आज के ही दिन यानि 23 अप्रैल 1857 को
वीर कुंवर सिंह ने जगदीशपुर के अपने किले पर फतह पाई थी और ब्रिटिश झंडे यूनियन
जैक को उतारकर अपना झंडा फहराया था। उससे एक दिन पहले यानि 22 तारीख को उन्होंने युद्ध शुरू किया था। इसी युद्ध के दरम्यान वह गंगा नदी
पार करते समय अपने पलटन के साथ ईस्ट इंडिया कंपनी के सैनिकों से घिर गए थे, उस ट्रूप का कमांडर डगलस था। एक सैनिक की गोली उनकी बायीं बांह में लगी।
तब कुंवर सिंह की उम्र 80 वर्ष थी। गोली की वजह से
इन्फेक्शन ना हो जाए और अंग्रेजों की गोली अपने शरीर में रखना उनके लिए अपमान लगा, इसलिए उन्होंने अपने तलवार से अपनी बांह काट कर गंगा को अर्पित कर दी और
फिर दुश्मनों से एक हाथ से लड़े। उनकी वीरता और युद्ध कौशल का अनुमान इस बात से ही
लगाया जा सकता है कि उन्होंने एक हाथ से लड़कर अंग्रेजों को खदेड़ दिया और अपने किले
पर वापस कब्जा कर लिया, ऐसा अपने जीवन काल में करने
वाले वह पहले रियासत के राजा हैं।