', जिसमें कई पुरुषों और कई स्त्रियों का सामूहिक
रूप से पति पत्नी होना), 'बहुपति' विवाह, 'बहुपत्नी' विवाह
और 'एक पत्नी' या 'एक पति' की व्यवस्था समाज में विकसित हुई।
वस्तुत: 'बहुविवाह' और 'एकपत्नी' की प्रथा असभ्य एवम सभ्य दोनों ही
समाजों में पाई जाती है। अत: यह मत सुसंत प्रतीत नहीं होता। मानव शिशु के पालन
पोषण के लिए एक दीर्घ अवधि अपेक्षित है। पहले शिशु की बाल्यावस्था में ही दूसरे
अन्य छोटे शिशु उत्पन्न होते रहते हैं। गर्भावस्था और प्रसूति के समय में माता की
देख-रेख का होना आवश्यक है। पशुओं की भाँति मनुष्य में रति की कोई विशेष ऋतु
निश्चित नहीं है। अत: संभावना है कि मानव समाज के आरंभ में या तो पूरा समुदाय ही
या केवल पति पत्नी और शिशुओं का समूह ही परिवार कहलाता था।
अंतर्राष्ट्रीय
परिवार दिवस (इंटरनेशनल डे ऑफ़ फैमिलीज़) क्यों मनाया जाता है
हर साल अंतर्राष्ट्रीय
परिवार दिवस मनाया जाता है। इस अंतरराष्ट्रीय दिवस का उद्देश्य परिवार के महत्व को
स्वीकार करना और दुनिया भर के लोगों को परिवारों को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर
जागरूकता बढ़ाने का है। यह वार्षिक उत्सव इस बात को दर्शाता है कि वैश्विक समुदाय
परिवारों को समाज की प्राथमिक इकाइयों के रूप में जोड़ता है। अंतर्राष्ट्रीय
परिवार दिवस उचित परिस्थितियों को बढ़ावा देने के अलावा परिवारों से संबंधित
मुद्दों पर जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए परिस्थितियों का सही मेल प्रदान करता
है। यह दिन सभी देशों में परिवारों के सर्वोत्तम हित में एक शक्तिशाली जागृति कारक
के रूप में कार्य करता है जो इस अनुकूल अवसर से स्वयं को लाभ देता है और प्रत्येक
समाज के लिए अनुकूल परिवारों से संबंधित मुद्दों के समर्थन का प्रदर्शन करता है।
वर्षों से इस दिवस ने, अपने स्वयं के परिवार दिवस या जागरूकता कार्यक्रमों को बनाने के लिए
दुनिया के कई देशों को प्रेरित किया है जो कि परिवार के मुद्दों पर ध्यान देने के
लिए समुदाय पर आधारित हैं।
थीम
वर्ष 1996 के बाद से संयुक्त राष्ट्र के महासचिव ने एक विशेष आदर्श वाक्य पर ध्यान
देने के लिए प्रत्येक वर्ष अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस के जश्न के लिए एक थीम को
निर्दिष्ट किया है। अधिकांश थीम बच्चों की शिक्षा, गरीबी, पारिवारिक संतुलन और सामाजिक मुद्दों को दुनिया भर के परिवारों की भलाई के
इर्द-गिर्द घूमती है।
अंतर्राष्ट्रीय
परिवार दिवस (इंटरनेशनल डे ऑफ़ फैमिलीज़) कैसे मनाया जाता है
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर
परिवार दिवस को दुनिया भर में विभिन्न तरीकों से मनाया जाता है। कुछ समुदायों ने
वर्ष के लिए निर्धारित थीम के लिए प्रासंगिक विचारों के अनुरूप चर्चा या सार्वजनिक
प्रदर्शनियों को व्यवस्थित करके इस दिन को मनाने का विकल्प चुना है। अन्य समुदाय
युवाओं और बच्चों के लिए शिक्षा सत्र आयोजित करके दिन का जश्न मनाते हैं।
सार्वजनिक अधिकारी नीतियों पर चर्चा करने के लिए नीति बैठकें भी आयोजित करते हैं
जो परिवारों को सीधे प्रभावित करती हैं। कुछ लोग अपने परिवार के साथ इस दिन को
