विश्व डाक दिवस प्रत्येक वर्ष 9 अक्टूबर को मनाया जाता है। डाक सेवाओं की उपयोगिता और इसकी संभावनाओं को देखते हुए
ही हर वर्ष 9 अक्टूबर को विश्व डाक दिवस यूनिवर्सल पोस्टल
यूनियन की ओर से मनाया जाता है। विश्व डाक दिवस का उद्देश्य ग्राहकों के बीच डाक
विभाग के उत्पाद के बारे में जानकारी देना, उन्हें जागरूक
करना और डाकघरों के बीच सामंजस्य स्थापित करना है।
सभी देशों के बीच पत्रों का आवागमन सहज रूप से हो सके, इसे ध्यान में रखते हुए 9 अक्टूबर, 1874 को जनरल पोस्टल यूनियन के गठन हेतु बर्न,
स्विटजरलैंड में 22 देशों ने एक संधि पर
हस्ताक्षर किया था। इसी वजह से बाद में 9 अक्टूबर को विश्व
डाक दिवस के रूप में मनाना शुरू किया गया। यह संधि 1 जुलाई, 1875 को अस्तित्व में आई। 1 अप्रैल, 1879 को जनरल पोस्टल यूनियन का नाम बदलकर
यूनीवर्सल पोस्टल यूनियन (Universal Postal Union, सार्वभौमिक
डाक संघ या यूपीयू) कर दिया गया। यूपीयू की स्थापना वैश्विक संचार क्रांति की
शुरुआत थी। डाकघर ने दुनिया के एक जगह के लोगों को दूसरे जगह रहने वाले लोगों से
संप्रेषण का माध्यम उपलब्ध कराया। वर्ष 1969 में जापान के टोकियो में 9 अक्टूबर को विश्व डाकघर दिवस घोषित किया गया। तब दुनिया भर में डाक सेवाओं के
योगदान को रेखांकित करने के लिए हर वर्ष इस दिन विश्व डाकघर दिवस मनाया जाता है।
यह दिन अंतर्राष्ट्रीय पत्रों के पूरे विश्व में मुक्त प्रवाह के लिए मार्ग
प्रशस्त करने का एक प्रयास है।