देश दुनिया के इतिहास में 4 मार्च की तारीख पर दर्ज अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं का सिलसिलेवार ब्यौरा इस प्रकार है:
महत्वपूर्ण दिवस :- राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस (औद्योगिक संस्थानों की सुरक्षा)
1788 - कलकत्ता गजट का प्रकाशन शुरू। आज इसे गजट ऑफ गवर्नमेंट ऑफ वेस्ट बंगाल के नाम से जाना जाता है।1858 - ब्रिटिश अधिकारी जे पी वॉकर तकरीबन 200 कैदियों को लेकर कलकत्ता से अंडमान और निकोबार के लिए रवाना हुए थे। इन लोगों में ज्यादातर 1857 के विद्रोह के आरोपी थे।
1879: लड़कियों को उच्च शिक्षा देने के लिए कलकत्ता में बेथुन कॉलेज की स्थापना की गई थी। यह ब्रिटेन से बाहर पहला महिला कॉलेज था।
1881 - प्राक्छायावादी
युग के महत्त्वपूर्ण कवि रामनरेश त्रिपाठी का जन्म।
1921 –
·
हिंदी के लोकप्रिय साहित्यकार फणीश्वरनाथ रेणु का जन्म हुआ
·
असहयोग
आंदोलन में इस दिन ननकाना के एक गुरुद्वारे, जहाँ
पर शान्तिपूर्ण ढंग से सभा का संचालन किया जा रहा था, पर
सैनिकों के द्वारा गोली चलाने के कारण 70 लोगों की जानें गई।
1930 - फ्रांस में आयी भयंकर बाढ़ से करीब 700 से ज्यादा लोगों की मौत हुई
1931 - ब्रिटिश वायसराय,
गवरनोर-जनरल एडवर्ड फ्रेदेरिक्क लिन्द्ले वुड और महात्मा गाँधी में भेंट
राजनीतिक कैदियों की रिहाई और नमक के सर्वजन उपयोग की छूट को लेकर मंत्रणा और
इकरारनामे की घोषणा।
1933: फ्रेंकलिन डी रूजवेल्ट ने अमेरिका के 32वें राष्ट्रपति के तौर पर पदभार संभाला।
1933: फ्रेंकलिन डी रूजवेल्ट ने अमेरिका के 32वें राष्ट्रपति के तौर पर पदभार संभाला।
1939 - भारत के
प्रसिद्ध क्रांतिकारी और ‘गदर पार्टी’ के
संस्थापक लाला हरदयाल का निधन।
1951: नई दिल्ली में पहले एशियाई खेलों का आयोजन हुआ।
1961: भारत के पहले विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रांत ने सेना के लिए अपनी सेवाएं देना शुरू किया।
1975: मूक सिनेमा के बेहतरीन अभिनेता चार्ली चैपलिन को 85 वर्ष की आयु में नाइट की उपाधि प्रदान की गई। अपने अनूठे हावभाव और शारीरिक उछल कूद से कभी चेहरे पर मुस्कान तो कभी आंखों में पानी ला देने वाले 'सर चार्ल्स' को देर से ही सही, उनकी सशक्त अदाकारी का सम्मान मिला।
1951: नई दिल्ली में पहले एशियाई खेलों का आयोजन हुआ।
1961: भारत के पहले विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रांत ने सेना के लिए अपनी सेवाएं देना शुरू किया।
1975: मूक सिनेमा के बेहतरीन अभिनेता चार्ली चैपलिन को 85 वर्ष की आयु में नाइट की उपाधि प्रदान की गई। अपने अनूठे हावभाव और शारीरिक उछल कूद से कभी चेहरे पर मुस्कान तो कभी आंखों में पानी ला देने वाले 'सर चार्ल्स' को देर से ही सही, उनकी सशक्त अदाकारी का सम्मान मिला।