बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अनुपमा जायसवाल ने कहा है कि
सरकार प्राइमरी स्कूलों के रिक्त 1.37 लाख पदों को चरणबद्ध तरीके से
भरेगी। पहले चरण में 68,500 शिक्षकों की भर्ती की जा रही है।
यह भर्ती जून तक पूरी हो जाएगी। इसके बाद दूसरे चरण में इतने ही पद भरे जाएंगे। उन्होंने कहा कि रिक्त पदों को दो चरणों में भरने की कार्यवाही सुप्रीमकोर्ट के निर्देश के अनुसार शिक्षामित्रों को भर्ती का दो अवसर देने के लिए की गई है।
अनुपमा, विधानसभा में सपा के संजय गर्ग के सवाल का जवाब दे रही थीं। गर्ग ने अनुपूरक सवाल किया क्या सरकर शिक्षामित्रों को शिक्षकों के समान कार्य होने की वजह से समान सुविधाएं देंगी और टीईटी की अनिवार्य समाप्त करने के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखेगी?
मंत्री ने बताया कि शिक्षकों के रिक्त पदों को भरना सरकार की प्राथमिकता में है। शिक्षामित्रों को शिक्षक से शिक्षामित्र पद पर सुप्रीमकोर्ट के आदेश से वापस किया गया है। इसके अलावा योग्य शिक्षामित्रों को शिक्षक पद पर आने के लिए दो अवसर देने की व्यवस्था की गई है। उन्हें उम्र सीमा में भी छूट दी गई है। यदि वे पास होंगे तो फिर शिक्षक बन जाएंगे।
यह भर्ती जून तक पूरी हो जाएगी। इसके बाद दूसरे चरण में इतने ही पद भरे जाएंगे। उन्होंने कहा कि रिक्त पदों को दो चरणों में भरने की कार्यवाही सुप्रीमकोर्ट के निर्देश के अनुसार शिक्षामित्रों को भर्ती का दो अवसर देने के लिए की गई है।
अनुपमा, विधानसभा में सपा के संजय गर्ग के सवाल का जवाब दे रही थीं। गर्ग ने अनुपूरक सवाल किया क्या सरकर शिक्षामित्रों को शिक्षकों के समान कार्य होने की वजह से समान सुविधाएं देंगी और टीईटी की अनिवार्य समाप्त करने के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखेगी?
मंत्री ने बताया कि शिक्षकों के रिक्त पदों को भरना सरकार की प्राथमिकता में है। शिक्षामित्रों को शिक्षक से शिक्षामित्र पद पर सुप्रीमकोर्ट के आदेश से वापस किया गया है। इसके अलावा योग्य शिक्षामित्रों को शिक्षक पद पर आने के लिए दो अवसर देने की व्यवस्था की गई है। उन्हें उम्र सीमा में भी छूट दी गई है। यदि वे पास होंगे तो फिर शिक्षक बन जाएंगे।
अनुपमा ने कहा कि प्रदेश सरकार शिक्षामित्रों के हितों केलिए
पूरी तरह संवेदनशील है। इसीलिए उनका मानदेय 3,500 रुपये से बढ़ाकर 10 हजार रुपये किया गया है।
स्कूलों के मरम्मत की रकम बढ़ाने का केंद्र को प्रस्ताव भेजेगी
सरकार
बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अनुपमा जायसवाल ने कहा
है कि सरकार बेसिक स्कूलों में वार्षिक मरम्मत के मद की रकम 7500 रुपये से बढ़ाने के लिए
केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजने पर विचार करेगी।
विधानसभा में कांग्रेस सदस्य अदिति सिंह के सवालों का जवाब में उन्होंने यह आश्वासन दिया। अदिति ने सवाल किया था कि प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के भवन मरम्मत व पुताई तथा अन्य शिक्षण सामग्री खरीद के लिए प्रतिवर्ष कितनी धनराशि दी जाती है?
क्या जर्जर सरकारी विद्यालयों की मरम्मत के लिए इस रकम को बढ़ाने पर सरकार विचार करेगी? मंत्री ने बताया कि विद्यालयों की रंगाई-पोताई व छोटी-छोटी मरम्मत के लिए प्रति वर्ष 7500 रुपये देती है।
यह रकम केंद्र सरकर द्वारा तय मानक पर दी जाती है। उन्होंने फिलहाल धनराशि बढ़ाने के किसी प्रस्ताव से इनकार किया। उन्होंने अनुपूरक सवाल के जवाब में आश्वासन दिया कि सरकार केंद्र सरकार को यह रकम बढ़ाने का प्रस्ताव भेजने पर विचार करेगी।
विधानसभा में कांग्रेस सदस्य अदिति सिंह के सवालों का जवाब में उन्होंने यह आश्वासन दिया। अदिति ने सवाल किया था कि प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के भवन मरम्मत व पुताई तथा अन्य शिक्षण सामग्री खरीद के लिए प्रतिवर्ष कितनी धनराशि दी जाती है?
क्या जर्जर सरकारी विद्यालयों की मरम्मत के लिए इस रकम को बढ़ाने पर सरकार विचार करेगी? मंत्री ने बताया कि विद्यालयों की रंगाई-पोताई व छोटी-छोटी मरम्मत के लिए प्रति वर्ष 7500 रुपये देती है।
यह रकम केंद्र सरकर द्वारा तय मानक पर दी जाती है। उन्होंने फिलहाल धनराशि बढ़ाने के किसी प्रस्ताव से इनकार किया। उन्होंने अनुपूरक सवाल के जवाब में आश्वासन दिया कि सरकार केंद्र सरकार को यह रकम बढ़ाने का प्रस्ताव भेजने पर विचार करेगी।