इलाहाबाद : बेसिक शिक्षा
परिषद के विद्यालयों में छात्र-शिक्षकों के अनुपात ने भर्तियों की बरसात फिलहाल
रोक दी है। सरकार ने बेसिक के स्कूलों में शिक्षकों की चयन करने के लिए नए बोर्ड
का गठन ही नहीं रोका है, बल्कि जिन
भर्तियों का शासनादेश जारी हो चुका है, उन पर भी ग्रहण लग गया है। हालत यह है कि परिषदीय स्कूलों
के 65 हजार से अधिक
अतिरिक्त शिक्षकों को कम शिक्षक वाले विद्यालयों में समायोजित करने की मुहिम चल
रही है।
परिषदीय स्कूलों में नए
शिक्षकों के चयन के लिए पिछले साल 12460 और चार हजार उर्दू शिक्षक भर्ती का शासनादेश जारी हो चुका
है। अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग करके नियुक्ति के पहले ही सरकार ने शिक्षकों की
तैनाती छात्र संख्या के अनुरूप करने का आदेश जारी किया। इससे पूरे प्रदेश में तय
छात्र-शिक्षक अनुपात के तहत पद निर्धारण हुआ। इसमें 65 हजार से अधिक
अतिरिक्त शिक्षक मिले हैं। तमाम विद्यालयों में शिक्षकों की तादाद छात्र संख्या के
लिहाज से काफी अधिक मिली तो ऐसे भी स्कूल कम नहीं हैं, जहां काफी कम
शिक्षकों की तैनाती है। इसी के बाद से नई भर्तियों को रोककर अतिरिक्त शिक्षकों का
जिलों में समायोजन की प्रक्रिया चल रही है।
भर्तियां रुकने का प्रकरण
हाईकोर्ट पहुंच चुका है, जहां इसी माह
सुनवाई होनी है, लेकिन मौजूदा
स्थिति को देखते हुए नियुक्तियां होने की उम्मीद बहुत कम है। इसी तरह से उच्च
प्राथमिक विद्यालयों में 32022
शारीरिक शिक्षा
अनुदेशकों की भर्ती भी रुकी है, इसे शुरू कराने के लिए अभ्यर्थी आंदोलन कर रहे हैं। वहीं, 29334 हजार
विज्ञान-गणित शिक्षक और 72825
शिक्षक भर्ती के
भी कुछ पद रिक्त हैं। यह पद भरे जाएंगे या नहीं इस संबंध में अफसर कुछ भी बोलने को
तैयार नहीं हैं। उनका दो टूक जवाब है कि शासन जैसा निर्देश देगा उसके अनुरूप कार्य
होगा।