परिषदीय स्कूलों में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए अब इन विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों को भी जागरूक किया जाएगा। बच्चे की क्लास के हिसाब से उसके सीखने-समझने का क्या स्तर होना चाहिए। अभिभावकों को जागरूक करने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग सामग्री तैयार करा रहा है। नए शैक्षिक सत्र में यह सामग्री अभिभावकों को बांटी जाएगी। परिषदीय स्कूलों की पढ़ाई पर प्राय: अंगुलियां उठती रही हैं। इनमें पढ़ने वाले बच्चे कितना सीख-समझ पा रहे हैं, इस पर भी सवाल उठते रहे हैं। इन स्कूलों में कक्षा एक से आठ तक का कोर्स तो निर्धारित है लेकिन बच्चा उस कोर्स को सीख-समझ पा रहा है या नहीं, इसका कोई मानक तय नहीं है। इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों से उनकी कक्षा के अनुरूप पढ़ाई को सीखने-समझने के अपेक्षित स्तर को पिछले साल मानक (लर्निग आउटकम्स) की शक्ल दी है। मानकों को उत्तर प्रदेश निश्शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियमावली में शामिल किया गया है।