तबादलों
में भ्रष्टाचार का खेल खत्म करने के लिए हरियाणा की ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी दूसरे
राज्यों को भी रास आने लगी है। नित नई योजनाओं से दूसरे राज्यों को राह दिखा रहे
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिक्षा विभाग में तबादला ‘व्यवसाय’ को खत्म करने के लिए
मनोहर सरकार से सहयोग मांगा है। कर्नाटक सरकार पहले ही प्रदेश की नई तबादला नीति
का अनुकरण कर रही है।
हरियाणा
की शिक्षक तबादला नीति पर मंथन के बाद उप्र सरकार इसे पूरी
तरह लागू करने की तैयारी में है। शुक्रवार को हरियाणा के शिक्षा विभाग के अतिरिक्त
मुख्य सचिव पीके दास और माध्यमिक शिक्षा विभाग के अतिरिक्त निदेशक वीरेंद्र सिंह
सहरावत लखनऊ में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष प्रेजेंटेशन
देंगे। वहां के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा और शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव दीपेंद्र
कुमार हरियाणा की नीति के तमाम पहलुओं की जानकारी हासिल करेंगे। हरियाणा ने पिछले
साल ही शिक्षा विभाग में ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी शुरू की थी।
इसलिए
पसंद आ रही शिक्षक तबादला नीति : पिछले साल जुलाई से लागू नई शिक्षक तबादला नीति
में पूरी तरह पारदर्शिता अपनाई गई है। इसके तहत पांच साल से एक ही स्कूल में जमे
मुख्याध्यापकों व शिक्षकों को अनिवार्य और तीन साल से कार्यरत शिक्षकों को ऐच्छिक
रूप से सुगम पोर्टल पर तबादलों के लिए स्कूलों के विकल्प देने होते हैं। समानता और
अध्यापकों के मांग आधारित वितरण के आधार पर यह नीति तैयार की गई ताकि बच्चों के
शैक्षणिक हितों को सुरक्षित किया जा सके। रिक्तियों का सकेंद्रण केवल कुछ ही
विद्यालय में न हो, इसके लिए सभी रिक्तियों को
आनुपातिक रूप में विभाजित किया जाता है। सभी जिलों के सरकारी विद्यालयों को सात
क्षेत्रों में विभाजित कर शिक्षकों को इच्छित विद्यालय में स्थानांतरित किया
जाएगा। इच्छित विद्यालय न मिलने पर ही उसे अन्य विद्यालयों में नियुक्ति किया जाता
है।