आयकर
से नोटिस मिलने के बाद नॉनफाइलर भारी जुर्माने के साथ कर सकते हैं रिटर्न फाइल
आयकर से नोटिस मिलने के बाद नॉनफाइलर भारी जुर्माने के साथ कर सकते हैं रिटर्न फाइल
मार्च का महीना शुरू होते ही रिटर्न का दर्द हर वर्ग को सताने लगता है। कागजी कार्रवाई पूरा करने में पूरा महीना बीत जाता था लेकिन अधिकतर लोग रिटर्न फाइल नहीं कर पाते थे। ऐसे लोगों के लिए हर बार सरकार कोई न कोई विकल्प देती थी लेकिन इस बार नॉनफाइलर के लिए आयकर विभाग ने अपने दरवाजे बंद कर लिए है। उनके सामने एक ही रास्ता बचता है, रिटर्न न फाइल करने के एवज में उन्हें कोई नोटिस मिलता है तो नोटिस के आधार पर एप्लीकेशन देकर वह जुर्माने के साथ रिटर्न फाइल कर सकते है।वित्तीय वर्ष 2015-16 और 2016-17 के लिए आयकर रिटर्न फ़ाइल करने का अंतिम मौका 31 मार्च 2018 था। अंतिम तिथि बीत जाने के बाद भी अधिकतर करदाताओं ने रिटर्न फाइल नहीं किया है। रिटर्न को लेकर काफी चिंतित है। ऐसे लोग नोटिस का इंतजार करें क्योंकि इसके अलावा और विकल्प नहीं नजर आ रहा है। सीए कमलेश अग्रवाल का कहना है कि इस बार दो साल रिटर्न फाइल करने के लिए सरकार ने मौका दिया था। इसके लिए अंतिम तिथि 31 मार्च तक का समय दिया गया था। 31 मार्च तक वित्तीय वर्ष 2015-16 और 2016-17 के लिए आयकर रिटर्न फ़ाइल कर सकते थे लेकिन किसी कारणवश नहीं कर पाए है तो नोटिस का इंतजार करें। आयकर विभाग की नोटिस मिलने के बाद विभाग के नाम एप्लीकेशन देकर रिटर्न फाइल कर सकते। इसके लिए पेनाल्टी को जो प्राविधान है उसे पूरा करना पड़ेगा। क्योंकि संस्था, नौकरीपेशा और बिजनेसमैन के लिए अलग-अलग पेनाल्टी का प्रावधान रखा गया है।सीए सुदेशना बसु का कहना हैकि सरकार ने पहली बार प्राविधान बनाया है इसलिए देश की आर्थिक स्थिति मजबूत और तेजी से विकास हो। क्योंकि समय मिल जाने के बाद लोग सुस्त हो जाते थे और रिटर्न फाइल करने में कंजूसी करते थे। इसलिए सरकार ने इस बार रिटर्न फाइल करने के लिए मौका देना बंद कर दिया है। ऐसे लोग सिर्फ नोटिस का ही इंतजार करें।सीए एसके द्विवेदी का कहना हैकि सरकार ने नॉनफाइलर के लिए काफी लेंदी प्रावधान बना दिया है। नोटिस जब जारी होगा तभी वह रिटर्न फाइल कर सकते है यानि विभाग जब चाहेगा तभी विवरणी दाखिल करेंगे। सरकार को चाहिए कि नॉनफाइलर को कुछ मौका देना चाहिए। जिन लोगों ने रिटर्न फाइल नहीं किया है वह नोटिस का इंतजार करें। नोटिस मिलता है तो जुर्माने के साथ वह रिटर्न के लिए हकदार हो जाएगा। टैक्स के आधार पर तीन सौ प्रतिशत जुर्माना का प्राविधान है।रिटर्न फाइल करने के बाद रिटर्न को वेरिफाई या ई वेरिफाई कराना न भूलें। निर्धारित समय में वेरिफाई नहीं कराते हैं तो रिटर्न अवैध मानी जाती है और इससे आपको मिलने वाले रिफंड की प्रक्रिया धीमी हो सकती है। समय रहते रिटर्न फाइल न करने के कारण ब्याज और जुर्माना दोनों भरना पड़ सकता है।कर विशेषज्ञ जय प्रावधानी का कहना है कि रिटर्न न भरने जुर्माना का प्रावधान है। पर ऋण के लिए आवेदन नहीं हो सकेगा। दरअसल, 1 अप्रैल से आयकर कानून का अनुच्छेद 234 एफ लागू हो रहा है। ऐसे में रिटर्न दाखिल न करने पर आयकर विभाग से नोटिस मिल सकता है और इसके बाद कई गुना ज्यादा जुर्माना पड़ सकता है। दरअसल, विभाग आपकी कर देनदारी के 50 से 300 प्रतिशत तक का जुर्माना लगा सकता है।