मनाते हैं। हालांकि इस दिन को पूरे विश्व में विभिन्न समुदायों और लोगों द्वारा
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाता है फिर भी इस दिन को सार्वजनिक अवकाश के रूप में
घोषित नहीं किया गया है। इसलिए इस दिन सभी सरकारी कार्यालय खुले रहने की संभावना
है साथ ही व्यवसाय और डाक वितरण सेवाएं भी।
हाल के वर्षों में दुनिया
भर में हुए आयोजनों में से कुछ उदाहरण निम्नानुसार हैं:
भारत
अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस
हर साल भारत में विभिन्न परिवारों के मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाने और परिवारों के
महत्व को स्वीकार करने के लिए मनाया जाता है। यह दिन देश के विभिन्न संगठनों
द्वारा मनाया जाता है जहां संगठन के सदस्य और साथ ही उनके परिवार के सदस्य अलग-अलग
कार्यक्रमों में भाग लेते हैं। अलग-अलग कंपनियां हर साल अपने कर्मचारियों के
परिवारों को कंपनी के कामकाज के साथ परिचित कराने और उन्हें शेष कर्मचारियों से
मेल-जोल बढ़ाने के लिए इस दिवस का आयोजन करती हैं। कई संगठन घर के टुकड़ों और कारों
के साथ फोटो बूथ का सेट तैयार करते हैं और उनके साथ तस्वीरें खींचते हैं। कई खेल
वयस्कों के साथ-साथ बच्चों के लिए अपने परिवारों के साथ दिन बिताने के लिए आयोजित
किए जाते हैं। परिवारों के मनोरंजन के लिए संगीत, नृत्य आदि का लाइव प्रदर्शन
किया जाता है। मेहमान अपने परिवार की तस्वीरों को चिपकाने और अपने रिश्तों को साझा
करने के लिए कार्यक्रम के अंत में फोटो फ़्रेम भी उपहार में देते हैं।
कुछ परिवार इस दिन को एक
साथ व्यतीत करके, अच्छे व्यंजन पका कर, फिल्में देख कर और कई
अन्य तरीकों से भी मनाते हैं।
कनाडा
परिवारों और समुदायों को
पारिवारिक जीवन और परिवारों के महत्व को बताने के लिए कनाडा में हर साल अंतर्राष्ट्रीय
दिवस का जश्न मनाया जाता है। यह कनाडा के लोगों को उनके प्रियजनों के साथ गुणवत्ता
का समय बिताने के लिए एक सुनहरा अवसर प्रदान करता है। अधिकांश लोग अपने पूरे
परिवार के साथ कई प्रकार की गतिविधियों में शामिल हो जाते हैं। वे रात्रिभोज के
लिए जाते हैं, स्केटिंग
करते हैं, पारिवारिक व्यंग कसते हैं, फिल्मों के लिए एक साथ जाते हैं और क्राफ्टिंग में भाग लेते हैं। कुछ
परिवार अनाथ बच्चों, अंधे लोगों के लिए स्कूलों, वृद्ध आश्रमों और कैंसर सोसायटी आदि समेत समाज के गैर अनुदानित वर्ग के
बारे में अपने बच्चों को शिक्षित करने के साथ अपना दिन बिताते हैं। संग्रहालयों और
आर्ट गैलरियों समेत कई समुदाय अक्सर परिवारों के लिए विशेष प्रस्ताव प्रदान करते
हैं जैसे कम प्रवेश शुल्क कीमतें रखकर या परिवारों के लिए विशेष कार्यक्रमों की
योजना बना कर। स्कूलों को इस दिन बंद कर दिया जाता है लेकिन इस दिन को एक
राष्ट्रीय वैधानिक अवकाश नहीं घोषित किया गया है।
दक्षिण अफ्रीका
दक्षिण अफ्रीका में विशेष
परिस्थितियां हैं जो परिवारों की स्थिति और संरचना पर गहरा प्रभाव डालती हैं।
इसमें रंगभेद का इतिहास और विशेष रूप से प्रवासी मजदूरों की व्यवस्था शामिल है। गरीबी
देश में पारिवारिक जीवन को काफी हद तक प्रभावित करती है। एचआईवी/एड्स की महामारी
