उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि सरकार सुखी मन शिक्षा, तनावमुक्त विद्यार्थी, गुणवत्तापरक शिक्षा और नकलविहीन परीक्षा के फॉर्मूले पर काम कर रही है। सरकार की प्राथमिकता युवाओं को रोजगारोन्मुखी शिक्षा देने की है।
उप मुख्यमंत्री रविवार को ज्योति दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। सहारा इंडिया परिवार की ओर से स्व. सुधीरचंद्र राय की 105वीं जयंती पर सहारा शहर के ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी बोर्ड से पढ़ने वाले मेधावी बच्चों को सीबीएसई के विद्यार्थियों से कम नंबर मिलने की वजह से समस्याएं होती रही हैं।
इसे देखते हुए भाजपा सरकार ने इस बार से हाईस्कूल व इंटरमीडिएट में एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू किया है। इससे यूपी बोर्ड के बच्चों को भी परीक्षा में ज्यादा नंबर मिल सकेंगे। कॉलेज में स्मार्ट क्लासेज होंगी और सुनिश्चित किया जाएगा कि शिक्षक कक्षाओं में जाएं।
डॉ. शर्मा ने कहा कि भाजपा सरकार में पहली बार ऐसा हुआ है कि बोर्ड परीक्षाओं के दौरान प्रदेश भर में एक भी छात्र व शिक्षक के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं करवाई गई। प्रदेश में नकल का व्यवसाय 10 हजार करोड़ के ऊपर का था, जिस पर काबू पाया गया। नकल के सहारे परीक्षा देने वाले 11 लाख विद्यार्थी परीक्षा में शामिल नहीं हुए।
कार्यक्रम में 501 गरीब छात्राओं को 11-11 हजार रुपये की छात्रवृत्ति प्रदान की गई। वहीं 32 दिव्यांगों को स्कूटर के साथ अन्य उपकरण दिए गए। 3000 छात्र-छात्राओं को कौशल विकास प्रशिक्षण के प्रमाण पत्र वितरित किए गए। ग्रामीण विकास मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह और बेसिक शिक्षा मंत्री अनुपमा जायसवाल ने भी विचार रखे। कार्यक्रम में लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एसपी सिंह, सहारा के उप प्रबंधन कार्यकर्ता ओपी श्रीवास्तव, जेबी राय, सहारा की अधिशासी निदेशक कुमकुम राय चौधरी मौजूद रहीं।
इसे देखते हुए भाजपा सरकार ने इस बार से हाईस्कूल व इंटरमीडिएट में एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू किया है। इससे यूपी बोर्ड के बच्चों को भी परीक्षा में ज्यादा नंबर मिल सकेंगे। कॉलेज में स्मार्ट क्लासेज होंगी और सुनिश्चित किया जाएगा कि शिक्षक कक्षाओं में जाएं।
डॉ. शर्मा ने कहा कि भाजपा सरकार में पहली बार ऐसा हुआ है कि बोर्ड परीक्षाओं के दौरान प्रदेश भर में एक भी छात्र व शिक्षक के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं करवाई गई। प्रदेश में नकल का व्यवसाय 10 हजार करोड़ के ऊपर का था, जिस पर काबू पाया गया। नकल के सहारे परीक्षा देने वाले 11 लाख विद्यार्थी परीक्षा में शामिल नहीं हुए।
कार्यक्रम में 501 गरीब छात्राओं को 11-11 हजार रुपये की छात्रवृत्ति प्रदान की गई। वहीं 32 दिव्यांगों को स्कूटर के साथ अन्य उपकरण दिए गए। 3000 छात्र-छात्राओं को कौशल विकास प्रशिक्षण के प्रमाण पत्र वितरित किए गए। ग्रामीण विकास मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह और बेसिक शिक्षा मंत्री अनुपमा जायसवाल ने भी विचार रखे। कार्यक्रम में लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एसपी सिंह, सहारा के उप प्रबंधन कार्यकर्ता ओपी श्रीवास्तव, जेबी राय, सहारा की अधिशासी निदेशक कुमकुम राय चौधरी मौजूद रहीं।