Tuesday, May 15, 2018

UP, राज्य वेतन समिति ने दो श्रेणियों में वाहन भत्ता देने की सिफारिश


राज्य वेतन समिति ने अब दो श्रेणियों में वाहन भत्ते की सिफारिश की है। अभी 4 श्रेणियों में भत्ता मिलता है। मोटर कार, मोटर साइकिल, मोपेड व साइकिल। समिति ने इसे चार पहिया व दो पहिया वाहन श्रेणी में वर्गीकृत करने की संस्तुति की है। 4 पहिया वाहन श्रेणी का भत्ता 5 हजार जबकि दुपहिया पर दो हजार रुपये मिलेगा। वर्तमान में मोटरकार भत्ता 1600, मोटर साइकिल भत्ता 700, मोपेड भत्ता 300 व साइकिल भत्ता 100 रुपये प्रतिमाह मिल रहा है।
दिव्यांगों का वाहन प्रतिपूर्ति भत्ता दो गुना हो
दिव्यांगजन कर्मचारियों को कार्यस्थल आने तथा वापस जाने के लिए मिल रहे भत्ते में तीन गुना वृद्धि की संस्तुति हुई है। लेवल-1 के कर्मियों का 450 की जगह 900, लेवल-2 से 5 तक का 600 से बढ़ाकर 1200 व लेवल-6 व इससे अधिक को 750 की जगह 1500 रुपये देने की सिफारिश की है।

इसी तरह शारिरिक अक्षम बच्चों के राजकीय विद्यालय, मूक तथा बधिर राजकीय विद्यालय तथा राजकीय दृष्टिबाधित विद्यालयों के शारीरिक रूप से अक्षम श्रेण में आने वाले शिक्षकों का वाहन प्रतिपूर्ति भत्ता भी बढ़ाने की संस्तुति हुई है। प्रधानाध्यापक व प्रधानाध्यापिका का भत्ता 750 से बढ़ाकर 1500 व अध्यापक-अध्यापिका का भत्ता 600 से बढ़ाकर 1200 करने की संस्तुति की गई है।

प्रतिनियुक्ति भत्ते में होगी दोगुनी वृद्घि

सार्वजनिक उपक्रमों, निगमों, स्थानीय निकायों, विश्वविद्यालयों आदि में वाह्य सेवा में प्रतिनियुक्ति पर स्थानान्तरित होने वाले कर्मियों को प्रतिनियुक्ति भत्ता मिलता है। वर्तमान तैनाती स्टेशन पर ही प्रतिनियुक्ति पर वेतन का पांच प्रतिशत (अधिकतम 1500 रुपये) प्रतिमाह मिलता है। स्टेशन से बाहर वाह्य सेवा पर वेतन का 10 प्रतिशत (अधिकतम 3000 रुपये) प्रतिमाह मिलता है। समिति ने स्टेशन पर ही वाह्य सेवा पर वेतन का 2.5 प्रतिशत (अधिकतम 3000 रुपये) प्रतिमाह तथा स्टेशन से बाहर प्रतिनियुक्ति पर वेतन का 5 प्रतिशत (अधिकतम 6000 रुपये) प्रतिमाह देने की संस्तुति की है।

नगरीय स्थानीय निकायों में धुलाई, सफाई व झाड़ू भत्ता
भत्ते का नाम--वर्तमान--संस्तुति
धुलाई भत्ता--40--100 रुपये प्रतिमाह
सफाई भत्ता--90--150--रुपये प्रतिमाह
झाड़ू भत्ता--70--125--रुपये प्रतिमाह
नोट- ये भत्ते मात्र उन्हीं पदों व संवर्गों को दिए जाएं जिन्हें वर्तमान में मिल रहे हैं

प्रासंगिक भत्ता 50 रुपये बढ़ेगा
- सहकारी एवं पंचायत लेखा परीक्षा संगठन के लेखा परीक्षकों व ज्येष्ठ लेखा परीक्षकों को नियत मासिक प्रासंगिक भत्ता 250 से बढ़ाकर 300 करने की संस्तुति की गई है।
- चकबंदी कर्ता स्टेशनरी भत्ता: चकबंदी कर्ता को वर्तमान में 100 रुपये मासिक स्टेशनरी भत्ता मिल रहा है। समिति ने इसे बढ़ाकर 300 रु प्रतिमाह करने की सिफारिश की है।
- ड्रेस कोड भत्ता : राज्यपाल व मुख्यमंत्री की सुरक्षा में कार्यरत सुरक्षाकर्मियों को ड्रेस कोड भत्ता दिया जाता है। इन्हें अभी 10 हजार रुपये मिलता है। समिति ने इसे 11 हजार रुपये करने की सिफारिश की है।

लेखपालों को विशेष भत्ता 1000, लेखन सामग्री के लिए 500 रुपये की संस्तुति

राजस्व विभाग के लेखपालों को वर्तमान में 100 रुपये विशेष भत्ता व 100 रुपये लेखन सामग्री प्रतिपूर्ति भत्ता मिल रहा है। समिति ने लेखपाल के अपने कार्यों के साथ-साथ जनता दर्शन, थाना समाधान व तहसील समाधान दिवस की जिम्मेदारियों के मदृदेनजर विशेष भत्ते को बढ़ाकर 1000 रुपये प्रतिमाह और स्टेशनरी भत्ते को 500 रुपये प्रतिमाह करने की संस्तुति की है।

बाल्य शिक्षा संबंधी सहायता पूर्ववत, दिव्यांगों के लिए दोगुना हुई रकम
प्रदेश सरकार 2000 ग्रेड पे तक के राज्य कर्मियों को उनके बच्चों की शिक्षा पर होने वाले खर्च की प्रतिपूर्ति करती है। इसे बनाए रखा गया है। नि:शक्त बच्चों के शिक्षण शुल्क की प्रतिपूर्ति की रकम बढ़ाकर 600 रुपये करने की सिफारिश की है।

प्रशिक्षण भत्ता बढ़ेगा: समिति ने प्रशिक्षण एवं शोध संस्थानों में कार्यरत संकाय अधिकारियां के कार्य की प्रकृति और उनकी उपयोगिता, गुणवत्ता को देखते हुए प्रशिक्षण भत्ता देने की व्यवस्था बनाए रखने और दरों को पुनरीक्षित करने की संस्तुति की है।

संकाय अफसरों को अभी मूल वेतन का 15 प्रतिशत प्रशिक्षण भत्ता तथा राज्य स्तरीय प्रशिक्षण संस्थान के निदेशक को सम्चुअरी भत्ता 1500 रुपये प्रतिमाह मिलता है। वेतन में 2.57 गुना वृद्धि देखते हुए प्रशिक्षण भत्ता मूल वेतन का 8 प्रतिशत और निदेशक का सम्चुअरी भत्ता 3000 रुपये प्रतिमाह किए जाने की संस्तुति की है।


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