ने परिवार के सदस्यों की सेहत और स्वास्थ्य को बहुत प्रभावित किया है तथा इसने
बच्चों पर अतिरिक्त बोझ डाल दिया है। दक्षिण अफ्रीका में अंतर्राष्ट्रीय परिवार
दिवस परिवारों के स्वस्थ जीवन पर केंद्रित हैं। प्रतिवर्ष यह दिन देश के विभिन्न
क्षेत्रों में स्थिरता और परिवार इकाइयों की संरचना को प्रभावित करने वाले बदलते
आर्थिक और सामाजिक संरचनाओं के संबंध में मनाया जाता है।
यह दिन दक्षिण अफ्रीका में
हर साल मनाया जाता है। लोग अपने परिवार के साथ मिलकर आराम करते हुए और भोजन या
अलग-अलग पेय का आनंद उठाते हुए इस दिन का जश्न मनाते हैं। अंतर्राष्ट्रीय परिवार
दिवस के उपलक्ष पर दक्षिण अफ्रीका में राष्ट्रीय अवकाश होता है और इस दिन अधिकांश
दुकानें और कार्यालय बंद रहते हैं।
इटली
इटली में अंतर्राष्ट्रीय
परिवार दिवस संयुक्त राष्ट्र द्वारा उस वर्ष के लिए निर्धारित थीम के अनुसार मनाया
जाता है। कई समुदाय विभिन्न सम्मेलनों और कार्यक्रमों का आयोजन करके इस दिन को
इक्कठा मनाते हैं। कुछ कार्यक्रमों में कविताएँ सुनाई जाती हैं जो पूरे परिवार -
माता-पिता, दादा-दादी, दंपति और बच्चों के लिए समर्पित होती है। अलग-अलग जातियों, धर्मों और समुदायों के विभिन्न जोड़े अपने परिवार के जीवन पर प्रशंसापत्र
देते हैं जो अतुलनीय पारिवारिक मूल्य का समर्थन करते हैं। परिवारों को एक साथ आनंद
उठाने के लिए आयोजित कार्यक्रमों में संगीत और नृत्य का भी आयोजन किया जाता है।
अन्य मनोरंजन गतिविधियों को भी युवाओं के साथ-साथ बुजुर्गों और परिवार के सभी
सदस्यों के लिए उपयोगी जानकारी प्रदान करने के साथ संगठित किया जाता है।
इस दिन पर परिवारों की
भूमिका, परिवार
की नीति के विकास में वर्तमान रुझान, अच्छे अभ्यासों को
साझा करने तथा समाधानों का अनुपालन और अनुशंसा करने के लिए राष्ट्र द्वारा सामना
करने वाली चुनौतियों का पुनरीक्षण किया जाता है।
ऑस्ट्रेलिया
ऑस्ट्रेलिया में हर साल
अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस राष्ट्रीय सप्ताह के रूप में पूरा हफ्ता मनाया जाता है।
यह 15 मई से 21 मई के बीच संयुक्त राष्ट्र
द्वारा घोषित परिवारों के अंतर्राष्ट्रीय दिवस के साथ आयोजित किया जाता है। यह
ऑस्ट्रेलियाई सरकार के सहयोग से 2003 की अवधि के
बाद प्रत्येक वर्ष परिवार ऑस्ट्रेलिया द्वारा प्रबंधित किया जाता है। यह सप्ताह
परिवारों के साथ उठने-बैठने, विस्तारित मित्रों और
परिवार के सदस्यों के साथ संपर्क करने और व्यापक समुदाय के साथ परिवार की
गतिविधियों का आनंद लेने का समय है। ऑस्ट्रेलिया के लोग अपने माता-पिता, मित्रों और अन्य करीबी परिवार के सदस्यों से मिलने के लिए समय निकालते हैं
और उनके साथ गुणवत्ता का समय बिताते हैं।
भारत में अंतर्राष्ट्रीय
परिवार दिवस का उत्सव मनाए जाने के लिए सुझाव
भारतीय अपने परिवार की
सीमाओं के भीतर सांस्कृतिक जीवन के महत्वपूर्ण विषयों को सीखते हैं। देश के प्रमुख
हिस्सों में समाज की प्राथमिक इकाइयां व्यापक रिश्तेदारी समूह और पितृसत्तात्मक
परिवार हैं। संयुक्त परिवार सबसे अधिक इच्छुक आवासीय इकाई हैं जिसमें तीन या उससे
