बहुत सारे
देशों के सहभागिता से पूरे विश्व में 2001 में पहली
बार विश्व दुग्ध दिवस मनाया गया था। इस उत्सव
में वर्ष दर वर्ष भाग लेने वाले देशों की संख्या बढ़ती ही चली जा रही है। तब से, पूरे विश्व भर में दूध और दुग्ध उद्योग से संबंधित
क्रिया-कलापों को प्रचार-प्रसार में हर वर्ष ध्यान केन्द्रित करने के लिये इसे
मनाया जाता है। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्सव संबंधित क्रिया-कलापों
को आयोजित करने के द्वारा इस उत्सव का राष्ट्रीयकरण किया जाता है। पूरे जीवन भर
सभी के लिये दूध और इसके उत्पादों के महत्व के बारे में लोगों में जागरुकता बढ़ाने
के लिये इसे मनाया जाता है।
संयुक्त
राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन के द्वारा 1 जून को
विश्व स्तर पर हर वर्ष मनाने के लिये विश्व दुग्ध दिवस की पहली बार स्थापना की गयी
थी। इसे 1 जून को मनाने के लिये चुना गया था
क्योंकि इस समय के दौरान बहुत सारे देशों के द्वारा विश्व दुग्ध दिवस पहले से ही
मनाया जा रहा था।
1 जून को
वार्षिक आधार पर पूरे विश्व भर के लोगों के द्वारा विश्व दुग्ध दिवस मनाया जाता
है। प्राकृतिक दुध के सभी पहलूओं के बारे में आम जनता की जागरुकता बढ़ाने के लिये
इसे मनाया जाता है जैसे इसकी स्वाभाविक उत्पत्ति, दूध का पोषण संबंधी महत्व और विभिन्न दूध उत्पाद सहित पूरे विश्वभर
में इसका आर्थिक महत्व। विभिन्न उपभोक्ताओं और दूध उद्योग के कर्मचारियों के भाग
लेने के द्वारा कई देशों (मलेशिया, कोलंबिया, रोमानिया, जर्मनी, संयुक्त अरब अमीरात, अमेरिका
आदि) में इसे मनाने की शुरुआत की गयी।
विश्व दुग्ध दिवस के पूरे उत्सव
के दौरान दूध को एक वैश्विक भोजन के रुप में केन्द्रित किया जाता है। ऑनलाइन अपने
वेबसाइट पर अंतरराष्ट्रीय डेयरी संघ के द्वारा ढ़ेर सारे विज्ञापन संबंधी
क्रिया-कलापों (एक स्वस्थ और नियंत्रित भोजन के रुप में दूध के महत्व को बताना) की
शुरुआत की गयी है। पूरे दिन प्रचार संबंधी गतिविधियों के द्वारा आम लोगों के लिये
दूध के महत्व के संदेश को फैलाने के लिये एक-साथ काम करने के लिये उत्सव में
स्वास्थ्य संस्थाओं से विभिन्न सदस्य भाग लेते हैं।
दूध की सच्चाई को उनको समझाने के
लिये विश्व दुग्ध दिवस उत्सव बड़ी जनसंख्या पर असर डालता है। दूध शरीर के द्वारा
जरुरी सभी पोषक तत्वों का एक बहुत अच्छा स्रोत है जिसमें कैल्सियम, मैगनिशियम, जिंक, फॉसफोरस, ऑयोडीन, आइरन, पोटेशियम, फोलेट्स, विटामिन ए, विटामिन डी, राइबोफ्लेविन, विटामिन बी12, प्रोटीन,स्वस्थ फैट आदि मौजूद होता है। ये बहुत ही ऊर्जायुक्त आहार
होता है जो शरीर को तुरंत ऊर्जा उपलब्ध कराता है क्योंकि इसमें उच्च गुणवत्ता के
प्रोटीन सहित आवश्यक और गैर-आवश्यक अमीनो एसिड और फैटी एसिड मौजूद होता है।
चूंकि दूध
एक महत्वपूर्ण आहार होता है इसलिये सभी को इसे रोज लेना चाहिये, दूध के महत्व के बारे में आम लोगों के बीच विश्व दूग्ध दिवस
उत्सव एक असरदार क्रांति ले आया है। नियंत्रित आहार में दूध को जोड़ने के बारे में
नये संदेश को प्राप्त करने के लिये पूरे विश्व भर में हरेक के लिये हर वर्ष विश्व
दुग्ध दिवस उत्सव एक संपूर्ण मौका ले आता है। कई सारे प्रचारात्मक गतिविधियों के
द्वारा लोगों के बीच संदेश को भेजने के लिये एक साथ काम करने द्वारा राष्ट्रीय और
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संघ के सदस्यों के द्वारा इसे मनाया जाता है।
उनके नियमित आहार के रुप में दूध
और डेयरी उत्पादों के उपभोग के बारे में आम लोगों को बढ़ावा देने के लिये 2001 में संयुक्त राष्ट्र आहार और कृषि
संगठन के द्वारा विश्व दुग्ध दिवस उत्सव की शुरुआत की गयी थी। पूरे विश्व भर में
कई देशों में इस कार्यक्रम के द्वारा दूध के सभी पहलूओं को वार्षिक तौर पर मनाया
जाता है। ज्यादा प्रभाव लाने के लिये इस उत्सव में भाग लेने वाले देशों की संख्या
हर वर्ष बढ़ती है।
दूध, स्वास्थ्य और पोषण संबंधी फायदों के प्रचार के लिये बाजार आदि
को लक्ष्य बनाने के लिये संप्रेषण कार्यक्रम, एसएएमपीआरओ
(दक्षिण अफ्रिका दूध संसाधक संगठन) के द्वारा दूध के स्क्रीन उपभोक्ता शिक्षा
प्रोजेक्ट सहित एनजीओ, नीजि और
सरकारी स्वास्थ्य संस्थाओं के द्वारा उत्सव के विषय-वस्तु से संबंधित संबंधित
विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं।
उपभोक्ताओं के बीच दूध के पोषण
स्वास्थ्य उपयोगिता को विशेष रुप से ध्यान दिलाने के लिये प्रेस विज्ञप्ति, आर्टीकल्स, खबर आदि
प्रकाशित किये जाते हैं। बच्चों के बीच दूध के मुफ्त पैकेट वितरित करने के लिये
स्थानीय स्तर पर मशहूर लोगों को मुफ्त दूध वितरण कैंप पर लगाया जाता है। बहुत सारी
गतिविधियों के माध्यम से ऑनलाइन राष्ट्रीय डेयरी परिषद के द्वारा इसे मनाया जाता
है। विभिन्न दूसरे कार्यक्रम जैसे परिचर्चा, प्रश्न-उत्तर
प्रतियोगिता,
खेल गतिविधियाँ, निबंध लेखन आदि स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय और दूसरे शैक्षणिक संस्थानों में विद्यार्थीयों
को बढ़ावा देने के लिये आयोजित किये जाते हैं।