सूचना का अधिकार
यानी राइट टू इन्फॉर्मेशन इन शब्दों को आपने पहले भी जरूर सुना या पढ़ा होगा. 2005 से लागू सूचना के अधिकार ने आम आदमी को इतनी
ताकत दे दी कि वे सरकारी बाबुओं से लेकर अधिकारियों तक की नींद हराम कर दे. ‘सूचना का अधिकार’ लागू होने के बाद जनता और जागरुक हो गई. RTI क्रांति का एक नया माध्यम बनकर उभरा.
आज हम आपको
बताने जा रहे हैं कि आप कैसे RTI का इस्तेमाल करके किसी भी सरकारी विभाग से सूचना मांग सकते हैं. इस अधिकार के तहत आप किसी भी सरकारी विभाग से
सूचना मांग सकते हैं. RTI
के जरिए आप
सरकार से किसी प्रमाणित दस्तावेज की कॉपी भी मांग सकते हैं.
कैसे करें RTI के लिए आवेदन ?
- RTI के अधिकार के तहत कई
धाराओं का निर्धारण किया गया है. इन धाराओं में धारा 6 (1), धारा 6 (3), धारा 7 (5), धारा 7(6), धारा 8, धारा 18, धारा 19(1) और धारा 19(3) मुख्य
धाराएं हैं.
- धारा 6(1) के तहत आपको
एप्लिकेशन लिखकर सूचना मांगने का अधिकार प्राप्त है.
- धारा 6(3) के तहत आपकी एप्लिकेशन अगर गलत विभाग में चली गई
है तो इस धारा के इस्तेमाल से वह विगाभ आपकी एप्लिकेशन को सही विभाग में भेज
देगा. इसलिए एप्लिकेशन लिखते समय आप इस धारा का जिक्र जरूर करें.
- धारा 7(5) के तहत BPL कार्ड
धारकों को RTI शुल्क नहीं देना होता है.
- 7(6) इस धारा के अंतर्गत अगर
सूचना 30 दिनों के अंदर नहीं दी जाती है तो आपको सूचना
मुफ्त में दी जाएगी. वैसे RTI आवेदन करने की फीस 10 रुपये है.
- धारा 8 इस के तहत वे सूचनाएं नहीं दी जाएंगी जो देश की
एकता, अखंडता और सुरक्षा को प्रभावित करती हों. विभाग
के आंतरिक जांच से संबंधित सूचना भी आपको नहीं दी जाएगी.
- धारा 18 के तहत अगर
कोई अधिकारी जवाब नहीं देता तो उसकी शिकायत सूचना अधिकारी को दी जाए.
- धारा 19(1) के तहत अगर आप
की RTI का जवाब 30 दिनों
में नहीं आता तो आप फर्स्ट अपील अधिकारी को फर्स्ट अपील कर सकते हैं.
- धारा 19(3) के तहत अगर
आपकी फर्स्ट अपील का भी कोई जवाब नहीं आता तो आप 90 दिनों के अंदर सेकंड अपील अधिकारी को दूसरी अपील
कर सकते हैं.
देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा को प्रभावित करने वाली
सूचना नहीं दी जाएंगी
जो सूचनाएं देश की एकता, अखंड़ता और सुरक्षा को प्रभावित करती हैं वे सूचनाएं आपको नहीं दी जाएंगी. धारा 8 इस के तहत विभाग के आंतरिक जांच से संबंधित सूचना भी आपको नहीं दी जा सकती है. आपके लिए ये भी जानना जरूरी है कि सूचना का अधिकार जम्मू-कश्मीर के अलावा पूरे देश में लागू है.
जो सूचनाएं देश की एकता, अखंड़ता और सुरक्षा को प्रभावित करती हैं वे सूचनाएं आपको नहीं दी जाएंगी. धारा 8 इस के तहत विभाग के आंतरिक जांच से संबंधित सूचना भी आपको नहीं दी जा सकती है. आपके लिए ये भी जानना जरूरी है कि सूचना का अधिकार जम्मू-कश्मीर के अलावा पूरे देश में लागू है.
कौन होता है सूचना अधिकारी ?
केंद्रीय सूचना आयोग ने 31 जनवरी 2006 के अपने एक आदेश में साफ कर दिया है कि एक या उससे ज्यादा अधिकारियों को हर सरकारी विभाग में जन सूचना अधिकारी का पद दिया जाएगा.
ये जन सूचना अधिकारी मुख्य अधिकारियों के रूप में काम करते हैं. आवेदक अपना आवेदन इन अधिकारियों के पास दायर करवा सकते हैं. आपकी RTI पर अगर कोई सुनवाई नहीं होती है तो आप धारा 18 के तहत अपनी शिकायत इन सूचना अधिकारियों से कर सकते हैं.
केंद्रीय सूचना आयोग ने 31 जनवरी 2006 के अपने एक आदेश में साफ कर दिया है कि एक या उससे ज्यादा अधिकारियों को हर सरकारी विभाग में जन सूचना अधिकारी का पद दिया जाएगा.
ये जन सूचना अधिकारी मुख्य अधिकारियों के रूप में काम करते हैं. आवेदक अपना आवेदन इन अधिकारियों के पास दायर करवा सकते हैं. आपकी RTI पर अगर कोई सुनवाई नहीं होती है तो आप धारा 18 के तहत अपनी शिकायत इन सूचना अधिकारियों से कर सकते हैं.
कौन होते हैं फर्स्ट अपील और सेकेंड अपील अधिकारी..?
धारा 19(1) के तहत अगर आप की RTI का जवाब 30 दिनों में नहीं आता तो आप फर्स्ट अपील अधिकारी को फर्स्ट अपील कर सकते हैं. वैसे फर्स्ट अपील अधिकारी से अपील करने के बाद ही आपको सूचना मुहैया करा दी जाती है, अगर ऐसा करने पर भी आपको सूचना नहीं मिलती है तो आप धारा 19(3) के तहत 90 दिनों के अंदर सेकंड अपील अधिकारी को दूसरी अपील कर सकते हैं. इसके बाद सूचना से संबंधित विभाग आपको सूचना जरूर मुहैया करा देगा.
धारा 19(1) के तहत अगर आप की RTI का जवाब 30 दिनों में नहीं आता तो आप फर्स्ट अपील अधिकारी को फर्स्ट अपील कर सकते हैं. वैसे फर्स्ट अपील अधिकारी से अपील करने के बाद ही आपको सूचना मुहैया करा दी जाती है, अगर ऐसा करने पर भी आपको सूचना नहीं मिलती है तो आप धारा 19(3) के तहत 90 दिनों के अंदर सेकंड अपील अधिकारी को दूसरी अपील कर सकते हैं. इसके बाद सूचना से संबंधित विभाग आपको सूचना जरूर मुहैया करा देगा.
ऐसे लिखें RTI के लिए एप्लिकेशन