अधिक पीढ़ियों का संबंध होता है जहाँ सभी एक ही छत के नीचे काम करते हैं, पूजा
करते हैं, पारस्परिक रूप से लाभकारी आर्थिक और सामाजिक
गतिविधियों में लिप्त होते हैं। परिवार में रहना भारतीयों का प्रमुख पहलू है इसलिए
परिवार के विभिन्न मुद्दों और परिवारों के महत्व पर जागरूकता की बहुत जरूरत है।
अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस परिवारों को प्रभावित करने वाले आर्थिक, जनसांख्यिकीय और सामाजिक प्रक्रियाओं पर समझ बढ़ाने के लिए एक बहुत अच्छा
मंच प्रदान करते हैं। भारत में इस दिन को मनाने के कुछ तरीके यहां हैं-
- इस अवसर पर लोगों को अपना पूरा दिन परिवार के लिए रखना चाहिए। आप
परिवार के साथ पारिवारिक खेल खेल सकते हैं, एक दूसरे के
बारे में बात कर सकते हैं कि किस-किस को क्या अच्छा लगता है, छोटी-मोटी मनोरंजक गतिविधियाँ कर सकते हैं या परिवार के साथ एक बड़ी
फिल्म देख सकते हैं और एक दूसरे के बहुत सारे मुस्कुराहट भरे चुटकुले सुना
सकते हैं। आप अपने परिवार के सदस्यों को अपने परिवार के चारों ओर घेरे हुए
महत्वपूर्ण मुद्दों पर छोटी फिल्में बनाने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं और
फिर एक रात इक्कठे बैठा कर उन्हें दिखा सकते हैं।
- तस्वीरें यादों को हमेशा संजोए रखने का एक शानदार तरीका है। आप परिवार
के साथ फ़ोटो खींच सकते हैं या उन फ़ोटो से परिवार की एल्बम भी बना सकते हैं।
- परिवारों के महत्व को दिखाने के लिए सोशल मीडिया एक बहुत अच्छा मंच
है। आप इस अवसर के बारे में दूसरों को जागरूक करने के लिए #वर्ल्डफ़ैमिलीडे
का उपयोग करते हुए इंटरनेट पर परिवार की तस्वीरें अपलोड कर सकते हैं।
- अपने परिवार के अलावा आप आस-पास के लोगों, जिनके
साथ आप रह रहे हैं, के साथ भी इस दिन को मना सकते
हैं। आप पारिवारिक थीम के साथ एक स्ट्रीट पार्टी को व्यवस्थित कर सकते हैं
जिनमें बहुत सारे खेल और अन्य गतिविधियां होती हैं जो परिवारों के बीच के
बंधन को प्रोत्साहित करती हैं।
- सामुदायिक समूह और संगठन परिवारों की जरूरतों, समस्याओं
और सेवाओं की पहचान और समीक्षा करते हुए इस दिन को मना सकते हैं। वे परिवारों
और युवाओं से जुड़ी जरूरतों या सामुदायिक परियोजनाओं में स्थानीय परिवार के
लिए धन एकत्रित और प्रायोजित कर सकते हैं।
निष्कर्ष
अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस
एक बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है क्योंकि यह आधुनिक काल में लोगों के बीच परिवारों के
महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करता है। जैसे-जैसे लोग इन दिनों स्वतंत्र और
एकान्त जीवनशैली की दिशा की ओर जा रहे हैं वे धीरे-धीरे समाज की उस अद्भुत चीज़ से
भी दूर जा रहे हैं जिसे 'परिवार' कहा जाता है।
यह
दिवस उन लोगों के लिए आदर्श दिन है जो अपने परिवार के साथ समय बिताना चाहते हैं।
उस परिवार के साथ जिसमें या तो वे पैदा हुए थे या उन्होंने खुद इसे चुना था या
उसका विस्तार किया था। यह दिन उन लोगों के लिए भी आदर्श है जो कई दिनों से
परिवारों को प्रभावित कर रहे कई मुद्दों पर जागरूकता फैलाना चाहते हैं।