राष्ट्रीय
शिक्षा नीति बनाने को लेकर बेंगलुरु में आयोजित बैठक में शनिवार को दारुल उलूम
देवबंद की ओर से तीन प्रस्ताव रखे गए। इस बैठक में दारुल उलूम देवबंद की ओर से
मजलिस-ए-शूरा के वरिष्ठ सदस्य
मुफ्ती इस्माईल मालेगांव ने शिरकत की थी। दारुल उलूम देवबंद के मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी ने बताया कि दारुल उलूम ने सरकार से मांग की है कि मदरसों के निसाब (कोर्स) में कोई परिवर्तन न किया जाए। मदरसों के छात्रों को भी शिक्षित का दर्जा दिया जाए, जो अभी तक सरकार ने नहीं दिया है। योग को ऐच्छिक विषय के रूप में शामिल कराने का भी प्रस्ताव रखा गया है। साफ कहा कि मदरसा बोर्ड के अंतर्गत चलने वाले मदरसों के कोर्स में यदि बदलाव किया गया तो टकराव की स्थिति पैदा होगी।
मुफ्ती इस्माईल मालेगांव ने शिरकत की थी। दारुल उलूम देवबंद के मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी ने बताया कि दारुल उलूम ने सरकार से मांग की है कि मदरसों के निसाब (कोर्स) में कोई परिवर्तन न किया जाए। मदरसों के छात्रों को भी शिक्षित का दर्जा दिया जाए, जो अभी तक सरकार ने नहीं दिया है। योग को ऐच्छिक विषय के रूप में शामिल कराने का भी प्रस्ताव रखा गया है। साफ कहा कि मदरसा बोर्ड के अंतर्गत चलने वाले मदरसों के कोर्स में यदि बदलाव किया गया तो टकराव की स्थिति पैदा होगी।