Tuesday, June 11, 2019

प्रयागराज: शिक्षा महकमे को चला रहे कार्यवाहक अफसर


  • बेसिक शिक्षा अपर निदेशक का भी पुरसाहाल नहीं, कई महीनों से संबद्ध, शैक्षिक सुधार के दावे जमीनी हकीकत से नहीं खाते मेल
  • माध्यमिक शिक्षा निदेशक के एक पद पर कार्यवाहक, दूसरे पर नियुक्ति नहीं


शैक्षिक सुधार के तमाम दावे हो रहे हैं लेकिन, वे जमीनी हकीकत से मेल नहीं खाते। वजह चुनिंदा अफसरों पर जिम्मेदारियों का बोझ है तो तमाम बिना दायित्व के ही महीनों से वेतन ले रहे हैं। शायद इसीलिए अहम निर्णय समय पर नहीं हो पा रहे हैं। ये हाल तब है जब शासन ने स्थानांतरण व तबादला प्रक्रिया शुरू कर रखी है।
माध्यमिक शिक्षा निदेशक के पद पर विनय कुमार पांडेय करीब दस माह से कार्य कर रहे हैं, अब तक वे कार्यवाहक ही हैं। नियमित पद मिलने की प्रक्रिया शुरू हुई लेकिन, वह आगे नहीं बढ़ सकी। निदेशक साक्षरता के पद से अमरनाथ वर्मा रिटायर हो चुके हैं। इस पद पर अब तक किसी की तैनाती नहीं की जा सकी है। ऐसे ही शिक्षा निदेशालय प्रयागराज में संयुक्त शिक्षा निदेशक अर्थ के पद का दायित्व संतराम सोनी को दिया गया था लेकिन, यह जिम्मा रामचेत संभाल रहे हैं। सहायक निदेशक अर्थ व बीमा का दायित्व एएन मौर्य के पास था, यह कार्य रामशरण सिंह देख रहे हैं। सहायक निदेशक भवन का पद लंबे समय से रिक्त हैं अतिरिक्त प्रभार रामचेत के पास है।
बेसिक शिक्षा में अपर निदेशक के रूप में विनय कुमार पांडेय कागजों पर कार्य कर रहे हैं। निदेशक माध्यमिक का दायित्व होने से वह केवल जरूरी कामकाज ही निपटा पा रहे हैं। सहायक शिक्षा निदेशक सेवा दो स्वराज भूषण त्रिपाठी अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे हैं। ऐसे ही उप शिक्षा निदेशक अर्थ-दो व उप शिक्षा निदेशक विज्ञान का पद लंबे समय से खाली चल रहा है।
बेसिक शिक्षा विभाग में करीब छह माह से दो दर्जन से अधिकारी अफसर शिक्षा निदेशक के शिविर कार्यालय से संबंद्ध हैं। वह एक तरह से बिना काम के ही वेतन पा रहे हैं। जबकि बेसिक शिक्षा परिषद मुख्यालय पर योग्य अफसरों की तलाश लंबे समय की जा रही है। शिक्षा निदेशक एससीईआरटी संजय सिन्हा के पास सीमैट का अतिरिक्त प्रभार है तो यूपी बोर्ड की सचिव नीना श्रीवास्तव के जिम्मे एआइसी है। माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के सचिव दिव्यकांत शुक्ल मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक प्रयागराज का अतिरिक्त कार्य देख रहे हैं। इस मामले में विभागीय अफसर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। जिम्मेदारी देने के कई प्रस्ताव भी भेजे गए जो शासन में लंबे समय से लंबित हैं।

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