राज्यकर्मियों का बीते करीब एक साल से सातवें वेतनमान के अनुरूप बढ़े वेतन
के बकाया का भुगतान के लिए अब शायद लम्बा इंतजार नहीं करना पड़े। बकाया एरियर के 50 फीसद राशि के भुगतान के राज्य
सरकार के 31 मार्च 2018 तक रोक खत्म हो
चुकी है। ऐसे में नये वित्तीय वर्ष में अब वेतन समिति ने कर्मचारियों को बकाया
भुगतान करने सम्बंधी प्रस्ताव वित्त विभाग के प्रमुख सचिव को भेज दिया है।केन्द्र
के समान ही राज्य सरकार ने करीब 20 लाख कर्मचारियों को
सातवें वेतन आयोग की सिफारिश के अनुरूप पे-मेट्रिक्स का लाभ एक जनवरी 2016 से देने का फैसला लिया। कर्मचारियों को यह लाभ भौतिक तौर पर जनवरी 2017
से मिलना शुरू हुआ। मगर तब राज्य की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं होने
से तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एरियर का 50 फीसद
भुगतान वित्तीय वर्ष 2017-18 और शेष 50 प्रतिशत राशि 2018-19 के साल में देने की घोषणा
की।इस बीच राज्य में सत्ता परिवर्तन हुआ। सपा की जगह भाजपा सरकार बनी। नयी सरकार
ने किसानों के 36 हजार करोड़ रुपये के कर्ज की माफी का ऐलान
किया। सरकार के इस फैसले की मार राज्यकर्मियों के एरियर भुगतान पर पड़ा। योगी
सरकार ने अक्टूबर 2017 में राज्यकर्मियों को 31 दिसम्बर 17 तक भुगतान को 31 मार्च
2018 तक टालने का फरमान सुना दिया। शेष 50 फीसद एरियर की राशि का भुगतान वित्तीय वर्ष 2019-20 में
करने का वादा किया गया।अब सरकार के फैसले के मुताबिक 31 मार्च
2018 की तारीख बीत चुकी है। ऐसे में कर्मचारी संगठनों और
विभागों में एरियर भुगतान की मांग उठने लगी। तर्क है कि सरकार ने चूंकि 31 मार्च 2018 तक ही रोक लगायी थी, नया वित्तीय वर्ष एक अप्रैल 2018 से शुरू हो चुका
है। बजट भी पारित हो चुका है। लिहाजा विभागों को अपने स्तर से बकाया एरियर के 50
फीसद राशि के भुगतान की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए। मामला वित्त से
जुड़ा है, लिहाजा वित्त विभाग जब तक एरियर भुगतान का आदेश
जारी नहीं करेगा, कोषागारों में विभागों के बिल मंजूर नहीं
होंगे। ऐसे में भुगतान संभव नहीं हो सकेगा।