बलिया :
बेसिक शिक्षा परिषद को झांसा देकर फर्जी सर्टिफिकेट के सहारे अध्यापक बने तीन
शिक्षकों की सेवा जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सुबास गुप्त ने समाप्त कर दी है।
बर्खास्त शिक्षकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।
साथ ही वेतन इत्यादि के मद में भुगतान की गई धनराशि राजकोष में जमा करने का आदेश
भी दिया गया है। ग्रीष्मावकाश के बाद स्कूल खुलने के साथ ही हुई इस कार्रवाई से
विभागीय गलियारे में भूचाल आ गया है।
बीएसए
सुबास गुप्त ने बताया कि उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित 16448 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया के अंतर्गत चयनित अभ्यर्थियों को
इस शर्त पर नियुक्ति पत्र दिया गया था कि सत्यापन में शैक्षिक या अन्य प्रमाण पत्र
गलत पाए गए तो नियुक्ति तिथि 29 अगस्त 2016 से सेवा समाप्त कर दी जाएगी। जांचोपरांत शिक्षा क्षेत्र
मुरलीछपरा के प्राथमिक विद्यालय टोला रामेश्वर राय पर तैनात रामसजीवन पुत्र
पृथ्वीपाल यादव के स्नातक व शिक्षा क्षेत्र बैरिया अंतर्गत कन्या प्रावि
श्रीकांतपुर पर तैनात श्याम ¨सह पुत्र
राम अधार यादव के इंटमीडिएट का सर्टिफिकेट कूटरचित पाया गया। वहीं, शिक्षा क्षेत्र रेवती के प्रावि यादव बस्ती वार्ड नंबर-03 पर नियुक्त सहायक अध्यापक चन्द्रकांत यादव पुत्र रामबचन यादव
के हाईस्कूल, इंटरमीडिएट व स्नातक का शैक्षिक प्रमाण
पत्र गलत पाया गया है। बीएसए ने बताया कि सम्बंधित शिक्षकों से उक्त के बावत
स्पष्टीकरण भी मांगा गया, लेकिन किसी
ने कार्यालय को प्राप्त नहीं कराया। इस दशा में इनकी सेवा समाप्त कर हुए अन्य
कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।