आखिर 9 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता
है प्रवासी भारतीय दिवस
प्रवासी भारतीय दिवस (Pravasi
Bharatiya Divas) पर सबसे रोचक बात ये है कि इस दिन का इंतजार भारत
में नहीं बल्कि विदेश में रह रहे लोगों का होता है। ये दिन उनके लिए काफी खास होता
क्योंकि देश के बाहर रह रहे लोग विदेश में रहकर भारत का नाम रोशन करते हैं। पिछले 16
साल से पूरे विश्व में 9 जनवरी को
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की वतन वापिसी के दिन विश्व अप्रवासी दिवस मनाया जाता है।ये वहीं दिन था
जब राष्ट्रपिता महात्मा गांधी 1915 में दक्षिण अफ्रीका से
भारत लौटे थे।
9 जनवरी को मानने की वजह
हर किसी का एक ही सवाल होता है कि आखिर ये प्रवासी भारतीय दिवस 9 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है। अगर आप भी उन्हीं में से एक हैं तो हम आपको एक इसके पीछे की वजह बताने जा रहे हैं। महात्मा गांधी जब 1893 में दक्षिण अफ्रीका (Africa) के नटाल प्रांत पहुंचे तो वहां पर उन्हें रंगभेदी नीति का सामना करना पड़ा। महात्मा गांधी चुप नहीं बैठे और इस नीति के खिलाफ उन्होंने आवाज उठाई क्योंकि ये पूरे भारतीयों के सम्मान की बात थी। कड़ी मेहनत और काफी संघर्ष के बाद महात्मा गांधी अपने इस मिशन में कामयाब हो गए और 22 साल बाद अपनी इस जीत के साथ वो 9 जनवरी 1915 को भारत लौट आएं।
9 जनवरी को मानने की वजह
हर किसी का एक ही सवाल होता है कि आखिर ये प्रवासी भारतीय दिवस 9 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है। अगर आप भी उन्हीं में से एक हैं तो हम आपको एक इसके पीछे की वजह बताने जा रहे हैं। महात्मा गांधी जब 1893 में दक्षिण अफ्रीका (Africa) के नटाल प्रांत पहुंचे तो वहां पर उन्हें रंगभेदी नीति का सामना करना पड़ा। महात्मा गांधी चुप नहीं बैठे और इस नीति के खिलाफ उन्होंने आवाज उठाई क्योंकि ये पूरे भारतीयों के सम्मान की बात थी। कड़ी मेहनत और काफी संघर्ष के बाद महात्मा गांधी अपने इस मिशन में कामयाब हो गए और 22 साल बाद अपनी इस जीत के साथ वो 9 जनवरी 1915 को भारत लौट आएं।
उनके भारत आने की खुशी के बाद ही 2003 में पहली बार ये
प्रवासी भारतीय दिवस मनाया गया।
प्रवासी भारतीय दिवस मनाने का
उद्देश्य
इस प्रवासी भारतीय दिवस को मानने के पीछे कुछ उद्देश्य है जिसके कारण लगातार कई सालों से इस कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है।
इस प्रवासी भारतीय दिवस को मानने के पीछे कुछ उद्देश्य है जिसके कारण लगातार कई सालों से इस कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है।
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विदेश
में रह रहे भारतीय प्रवासियों की परेशानी जानना और जितना हो सकें उसे दूर करना
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युवा
पीढ़ियों को अप्रवासियों से जोड़ना
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रोजगार
के अवसर के लिए
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विश्व
में हर जगह रह रहे अप्रवासी भारतीय का नेटवर्क बनाना
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निवेश
को बढ़ाना