चंदौली जिले में 38 सौ साल पुरानी सभ्यता के अवशेष मिले
चंदौली में उत्खनन के दौरान मिले
अतीत के दसतावेज, तलाशे गए
काफी पुराने अवशेष
कितना रोमांचक लगता है
यह सोच कर कि हजारों साल पहले मानव जीवन कैसे बसा होगा! कैसे इंसान ने अपने जीवन को सुगम बनाने के लिए जद्दोजहद की होगी! एक ऐसी ही पुरानी सभ्यता के बारे में पता लगाया है बीएचयू के पुरातत्व विभाग ने। उत्तर प्रदेश
के एक जिले में 38 सौ साल पुरानी सभ्यता के अवशेष मिले हैं।
बीएचयू के पुरातत्व विभाग की इस खोज में यह बात सामने आई है कि लगभग 4 हजार साल पहले तक पूर्वांचल में पुरा मानव पाया
जाता था।
38 सौ वर्ष
पूर्व चंदौली जिले के लतीफशाह बंधे के आसपास मानव बस्ती आबाद थी। बीएचयू के
पुरातत्व विभाग की ओर से कराई गई खुदाई में सात सौ ईसा पूर्व से लेकर 18 सौ ईसा पूर्व के मानव जीवन के अवशेष मिले हैं।
इन अवशेषों में नील मार्जित
और कृष्ण मार्जित मृद भांड सहित लौह काल के प्रारंभिक अवशेष तथा पत्थर के औजार, कच्चे लोहे
की कीले, फसल काटने की हसियां, भाले,
शीशे की चूड़ियां प्राप्त हुई हैं।
खुदाई अभियान के डायरेक्टर
प्रो. प्रभाकर उपाध्याय ने बताया कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय के प्राचीन भारतीय
इतिहास कला, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग ने पांच मार्च से लतीफशाह
में खुदाई शुरू कराई। खुदाई में चार हजार वर्ष पुरानी सभ्यता के निशान मिले हैं।
प्रो. प्रभाकर ने बताया कि
साढ़े चार मीटर तक की खुदाई में 50 कच्चे लोहे की भट्ठियां जो लौह अयस्क को
गलाने में प्रयुक्त होती थी पाई गई हैं। कच्चे लोहे के बाणाग्र, चाकू, कीलें, छेनी, हथौड़ी, कुल्हाड़ी तथा फसल काटने की हसियां तथा भाले
तथा गांगेय क्षेत्र के प्रथम चरण के विकास के दौर की शीशे की चूड़ियां एवं
हड्डियों के औजार तथा पत्थर के हथौड़े, सील, लोढ़े, लघु पाषाण उपकरण, पत्थर
के मनके प्राप्त हुए हैं। इनसे नदी किनारे की सभ्यता और लौह काल को समझने में मदद
मिलेगी।