उज्जैन : 11वीं-12वीं के छात्र पढ़ेंगे भारत बोध, मंत्री बोले- 5-8 साल तक के हर बच्चे को गुरुकुल जरूर भेजें
उज्जैन
में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) और मध्य प्रदेश सरकार के साझा कार्यक्रम विराट गुरुकुल सम्मेलन में
केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने भी हिस्सा लिया। इस मौके पर
उन्होंने ऐलान किया कि 11वीं और 12वीं
के छात्रों को 'भारत बोध' वैकल्पिक विषय के रूप में पढ़ाया जाएगा। साथ
ही जावड़ेकर ने गुरुकुल में पढ़ाए जाने की प्रणाली की तारीफ की और कहा कि वह भी
उसी तरह की सार्थक शिक्षा देने के पक्ष में हैं। वहीं इस मौके पर केंद्रीय मानव
संसाधन राज्य मंत्री सत्यपाल सिंह ने मौजूदा शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए
कहा कि हर बच्चे को 5 से 8 साल तक
गुरुकुल भेजना चाहिए।
'मौजूदा शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से फेल'
सत्यपाल सिंह ने मौजूदा शिक्षा व्यवस्था
को पूरी तरह से फेल बताया और कहा कि न तो यह चरित्र निर्माण कर पा रही है और ना ही
आतंकवाद जैसी चुनौतियों से निपटने में सफल है। उन्होंने कहा कि हमारे देश की वैदिक
शिक्षा पद्धति सर्वोपरि थी। एचआरडी स्टेट मिनिस्टर ने कहा, 'मेरा मानना है कि राजकुमार हो या
राजकुमारी या गरीब की संतान हो सबको 5 वर्ष से 8 वर्ष तक गुरुकुल में भेजना चाहिए। उन्होंने कहा कि आजकल कहते हैं कि
बच्चों को मां बाप से दूर नहीं करना लेकिन बच्चों को मां बाप से दूर कर बड़े
परिवार में भेजा जाता है, गुरुकुल में भेजा जाता है गुरुकुल
का मतलब सिर्फ गुरु नहीं, वहां बच्चा दूसरे बच्चों के साथ
सीखता है।
गुरुकुलों की जमकर की तारीफ
केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर ने गुरुकुल शिक्षा पद्धति की तारीफ की
और कहा कि गुरुकुलों में आधुनिक और प्राचीन शिक्षा का अच्छा समन्वय हो रहा है।
यहां गुरुओं का मकसद बच्चे का सर्वांगीण विकास है। वह हर बच्चे की अलग जरूरत और
अलग रुचि को देखते हुए सार्थक शिक्षा दे रहे हैं। जावड़ेकर ने कहा कि इसी तरह की
सार्थक शिक्षा का स्थान शिक्षा व्यवस्था में रहेगा। उन्होंने कहा कि प्राचीन और
आधुनिक शिक्षा का मेल होना चाहिए। सब प्राचीन बुरा है ऐसा नहीं सोचना चाहिए।
आधुनिक सही नहीं है, यह भी सोच नहीं होनी चाहिए।
संघ के संगठन से मांगे सुझाव
एचआरडी मिनिस्टर ने संघ के संगठन भारतीय शिक्षण मंडल सहित सभी
गुरुकुलों के प्रतिनिधियों से कहा कि वह वैदिक शिक्षा पर उन्हें सुझाव दें, जिस पर वह विचार करेंगे। उन्होंने कहा
कि एक महीने में नई एजुकेशन पॉलिसी का ड्राफ्ट आ जाएगा और दो महीने में नई एजुकेशन
पॉलिसी देश के सामने होगी।
मुख्य धारा की शिक्षा के बराबर मान्यता की अपील
इसके इतर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा
कि सभी राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि गुरुकुलों को पूर्ण
स्वायत्तता दी जाए और सामान्य पद्धति से चलने वाले दूसरे स्कूलों की तरह उन्हें भी
मान्यता दी जाए। उन्होंने कहा कि हमने मध्य प्रदेश में गुरुकुल शिक्षा को मुख्य
धारा की शिक्षा के बराबर मान्यता देने पर काम शुरू कर दिया है। चौहान ने कहा कि हम
गुरुकुल शिक्षण संस्थानों को भारतीय शिक्षण मंडल के सहयोग से शुरू करेंगे। उन्होंने
गुरुकुल शिक्षा के वैज्ञानिक पक्षों को सामने लाने के लिए रिसर्च पर भी जोर दिया।