केंद्र सरकार के स्वच्छ भारत अभियान को उच्च शिक्षा के पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने का निर्णय लिया गया है। हालांकि यह पाठ्यक्रम च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) के तहत ऐच्छिक विषय के रूप में लागू किया जाएगा। इस बाबत विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और कॉलेजों के प्राचार्यों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।
यूजीसी की 20 मार्च को हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि स्वच्छ भारत अभियान को उच्च शिक्षा में ऐच्छिक पाठ्यक्रम के रूप में लागू किया जाएगा। यह भी तय हुआ कि विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में 15 दिन की समर इंटर्नशिप भी आयोजित की जाएगी और इसमें शामिल होने वाले विद्यार्थियों को पाठ्यक्रम लेने पर क्रेडिट यानी अधिक नंबर भी दिए जाएंगे। इस पाठ्यक्रम को लेने वाले विद्यार्थी गांवों और स्लम एरिया में आयोजित स्वच्छता अभियान में शामिल होने के साथ एक प्रोजेक्ट रिपोर्ट भी तैयार करेंगे, जिसमें बताना होगा कि गांव और स्लम एरिया को किस प्रकार स्वच्छ रखा जा सकता है।इससे शिक्षा की गुणवत्ता में भी सुधार होगा। यूजीसी की ओर से विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और कॉलेजों के प्राचार्यों को पत्र भेजकर कहा गया है कि स्वच्छ भारत अभियान पर आधारित ऐच्छिक पाठ्यक्रम को नए सत्र 2018-19 से विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में लागू कर दिया जाए। साथ ही कहा है कि इस छात्र-छात्राओं के बीच इस पाठ्यक्रम का व्यापक रूप से प्रचार प्रसार किया जाए।