अब यह आधिकारिक हो गया है कि देश के स्कूलों में बच्चों को सेक्स एजुकेशन दी जाएगी। सेक्स एजूकेशन अब देश के स्कूलों के पाठ्यक्रम का हिस्सा बनने जा रहा है। इस कार्यक्रम की आधिकारिक शुरुआत पीएम मोदी कल यानी 14 मार्च को राष्ट्रीय स्वास्थ्य योजना 'आयुष्मान भारत' के तहत छत्तीसगढ़ के बीजापुर से करेंगे।
यही नहीं इस शुरुआत के साथ देश स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत 'रोल प्ले और एक्टिविटी बेस्ड' मॉड्यूल के रूप में लागू किया जाएगा। यह कई चरणों में पूरे देश के स्कूलों में लागू किया जाएगा, वहीं इसके लिए स्पेशलाइज्ड टीचर और एजुकेटर की मदद ली जाएगी। इस मॉड्यूल में विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखकर बच्चों को शिक्षित किया जाएगा। इसमें बच्चों को यौन और प्रजनन स्वास्थ्य के साथ शारीरिक शोषण, गुड टच बैड टच, पोषण, मेंटल हेल्थ के साथ साथ यौन संचारित रोगों ,गैर संचारी रोग, चोट और हिंसा के बारे में भी पढ़ाया जाएगा।22 घंटे के इस कार्यक्रम को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा संयुक्त प्रयास से तैयार किया है और सरकार को उम्मीद है कि इससे देश के 26 करोड़ किशोरों को लाभ मिलेगा। वरिष्ठ स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि स्कूलों को यह निर्देश दिया गया है कि सप्ताह में कम से कम एक पीरियड सेक्स एजुकेशन का हो। सेक्स एजुकेशन का यह मॉड्यूल किशोरों से संबंधित महत्वपूर्ण पहलुओं को कवर करेगा।
बता दें कि कल से बीजापुर से सेक्स एजुकेशन को मिल रही हरी झंडी देश के पहले चरण में 115 जिलों में शुरू होगा, इसकी पहचान सरकार ने कर ली है। इस कार्यक्रम के तहत सरकार जिलों में हर समय निगरानी के साथ विकास कार्य करती है।
अधिकारी ने बताया, 'पहले चरण में नौवीं से बारहवीं तक की कक्षाओं पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा और बाद में इसमें छोटी क्लासेज के बच्चों को भी शामिल किया जाएगा।' इसके लिए हर स्कूल के दो शिक्षकों का चयन कर उन्हें प्रशिक्षित किया जाएगा।