42 फीसद बच्चों के पास “आधार” नहीं
केंद्र व राज्य
सरकारों प्रयासों के बावजूद जनपद में अब तक 57.85 फीसद स्कूली बच्चों का ही आधार कार्ड बन सका है। अब भी 42 फीसद बच्चों के पास 'आधार' नंबर नहीं है। इसके चलते को विद्यार्थियों को आवंटित यूनिक आइ-डी (चाइल्ड
ट्रेकिंग सिस्टम) का कार्य प्रभावित हो रहा है।
जनपद के विभिन्न
विद्यालयों में कक्षा एक से 12 तक अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों की डेटा फीडिंग का कार्य 30 अप्रैल तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था लेकिन अब तक डेटा फीडिंग पूरा
नहीं हो सका है। इसके पीछे शत प्रतिशत बच्चों का आधार कार्ड नंबर न होना बताया जा
रहा है। हालांकि डेटा फीडिंग में आधार कार्ड की बाध्यता समाप्त कर दी गई है। इसके
स्थान पर प्रत्येक विद्यार्थियों को अलग-अलग कोड नंबर आवंटित किए जा रहे हैं। वहीं
दूसरी ओर जनपद के सभी बच्चों को आधार कार्ड से जोड़ने का भी लक्ष्य रखा गया है।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी जय करन यादव ने बताया कि परिषदीय विद्यालयों के बच्चों
का आधार कार्ड 20 मई तक बनवाने का लक्ष्य रखा गया है। इस
क्रम में अभिभावकों से भी अनुरोध किया गया है कि वे अपने-अपने बच्चों का अनिवार्य
रूप से आधार कार्ड बनवाने में सहयोग करें। यदि आधार कार्ड बनवाने में उन्हें कोई
परेशानी आ रही है तो वे संबंधित विद्यालयों के शिक्षकों से भी संपर्क कर सकते हैं।