बलिया डीआईओएस के खिलाफ एक और याचिका
रमेश सिंह के कार्यकाल में की गई नियुक्तियों का रिकार्ड तलब
इलाहाबाद।
हाईकोर्ट ने बलिया के बर्खास्त डीआईओएस रमेश सिंह के कार्यकाल में की गई नियुक्तियां का रिकार्ड तलब कर लिया है। कोर्ट ने कहा है कि उनके कार्यकाल में की गई करीब सौ नियुक्तियों से संबंधित मूल दस्तावेज शुक्रवार को अदालत में प्रस्तुत किए जाएं। प्रदेश सरकार को इस मामले में उठाए गए कदमों की जानकारी देने का भी निर्देश दिया है। बलिया के रविशंकर सिंह द्वारा दाखिल जनहित याचिका पर न्यायमूर्ति अरुण टंडन और न्यायमूर्ति अशोक कुमार की पीठ सुनवाई कर रही है।
याचिका में कहा गया है कि रमेश सिंह ने दो दिन के भीतर सौ अध्यापकों की नियुक्ति को मंजूरी दी। उनके कार्यकाल में की गई फर्जी नियुक्तियों की जांच कराकर कार्रवाई की जाए। कोर्ट को यह भी अवगत कराया गया कि दो दिन पूर्व हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान सरकार को निर्देश दिया है कि रमेश सिंह की बर्खास्तगी के मामले में लंबित प्रक्रिया एक सप्ताह के भीतर पूरी कर ली जाए। उनकी बर्खास्तगी पर लोक सेवा आयोग सहमति दे चुका है अब शासन स्तर से इसकी स्वीकृति प्राप्त होना बाकी है। इससे पहले सरकार ने उनको 2008 में बर्खास्त किया था मगर 2010 में यह आदेश वापस ले लिया गया। जिसे जनहित याचिका में चुनौती देने के बाद प्रदेश सरकार ने दोबारा बर्खास्तगी का आदेश जारी किया है। रमेश सिंह ने बीएसए और डीआईओ के कार्यकाल के दौरान गलत काम किए हैं। कोर्ट ने इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए नियुक्तियों से संबंधित दस्तावेज तलब कर लिया है।
रमेश सिंह के कार्यकाल में की गई नियुक्तियों का रिकार्ड तलब
इलाहाबाद।
हाईकोर्ट ने बलिया के बर्खास्त डीआईओएस रमेश सिंह के कार्यकाल में की गई नियुक्तियां का रिकार्ड तलब कर लिया है। कोर्ट ने कहा है कि उनके कार्यकाल में की गई करीब सौ नियुक्तियों से संबंधित मूल दस्तावेज शुक्रवार को अदालत में प्रस्तुत किए जाएं। प्रदेश सरकार को इस मामले में उठाए गए कदमों की जानकारी देने का भी निर्देश दिया है। बलिया के रविशंकर सिंह द्वारा दाखिल जनहित याचिका पर न्यायमूर्ति अरुण टंडन और न्यायमूर्ति अशोक कुमार की पीठ सुनवाई कर रही है।
याचिका में कहा गया है कि रमेश सिंह ने दो दिन के भीतर सौ अध्यापकों की नियुक्ति को मंजूरी दी। उनके कार्यकाल में की गई फर्जी नियुक्तियों की जांच कराकर कार्रवाई की जाए। कोर्ट को यह भी अवगत कराया गया कि दो दिन पूर्व हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान सरकार को निर्देश दिया है कि रमेश सिंह की बर्खास्तगी के मामले में लंबित प्रक्रिया एक सप्ताह के भीतर पूरी कर ली जाए। उनकी बर्खास्तगी पर लोक सेवा आयोग सहमति दे चुका है अब शासन स्तर से इसकी स्वीकृति प्राप्त होना बाकी है। इससे पहले सरकार ने उनको 2008 में बर्खास्त किया था मगर 2010 में यह आदेश वापस ले लिया गया। जिसे जनहित याचिका में चुनौती देने के बाद प्रदेश सरकार ने दोबारा बर्खास्तगी का आदेश जारी किया है। रमेश सिंह ने बीएसए और डीआईओ के कार्यकाल के दौरान गलत काम किए हैं। कोर्ट ने इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए नियुक्तियों से संबंधित दस्तावेज तलब कर लिया है।
अमर उजाला