Saturday, April 4, 2020

5 अप्रैल : राष्ट्रीय समुद्री दिवस



हर साल भारत में 5 अप्रैल को राष्ट्रीय समुद्री दिवस यानी नेशनल मैरीटाइम डे (National Maritime Day) मनाया जाता है. यह दिन भारत (India) के लिए बेहद खास माना जाता है, क्योंकि 5 अप्रैल 1919 को पहली भारतीय शिप (Indian Ship) मुंबई से ब्रिटेन की यात्रा पर निकली थी. दरअसल, 5 अप्रैल 1919 को सिंधिया स्टीम नेविगेशन कंपनी लि. (The Scindia Steam Navigation Company Ltd) का पहला स्टीमशिप एसएस लॉयल्टी (SS Loyalty) मुंबई से लंदन की पहली समुद्री यात्रा पर रवाना हुआ था. इसकी याद में साल 1964 से हर साल 5 अप्रैल राष्ट्रीय समुद्री दिवस मानाया जाने लगा.
क्या है इस दिवस का उद्देश्य?
विशाल समंदर की जहाजरानी को समर्पित इस दिवस को मनाने का उद्देश्य लोगों को भारतीय जहाजरानी उद्योग की गतिविधिओं के साथ-साथ भारत की अर्थव्यवस्था में इसकी अहम भूमिका से रूबरू कराना है.
देश के लिए बेहद खास है यह दिन
राष्ट्रीय समुद्री दिवस भारत के लिए बेहद खास है. दरअसल, राष्ट्रीय समुद्री दिवस 5 महासागरों में व्यापार की सुविधा के जरिए समुद्री अर्थव्यवस्था के राष्ट्रीय सहयोग को दर्शाता है. अप्रैल 2017 से फरवरी 2018 तक के आंकड़ों पर गौर करें तो समुद्री व्यापार के मामले में भारत दुनिया का 16वां सबसे बड़ा देश है. करीब 12 बड़े बंदरगाहों से देश का समुद्री व्यापार होता है और देश की समुद्री तटरेखा की बात करें तो यह 7517 किमी लंबी है. 6.17 लाख किग्रा कार्गो ट्रैफिक देश के प्रमुख बंदरगाहों से होता है. 
भारत की समुद्री विरासत लगभग पांच हजार साल पुरानी है और देश में सबसे पुराने बंदरगाह के तौर पर लोथल का जिक्र आता है. राष्ट्रीय समुद्री विज्ञान संस्थान (National Institute of Oceanography) भारत सरकार के वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद की एक प्रयोगशाला है, इसका मुख्यालय गोवा में है, जबकि इसके क्षेत्रीय कार्यालय मुंबई, कोच्चि एवं विशाखापट्टनम में स्थित हैं. इसकी स्थापना 1 जनवरी साल 1966 में की गई थी. सभी का मुख्य उदेश्य उत्तरी हिन्द महासागर के विशिष्ट समुद्रवैज्ञानिक पहलुओं का बहुत ही बारीकी से अध्ययन करना हैं. 'राष्ट्रीय समुद्री दिवस' को हर साल बहुत ही शानदार तरह से मनाया जाता हैं. 'National Maritime Day' को USA में 22 मई को मनाया जाता हैं वहीं भारत में इसे 5 अप्रैल को मनाया जाता हैं.

ensoul

money maker

shikshakdiary

bhajapuriya bhajapur ke