Wednesday, May 20, 2020

21 May : आतंकवाद विरोधी दिवस



आंतकविरोधी दिवस हमारे देश में प्रत्येक वर्ष 21 मई को लोगों को आतंकवाद विरोधी सामाजिक कार्य और मानव पीड़ा और जीवन पर इसके प्रभाव से लोगों को जागरूक करने के लिए  मनाया जाता है. 21 मई 1991 को भारत के सातवें प्रधान मंत्री राजीव गांधी की हत्या के बाद राष्ट्रीय आतंकवाद दिवस की आधिकारिक घोषणा की गई थी
वह आतंकवादी द्वारा अभियान में तमिलनाडु में मारे गए थे. फिर, वी.पी. सिंह सरकार के तहत केंद्र ने 21 मई को आतंकवाद दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया है.
इस दिवस के दिन प्रत्‍येक व्‍यक्ति आतंकवाद का विरोध करता है तथा प्रत्‍येक व्‍यक्ति को आतंकवाद का विरोध करने के लिए प्रेरित करता है क्‍योंकि आतंकवाद प्रत्‍येक राष्‍ट्र के लिए एक ऐसी बिमारी है जिसका इलाज करता असंम्‍भव है लेकिन फिर भी आतंकवाद से निपटने के लिए तमाम तरह के कदम उठाये जा रहे है 

मनाने का उददेश्‍य

आतंकवाद विरोधी दिवस (Anti-Terrorism Day) पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गॉधी (Rajeev Gandhi) के राष्‍ट्र् के प्रति बलिदान की याद में मनाया जाता है सबसे महत्‍वपूर्ण उददेश्‍य आतंकवाद के प्रति जन-जन को जागरूक करना है जिससे कि आगे इस प्रकार की होने वाली घटनाओं को रोका जा सके और आतंकवाद से होने वाली जन हानि और ध्‍ान हानि को समाप्‍त किया जा सके आतंकवाद विरोधी दिवस (Anti-Terrorism Day) मनाने का उद्देश्य राष्ट्रीय हितों पर पड़ने वाले विपरित प्रभावों, आतंकवाद के  कारण आम जनता को हो रही परेशानियों, आतंकी हिंसा से दूर रखना है। इसी उद्देश्य से स्कूल कॉलेज और वि‍श्ववि‍द्यालयों में आतंकवाद और हिं‍सा के खतरों पर परि‍चर्चा, वाद-वि‍वाद, सेमीनार और व्याख्यान का आयोजन कि‍या जाता है। आतंकवाद से सम्‍बन्धित पूरे विश्‍व में  ऐसी कई प्रकार की घटनाऐं है जिनसे मानव समाज को काफी आघात पहुँचा है

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