माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्डको स्थायी सचिव का इंतजार,
यूपी बोर्डकी सचिव नीना श्रीवास्तव के पास नौ माह से है अतिरिक्त प्रभार
प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड, इलाहाबाद का करीब 13 माह बाद किसी तरह से गठन तो कर दिया, लेकिन अभी तक स्थायी सचिव की तैनाती चयन बोर्ड में नहीं हो सकी है। इससे वहां का कार्यपूरी प्रभावित है।इस तरफ शासन का ध्यान अभी नहीं गया है।चयन बोर्डमें चयन प्रक्रिया के शुरूहोने से सचिव के न होने से चयन प्रक्रियाप्रभावित होगी।यूपी बोर्ड की सचिव नीना श्रीवास्तव के पास 17 अगस्त, 2017 से माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्डके सचिव एवं तीन वर्षसे आईसीआई का अतिरिक्त प्रभार है। यूपी बोर्डमें परीक्षा के बाद रिजल्ट की तैयारियां शुरूहो गयी हैं। सचिव श्रीमती श्रीवास्तव बोर्डके हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट के रिजल्ट की तैयारियों में लग गयी हैं।वह रिजल्ट की तैयारियों को लेकर शीघ्र दिल्ली जायेगी और रिजल्ट के तैयार होने तक दिल्ली में ही रहेंगी।उधर, माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में अध्यक्ष सहित छह सदस्यों ने कार्यभार संभाल लिया है।वहां पर भर्तीसहित अन्य प्रक्रियाएं शीघ्र शुरूहोने जा रही हैं।एक तरफ जहां पहले के जारी विज्ञापनों से परीक्षाएं शुरूहोंगी, वहीं दूसरी ओर इण्टरव्यू सहित अन्य चयन प्रक्रिया शुरूहोगी।ऐसे में एक स्थायी सचिव की चयन बोर्ड में खमी खलेगी। यह दूसरी बात है कि माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्डके उप सचिव नवल किशोर बोर्डमें अन्य पदों पर भी कार्यकर चुके हैं।उनको चयन बोर्डके कायरे की पूरी जानकारी है।वह प्रभारी सचिव भी रह चुके हैं।इससे कार्यतो प्रभावित नहीं होगा, लेकिन स्थायी सचिव की चयन बोर्डको अब अधिक जरूरत है।चयन बोर्ड में कर्मचारियों की कमी को लेकर अध्यक्ष गंभीर: उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के नवनियुक्त अध्यक्ष पूर्वआईएएस वीरेश कुमार ने चयन बोर्डमें कर्मचारियों की संख्या कम होने को गंभीरता से लिया है।चयन बोर्ड की सचिव नीना श्रीवास्तव ने बताया कि बोर्डमें जहां पहले सौ से अधिक कर्मचारी थे, वहां अब 40 ही बचे हैं।संविदा कर्मचारियों से किसी तरह से कार्यचल रहा है।शासन को कर्मचारियों के रिक्त पदों को भरने के लिए प्रस्ताव भेजा गया था, लेकिन कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं हुई।चयन बोर्डके अध्यक्ष ने कहा कि कर्मचारियों के रिक्त पदों को शीघ्र भरने की शासन से बात होगी।