बोर्ड ने जारी
किए खेल संबंधी दिशा-निर्देश
सीबीएसई ने नए दिशा-निर्देश जारी करते हुए स्कूलों में हर दिन खेल का एक पीरियड (कक्षा) अनिवार्य कर दिया है ताकि छात्रों की बैठे रहने की आदत में बदलाव आए और उनकी शारीरिक सक्रियता बनी रहे। बोर्ड ने 150 पन्नों की एक नियमावली तैयार की है जिसमें स्कूलों के लिए नौवीं से 12 वीं तक की कक्षाओं के लिए खेल संबंधी दिशानिर्देशों और उनके क्रियान्वयन का विवरण दिया गया है। स्वास्य एवं शारीरिक शिक्षा पर केंद्रित दिशा-निर्देशों के अनुसार स्कूलों में अब हर दिन ‘‘खेल’ का एक पीरियड (कक्षा) रखना अनिवार्य होगा, जिसमें बच्चों को खेल के मैदान में जाना होगा। नियमावली में उल्लेखित शारीरिक गतिविधियां करनी होगी और उसके अनुसार ही उन्हें ग्रेड दिए जाएंगे। सीबीएसई के एक अधिकारी ने कहा, स्वास्य अक्सर शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक, सामाजिक और आध्यात्मिक तंदुरुस्ती की अवस्था होता है केवल बीमारी न होना स्वस्थ होना नहीं है। इसलिए हमने नौवीं से 12वीं तक की कक्षाओं में स्वास्य एवं शारीरिक शिक्षा को मुख्यधारा में लाने का निर्णय लिया है। ताकि छात्रों की बैठे रहने की जीवन शैली में बदलाव आए और उनकी शारीरिक सक्रियता बनी रहे।
सीबीएसई ने नए दिशा-निर्देश जारी करते हुए स्कूलों में हर दिन खेल का एक पीरियड (कक्षा) अनिवार्य कर दिया है ताकि छात्रों की बैठे रहने की आदत में बदलाव आए और उनकी शारीरिक सक्रियता बनी रहे। बोर्ड ने 150 पन्नों की एक नियमावली तैयार की है जिसमें स्कूलों के लिए नौवीं से 12 वीं तक की कक्षाओं के लिए खेल संबंधी दिशानिर्देशों और उनके क्रियान्वयन का विवरण दिया गया है। स्वास्य एवं शारीरिक शिक्षा पर केंद्रित दिशा-निर्देशों के अनुसार स्कूलों में अब हर दिन ‘‘खेल’ का एक पीरियड (कक्षा) रखना अनिवार्य होगा, जिसमें बच्चों को खेल के मैदान में जाना होगा। नियमावली में उल्लेखित शारीरिक गतिविधियां करनी होगी और उसके अनुसार ही उन्हें ग्रेड दिए जाएंगे। सीबीएसई के एक अधिकारी ने कहा, स्वास्य अक्सर शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक, सामाजिक और आध्यात्मिक तंदुरुस्ती की अवस्था होता है केवल बीमारी न होना स्वस्थ होना नहीं है। इसलिए हमने नौवीं से 12वीं तक की कक्षाओं में स्वास्य एवं शारीरिक शिक्षा को मुख्यधारा में लाने का निर्णय लिया है। ताकि छात्रों की बैठे रहने की जीवन शैली में बदलाव आए और उनकी शारीरिक सक्रियता बनी रहे।