योगी
आदित्यनाथ की कैबिनेट ने बृहस्पतिवार को राजकीय महाविद्यलायों के शिक्षकों की
तबादला नीति को हरी झंडी दे दी। नई नीति के तहत राजकीय महाविद्यालयों के शिक्षकों
का इस बार ऑनलाइन ट्रांसफर होगा। शिक्षकों को तबादले के लिए विभागीय वेबसाइट पर
आवेदन करना होगा। इसमें उन्हें तीन विकल्प देने होंगे। तीन श्रेणियों में जिलों को
बांटकर डिग्री कॉलेजों को विभाजित किया गया है।
यह नीति प्रदेश के 158 डिग्री कॉलेजों के करीब दो हजार शिक्षकों पर प्रभावी होगी। तबादला नीति में
सामान्य ट्रांसफर इस बार नहीं होंगे। केवल उन्हीं के तबादले होंगे जो आवेदन
करेंगे। तबादला नीति में शिक्षकों को अर्जित अंकों के आधार पर मनचाहे स्थान पर
तबादला किया जाएगा।
नीति में ऐसे शिक्षक जिनके पति या पत्नी सैनिक या अर्द्धसैनिक बल में कार्यरत हैं एवं इनकी तैनाती सीमा अथवा नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में है उन्हें मनचाहे महाविद्यालयों में तैनाती में वरीयता दी जाएगी। इसके अलावा पति-पत्नी दोनों राजकीय महाविद्यालय की सेवा में हैं तो उन्हें भी तबादले में वरीयता दी जाएगी। पति एवं पत्नी गंभीर बीमारी जैसे कैंसर, एड्स, किडनी फेल्योर से ग्रसित हैं तो उन्हें भी यथासंभव अनुरोध के अनुसार तैनाती दी जाएगी।
जिलों को तीन श्रेणी में बांटा गया है। इनमें पहली श्रेणी महानगरों में स्थित महाविद्यालयों की है। दूसरी क्षेणी में बी क्लास के जिले आते हैं। तीसरी श्रेणी में ऐसे जिलों के महाविद्यालय रखे गए हैं जो सुदूर क्षेत्रों में आते हैं।
नीति में ऐसे शिक्षक जिनके पति या पत्नी सैनिक या अर्द्धसैनिक बल में कार्यरत हैं एवं इनकी तैनाती सीमा अथवा नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में है उन्हें मनचाहे महाविद्यालयों में तैनाती में वरीयता दी जाएगी। इसके अलावा पति-पत्नी दोनों राजकीय महाविद्यालय की सेवा में हैं तो उन्हें भी तबादले में वरीयता दी जाएगी। पति एवं पत्नी गंभीर बीमारी जैसे कैंसर, एड्स, किडनी फेल्योर से ग्रसित हैं तो उन्हें भी यथासंभव अनुरोध के अनुसार तैनाती दी जाएगी।
जिलों को तीन श्रेणी में बांटा गया है। इनमें पहली श्रेणी महानगरों में स्थित महाविद्यालयों की है। दूसरी क्षेणी में बी क्लास के जिले आते हैं। तीसरी श्रेणी में ऐसे जिलों के महाविद्यालय रखे गए हैं जो सुदूर क्षेत्रों में आते हैं।