सोनभद्र जिले के अरंगी जूनियर हाईस्कूल के प्रधानाध्यापक ने बुधवार
को जहर खाकर खुदकुशी कर ली। मौके से सुसाइड नोट मिला। उसमें उन्होंने तत्कालीन
बीईओ चोपन सुनील सिंह, एनपीआरसी मनीष श्रीवास्तव, शिक्षिका
श्वेता गुप्ता और हेमलता को इसके लिए जिम्मेदार बताया है। पुलिस ने चारों के खिलाफ
आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज कर लिया।
मूल रूप से चुनार मिर्जापुर निवासी अवध बली((54) अरंगी जूनियर हाईस्कूल के प्रधानाध्यापक थे। पुलिस के मुताबिक अरंगी में तैनात शिक्षिका श्वेता गुप्ता कई-कई दिन अनुपस्थित रहकर छुट्टी मंजूर करने का दबाव बना रही थीं। खंड शिक्षाधिकारी और अन्य भी इसके लिए दबाव बनाते थे।
पिछले दिनों भी छुट्टी मंजूर करने का दबाव बनाया गया था। उन्होंने इंकार किया तो दो दिन पूर्व उन पर श्वेता ने ऑनलाइन छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज करा दिया था। परिवार वालों के मुताबिक तभी से वह परेशान चल रहे थे।
बुधवार को अवध बली ने रेणुकापार कड़िया विद्यालय जाने वाले रास्ते पर सुबह करीब 10 बजे जहर खा लिया। ग्रामीणों ने जानकारी पुलिस को दी। उन्हें परियोजना अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया।
खबर लगते ही परिवार के सदस्य और अन्य लोग अस्पताल पहुंच गए। अवध बली की जेब से सुसाइड नोट भी मिला। परिवार वालों ने सुसाइड नोट में बताए गए आरोपियों पर मुकदमा दर्ज करने की मांग करते हुए शव उठाने से रोक दिया।
मूल रूप से चुनार मिर्जापुर निवासी अवध बली((54) अरंगी जूनियर हाईस्कूल के प्रधानाध्यापक थे। पुलिस के मुताबिक अरंगी में तैनात शिक्षिका श्वेता गुप्ता कई-कई दिन अनुपस्थित रहकर छुट्टी मंजूर करने का दबाव बना रही थीं। खंड शिक्षाधिकारी और अन्य भी इसके लिए दबाव बनाते थे।
पिछले दिनों भी छुट्टी मंजूर करने का दबाव बनाया गया था। उन्होंने इंकार किया तो दो दिन पूर्व उन पर श्वेता ने ऑनलाइन छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज करा दिया था। परिवार वालों के मुताबिक तभी से वह परेशान चल रहे थे।
बुधवार को अवध बली ने रेणुकापार कड़िया विद्यालय जाने वाले रास्ते पर सुबह करीब 10 बजे जहर खा लिया। ग्रामीणों ने जानकारी पुलिस को दी। उन्हें परियोजना अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया।
खबर लगते ही परिवार के सदस्य और अन्य लोग अस्पताल पहुंच गए। अवध बली की जेब से सुसाइड नोट भी मिला। परिवार वालों ने सुसाइड नोट में बताए गए आरोपियों पर मुकदमा दर्ज करने की मांग करते हुए शव उठाने से रोक दिया।
पुलिस ने एफआईआर दर्ज की, तब शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। पुलिस के
मुताबिक जांच शुरू कर दी गई है। मृतक की पत्नी नीलम सिंह की तहरीर पर ओबरा थाने
में तत्कालीन खंड शिक्षाधिकारी (वर्तमान तैनाती घोरावल) सुनील सिंह, मनीष
श्रीवास्तव, शिक्षिका श्वेता गुप्ता और हेमलता के खिलाफ
मुकदमा दर्ज कर लिया।