आयकर से नोटिस मिलने के बाद नॉनफाइलर भारी जुर्माने के साथ कर सकते हैं रिटर्न फाइल
मार्च का महीना शुरू होते ही रिटर्न का दर्द हर वर्ग को सताने लगता है। कागजी कार्रवाई पूरा करने में पूरा महीना बीत जाता था लेकिन अधिकतर लोग रिटर्न फाइल नहीं कर पाते थे। ऐसे लोगों के लिए हर बार सरकार कोई न कोई विकल्प देती थी लेकिन इस बार नॉनफाइलर के लिए आयकर विभाग ने अपने दरवाजे बंद कर लिए है। उनके सामने एक ही रास्ता बचता है, रिटर्न न फाइल करने के एवज में उन्हें कोई नोटिस मिलता है तो नोटिस के आधार पर एप्लीकेशन देकर वह जुर्माने के साथ रिटर्न फाइल कर सकते है।वित्तीय वर्ष 2015-16 और 2016-17 के लिए आयकर रिटर्न फ़ाइल करने का अंतिम मौका 31 मार्च 2018 था। अंतिम तिथि बीत जाने के बाद भी अधिकतर करदाताओं ने रिटर्न फाइल नहीं किया है। रिटर्न को लेकर काफी चिंतित है। ऐसे लोग नोटिस का इंतजार करें क्योंकि इसके अलावा और विकल्प नहीं नजर आ रहा है। सीए कमलेश अग्रवाल का कहना है कि इस बार दो साल रिटर्न फाइल करने के लिए सरकार ने मौका दिया था। इसके लिए अंतिम तिथि 31 मार्च तक का समय दिया गया था। 31 मार्च तक वित्तीय वर्ष 2015-16 और 2016-17 के लिए आयकर रिटर्न फ़ाइल कर सकते थे लेकिन किसी कारणवश नहीं कर पाए है तो नोटिस का इंतजार करें। आयकर विभाग की नोटिस मिलने के बाद विभाग के नाम एप्लीकेशन देकर रिटर्न फाइल कर सकते। इसके लिए पेनाल्टी को जो प्राविधान है उसे पूरा करना पड़ेगा। क्योंकि संस्था, नौकरीपेशा और बिजनेसमैन के लिए अलग-अलग पेनाल्टी का प्रावधान रखा गया है।सीए सुदेशना बसु का कहना हैकि सरकार ने पहली बार प्राविधान बनाया है इसलिए देश की आर्थिक स्थिति मजबूत और तेजी से विकास हो। क्योंकि समय मिल जाने के बाद लोग सुस्त हो जाते थे और रिटर्न फाइल करने में कंजूसी करते थे। इसलिए सरकार ने इस बार रिटर्न फाइल करने के लिए मौका देना बंद कर दिया है। ऐसे लोग सिर्फ नोटिस का ही इंतजार करें।सीए एसके द्विवेदी का कहना हैकि सरकार ने नॉनफाइलर के लिए काफी लेंदी प्रावधान बना दिया है। नोटिस जब जारी होगा तभी वह रिटर्न फाइल कर सकते है यानि विभाग जब चाहेगा तभी विवरणी दाखिल करेंगे। सरकार को चाहिए कि नॉनफाइलर को कुछ मौका देना चाहिए। जिन लोगों ने रिटर्न फाइल नहीं किया है वह नोटिस का इंतजार करें। नोटिस मिलता है तो जुर्माने के साथ वह रिटर्न के लिए हकदार हो जाएगा। टैक्स के आधार पर तीन सौ प्रतिशत जुर्माना का प्राविधान है।रिटर्न फाइल करने के बाद रिटर्न को वेरिफाई या ई वेरिफाई कराना न भूलें। निर्धारित समय में वेरिफाई नहीं कराते हैं तो रिटर्न अवैध मानी जाती है और इससे आपको मिलने वाले रिफंड की प्रक्रिया धीमी हो सकती है। समय रहते रिटर्न फाइल न करने के कारण ब्याज और जुर्माना दोनों भरना पड़ सकता है।कर विशेषज्ञ जय प्रावधानी का कहना है कि रिटर्न न भरने जुर्माना का प्रावधान है। पर ऋण के लिए आवेदन नहीं हो सकेगा। दरअसल, 1 अप्रैल से आयकर कानून का अनुच्छेद 234 एफ लागू हो रहा है। ऐसे में रिटर्न दाखिल न करने पर आयकर विभाग से नोटिस मिल सकता है और इसके बाद कई गुना ज्यादा जुर्माना पड़ सकता है। दरअसल, विभाग आपकी कर देनदारी के 50 से 300 प्रतिशत तक का जुर्माना लगा सकता है।