गाजीपुर:
ग्रीष्मावकाश के बाद शनिवार को परिषदीय विद्यालय खुल गए। हालांकि पहले दिन बच्चों
की उपस्थिति कम रही, वहीं काफी
संख्या में शिक्षक भी अनुपस्थित थे। कई विद्यालय काफी देर से खुले तो कई
विद्यालयों में बच्चों की संख्या नगण्य थी। पहले दिन ही बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा
सौ स्कूलों में किताबें और 83 विद्यालयों
के बच्चों के मध्य स्कूल यूनीफार्म वितरण किया गया। जनपद के समस्त खंड शिक्षा
अधिकारियों को निर्देशित किए कि नि:शुल्क पाठ्य पुस्तक तथा यूनीफार्म वितरण के समय
मॉ समूह के सदस्यों को भी अवश्य आमंत्रित किया जाय। उप बेसिक शिक्षाधिकारी सीताराम
ओझा ने भी विशेश्वरगंज व बबेड़ी सहित कई स्कूलों में ड्रेस व किताब का वितरण किया।
इस क्रम
में स्कूल चलो अभियान के तहत विद्यालयवार रैली व प्रभातफेरी निकाली गयी। विद्यालय
के बच्चों एवं अध्यापकों द्वारा गांव-गांव एवं कस्बा में भ्रमण किया। जिला बेसिक
शिक्षा अधिकारी श्रवण कुमार द्वारा विकास खंड कासिमाबाद के पूर्व माध्यमिक
विद्यालय सनेहुआ व पट्टीगढ में पाठ्य पुस्तक एवं स्कूल यूनीफार्म का वितरण कर
शुभारंभ किया गया।
पहले दिन
खाली दिखे स्कूल
सैदपुर:
परिषदीय विद्यालयों में पहले दिन शिक्षक तो दिखे बच्चों की संख्या नगण्य थी। कहीं
दो तो कहीं चार बच्चे आए थे। निर्धारित समय तक विद्यालय खुला रहा। नगर स्थित पूर्व
माध्यमिक विद्यालय प्रथम पर एक भी बच्चा नहीं आया था। प्रधानाध्यापिका का¨लदी देवी समेत सभी शिक्षक मौजूद थे। कमोबेश यही हाल अन्य
विद्यालयों का भी था। कहीं पांच तो कहीं दस बच्चे ही मिले। प्राथमिक विद्यालय के
पोखरा के बच्चों द्वारा स्कूल चलो रैली निकाली गई। प्रधानाध्यापिका निर्मला प्रसाद
ने झंडी दिखाकर रवाना किया। सहायक अध्यापक सुरेंद्र यादव, रत्ना ¨सह, सुनीता कुशवाहा, रानी
कुमारी आदि शामिल थे। प्राथमिक विद्यालय मुड़ियार में बच्चों की संख्या नगण्य रही।
इस मौके पर प्रधानध्यापक जितेंद्र ¨सह, विमल ¨सह, प्रेमा देवी, ¨रकू
शास्त्री आदि मौजूद थे।
सादात: नये
सत्र मे पहली जुलाई को विद्यालय खुलने पर कहीं पुस्तकें तो कहीं बच्चों को ड्रेस
का वितरण किया गया। बीआरसी से पुस्तकें ब्लाक के कई विद्यालयों को गई। मौके पर
रामेश्वर यादव, सुबास यादव, सतीश ¨सह, बिरेंद्र कुमार उपस्थित रहे। माहपुर उच्च प्राथमिक विद्यालय पर
बच्चों को ड्रेस व पुस्तकें ग्रामप्रधान लक्षिराम प्रजापति द्वारा वितरित किया
गया। राजेश यादव, सनातन
विश्वकर्मा, बांकेबिहारी ¨सह आदि मौजूद थे।
जखनियां:
शासन के लाख आदेश के बावजूद पहले दिन परिषदीय विद्यालयों में व्यवस्था लुंज-पुंज
रही। शिक्षक तो आए लेकिन बच्चे नदारद थे। बीआरसी कार्यालय से सटे कस्तूरबा आवासीय
बालिका विद्यालय में 98 छात्राओं
के सापेक्ष में 9 छात्राएं
मौजूद रहीं। जूनियर हाई स्कूल मदरा में 105 छात्रों
में 15, प्राथमिक विद्यालय रामबन में 106 में 35 व जूनियर विद्यालय बारोडीह में 266 में 40, प्राथमिक विद्यालय बारोडीह 166 में 38 बच्चे मौजूद मिले।
रेवतीपुर:
खंड शिक्षा अधिकारी राजेश ¨सह ने
पूर्व माध्यमिक विद्यालय तिलवां, पूर्व
माध्यमिक विद्यालय रेवतीपुर, कन्या
पूर्व माध्यमिक विद्यालय, सहित
कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय रेवतीपुर का निरीक्षण किया। इसके उपरांत
बच्चों को पाठ्यपुस्तक व ड्रेस का वितरण किया। इस दौरान उन्होंने विद्यालयों के
निरीक्षण में कई खामियां मिलने पर सख्त नाराजगी जाहिर की। छात्र-छात्राओं की कम
उपस्थिति, समय से अध्यापकों का विद्यालय न आना समय से विद्यालय न खुलने, परिसर में गंदगी मिलने पर सख्त चेतावनी दी ।अभिलेखों का भी
निरीक्षण किया। कहा कि छात्रों का मध्यान्ह भोजन मीनू के अनुसार बने।
क्षेत्र के
दर्जनों विद्यालय एकल
भांवरकोल:
क्षेत्र के परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों की कमी को दूर किए बिना शैक्षिक सुधार
की बात करना भी बेमानी है। अध्यापकों की कमी का दंश वर्षों से क्षेत्र के अभिभावक
झेल रहे हैं। प्रदेश सरकार से लोगों को आस जगी है कि व्यवस्था में सुधार होगा।
पूर्व माध्यमिक विद्यालय सियाड़ी में कोई शिक्षक तैनात है ही नहीं। लीलावती
प्रियदर्शिका की सेवानिवृत्ति के बाद बीते अप्रैल से ही किसी की तैनाती नहीं हो
सकी है। पूर्व माध्यमिक विद्यालय किशुनपुरा, जसदेवपुर, फखनपुरा, मुर्तजीपुर, भदौरा, मुड़ेराबुजुर्ग, शाहपुर, कनुवान, चांदपुर तथा मलिकपुरा आदि ऐसे विद्यालय हैं जहां केवल एक ही
शिक्षक के भरोसे विद्यालय संचालित हो रहे हैं। तीन कक्षाओं का अध्यापन कैसे हो रहा
होगा इसका सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है। ऐसे में अपने लाडलों को निजी
विद्यालयों में भेजना मजबूरी हो गई है। इसी मजबूरी का लाभ उठाते हुए निजी विद्यालय
प्रबंधन अभिभावकों का आर्थिक दोहन कर रहे हैं।