Thursday, January 18, 2018

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, मदरसों व संस्कृत स्कूलों को मार्डन करने की जरूरत

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज लखनऊ में विधानभवन के तिलक हाल में उत्तर क्षेत्र अल्पसंख्यक कल्याण समन्वय बैठक का उद्घाटन किया। बैठक में केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के साथ ही मेजबान उत्तर प्रदेश के साथ नौ राज्यों के मंत्री मौजूद थे। 
मुख्यमंत्री ने बैठक का उद्घाटन करने के बाद कहा कि किसी भी हालत मे किसी भी राज्य में मदरसों को बंद करना किसी बड़ी समस्या का हल नहीं है। हमको मदरसों को मार्डन बनाना होगा। मदरसों को बंद करना कोई हल नहीं। मदरसों का आधुनिकीकरण होना चाहिए। मदरसों को कम्प्यूटर से जोडऩा होगा। इसी तरह से संस्कृत विद्यालयों को भी मार्डन करना होगा। देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार अल्पसंख्यक कल्याण की नई-नई योजनाएं बना रही है। राज्य सरकार भी उसका अनुपालन करने में लगी हैं। 
मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ का कहना है कि मदरसों को बंद करना समाधान नहीं है बल्कि इन्हें आधुनिक शिक्षा से जोड़ा जाना चाहिए। हम तो संस्कृत विद्यालयों से भी कहते हैं वह अपने यहां पारंपरिक शिक्षा के साथ ही अंग्रेजी, कंप्यूटर व आधुनिक विषयों की शिक्षा दें। नार्थ जोन के राज्यों के अल्पसंख्यक मंत्रियों की बैठक में बतौर मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी में बिना भेदभाव के हर तबके के विकास के लिए तत्पर हैं। शासन की सभी योजनाओं को समाज के हर तबके तक पहुंचाने का कार्य करना है। प्रदेश में जब हमारी सरकार बनी थी तब बहुत सारी आशंकाएं थीं कि कुछ लोगों के बजट में कटौती होगी लेकिन हम सबका साथ सबका विकास के नारे के साथ आगे बढ़ रहे हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जब हम अल्पसंख्यक कल्याण की बात करते है तो हमारे सामने बहुत सारे सवाल खड़े होते हैं। अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय पर बेहद अहम जिम्मेदारी है। अगर हमारे शरीर का कोई अंग काम करना बंद करता है तो हमें दिव्यांग कहा जाता है। ऐसे ही अगर समाज में किसी व्यक्ति के साथ भेदभाव होता है तो वो अपने आपको उपेक्षित महसूस करता है। सरकार का प्रयास रहता है कि कोई भी व्यक्ति अपने को उपेक्षित न महसूस करे। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमें ध्यान रखना है कि कोई व्यक्ति अराजकता का शिकार न हो। वह अपने समाज के साथ मिलकर इस राष्ट्र को सशक्त बनाने और एक भारत-श्रेष्ठ भारत की संकल्पना में अपना योगदान दे सके।
उन्होंने कहा कि हमने उत्तर प्रदेश में राशन कार्डों का सत्यापन कराया और 37 लाख लोगों को राशन कार्ड दिया है। हम बिना भेदभाव के सभी वर्ग के लिए काम कर रहे हैं। अल्पसंख्यक वर्ग के विकास के लिए प्रधानमंत्री स्किल डेवलपमेंट कार्यक्रम चलाया जा रहा है। 
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मुख्तार अब्बास नकवी के मंत्री बनने और उत्तर प्रदेश में उनके आगमन के बाद यहां अल्पसंख्यक कल्याण योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी आई है। उनके सरकार के नौ महीने के कार्यकाल में ही 100 से अधिक कार्ययोजनाओं की शुरुआत अल्पसंख्यकों के लिए की गई है। उन्होंने कहा कि आज का यह सम्मेलन इसलिए भी अहम है क्योंकि इसमें केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी सीधे तौर पर केंद्र की योजनाओं की जमीनी हकीकत से रूबरू होंगे। इसके साथ ही सम्मेलन में अल्पसंख्यक कल्याण योजनाओं में सुधार के लिए सुझाव भी मांगे जाएंगे। यही नहीं यहां पर आए मंत्रियों से अपने-अपने राज्यों में चल रहे अल्पसंख्यक योजनाओं को लागू करने पर भी बात हो रही है।
इस अवसर पर केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि हमको ध्यान रखना है कि किसी भी हालत में लड़कियां शिक्षा से वंचित न रहें। इसके विकास से ही देश तथा प्रदेश का विकास होगा। एक शिक्षित लड़की ही घर-परिवार के साथ ही समाज को शिक्षित कर सकती है। हमें लड़कियों की शिक्षा पर अभी विशेष ध्यान देना होगा। एक बार शिक्षा के मंदिर में जाने वाली लड़की किसी भी तरह से बीच में शिक्षा छोडऩे पर मजबूर न हो। 
बैठक में केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी समेत नौ राज्यों के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री शामिल हैं। बैठक में हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, जम्मू-कश्मीर, दिल्ली, उत्तराखंड, बिहार, चंडीगढ़, और उत्तर प्रदेश मे अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हैं। केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी की उपस्थिति में नौ राज्यों के मंत्री अल्पसंख्यकों के सामने आ रही चुनौतियों पर चर्चा करेंगे। इनमें तीन तलाक से लेकर मदरसा शिक्षा के मुद्दे शामिल होंगे। बैठक में योजनाओं को लेकर आ रही दिक्कतों व इसके सुझाव पर भी बात होगी। सभी राज्य अपने-अपने यहां चल रही योजनाओं एवं उनकी प्रगति के बारे में प्रजेंटेशन देंगे। इसमें एमएसडीपी, मदरसा आधुनिकीकरण, छात्रवृत्ति सहित विभिन्न योजनाएं शाामिल किया गया है। पहली बार यह समन्वय बैठक लखनऊ में हो रही है। 
यूपी रखेगा एमएसडीपी की प्रगति 
उत्तर प्रदेश इस बैठक में एमएसडीपी योजना की प्रगति रखेगा। प्रदेश सरकार का दावा है कि नौ माह में इस योजना के तहत बहुत काम हुआ है। इस दौरान 38 इंटर कॉलेज, तीन राजकीय पॉलीटेक्निक, 13 आइटीआइ, पांच प्राइमरी स्कूल, छह छात्रावास पूरे कराए गए हैं। प्रमुख सचिव अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ मोनिका एस गर्ग ने बताया कि स्वास्थ्य सुविधाओं में 28 प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेंद्र, एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, चार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, छह आयुर्वेदिक चिकित्सालय बनवाए गए हैं। अल्पसंख्यक आबादी वाले विकास खंडों में 484 आंगनबाड़ी केंद्रों को पूर्ण करवाकर बाल विकास एवं पुष्टाहार को ट्रांसफर कर दिया गया है। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों एवं शहरी क्षेत्रों में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए 11 पाइप पेयजल परियोजनाओं का निर्माण पूरा कराया जा रहा है।
सद्भाव मंडप को भी यूपी करेगा पेश 
सामाजिक समरसता और सामुदायिक विकास को प्रोत्साहन देने के लिए प्रदेश में 18 सद्भाव मंडप का निर्माण कराया जा रहा है। यह मंडप भी केंद्र की एमएसडीपी के तहत स्वीकृत हुए हैं। इन मंडपों में भाईचारा व सौहार्द बनाए रखने के साथ-साथ खेलकूद व सामुदायिक गतिविधियां आयोजित की जा सकेंगी। योगी सरकार समन्वय बैठक में इस योजना का भी प्रचार करेगी।


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