Sunday, May 10, 2020

उड़ान लाइसेंस पाने वाली भारत की पहली महिला ‘आबिदा सुल्तान’

Abida Sultan
28 अगस्त1913 - 11 मई2002
आबिदा सुल्तान भोपाल रियासत की राजकुमारी थीं। आबिदा सुल्तान को भारत की पहली महिला पायलट होने का गौरव प्राप्त था। इन्हें 25 जनवरी1942 को उड़ान लाइसेंस मिला था।
आबिदा सुल्तान का जन्म 28 अगस्त 1913 को हुआ था। इनके पिता हमीदुल्लाह ख़ान भोपाल रियासत के अंतिम नवाब थे। आबिदा अपने पिता की बड़ी संतान थी। उनकी परवरिश दादी सुल्तान जहां बेगम ने किया था। अपनी दादी के अनुशासन में रहकर बहुत कम उम्र में ही आबिदा सुल्तान कार ड्राइविंग के अलावा घोड़े, पालतू चीतल जैसे जानवरों की सवारी और शूटिंग कौशल में पारंगत हो चुकी थी। उस जमाने में वे बगैर नकाब के कार चलाती थीं। आबिदा सुल्तान सही मायनों में बहुमुखी प्रतिभा की धनी थीं। उन्होंने हर क्षेत्र में पुरूषों से दो कदम आगे बढ़कर ही काम किया था। उन्होंने 25 जनवरी 1942 को पायलट लाइसेंस प्राप्त किया और भारत की पहली महिला पायलट बनने का गौरव हासिल किया। आबिदा की यह उपलब्धि आने वाले दिनों में हजारों-लाखों महिलाओं के लिए प्रेरणा साबित हुई।
 उपमहाद्वीप के मुस्लिम राजनीति में सक्रिय भूमिका अदा करने वाली आबिदा सुल्तान ने अपने पिता हमीदुल्लाह ख़ान के कैबिनेट के अध्यक्ष और मुख्य सचिव की जिम्मेदारी भी संभाली थी। आबिदा पोलो और स्क्वेश जैसे खेलों में भी दिलचस्पी रखती थी। सन् 1949 में वे अखिल भारतीय महिला स्क्वैश की चैंपियन रहीं।
आबिदा का निकाह 18 जून1926 को कुरवाई के नवाब सरवर अली ख़ान के साथ हुआ। दादी की प्रिय पोती आबिदा पहली बार पिता के उत्तराधिकारी का अनुमोदन प्राप्त करने के लिए अपनी दादी नवाब सुल्तान जहां बेगम के साथ सन् 1926 में लंदन गईं थीं। देश के विभाजन की उथल-पुथल के बाद सन् 1949 में उन्होंने भारत छोड़ दिया और पाकिस्तान चली गई। आबिदा सुल्तान ने अपना आशियाना कराची में बनाया और अपनी गतिविधियां जारी रखीं। उन्होंने सन् 1954 में संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व और सन् 1956 में चीन का दौरा किया। धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र में विश्वास रखने वाली आबिदा सन् 1960 में मार्शल कानून के विरोध में फातिमा जिन्ना- जो मोहम्मद अली जिन्ना की बहन थीं, का साथ दिया था। वे महिला अधिकारों की पक्षधर थीं। जनवरी 1954 में पिता द्वारा भोपाल वापस लौटने की पेशकश को ठुकरा चुकी आबिदा 12 वर्षों तक अपने पिता से दूर रहीं, लेकिन उनकी मृत्यु के समय वे भोपाल आई.

आबिदा सुल्तान अक्टूबर 2001 तक अनेक रोगों से ग्रस्त हो गईं। 27 अप्रैल2002 को कार्डियक आपरेशन के लिए उन्हें शौकत उमर मेमोरियल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहाँ 11 मई2002 को उनका निधन हो गया। उनके पुत्र शहरयार मोहम्मद ख़ान पाकिस्तान में विदेश सचिव रहे हैं।

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