इलाहाबाद : देश की आजादी के लेकर
सामाजिक आंदोलनों में अहम भागीदारी निभाने वाले प्रदेश के महापुरुषों की अब विषय
के रूप में पढ़ाई कराने की तैयारियां तेज हैं। यूपी बोर्ड प्रदेश सरकार के निर्देश
पर एक अलग से किताब तैयार करा रहा है, जिसमें सिर्फ प्रदेश भर के अहम
नायकों का जीवन वृतांत होगा। तैयारी है कि इसी वर्ष से 26 हजार
से अधिक कालेजों में पढ़ाई होगी यूपी बोर्ड के सूत्रों की मानें तो इतिहास विषय के
विशेषज्ञों के निर्देशन में तैयार होने वाली यह किताब यूपी बोर्ड की कक्षा 12
में इतिहास विषय के साथ पढ़ाई जाएगी। सरकार इसके लिए एनसीईआरटी के
पाठ्यक्रम में परिवर्तन नहीं करेगी, बल्कि बुकलेट के रूप में
जोड़ेगी। माध्यमिक कालेजों में नए सत्र से एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू हो चुका है।
इसके साथ ही प्रदेश सरकार का जोर अपनी संस्कृति और स्वर्णिम इतिहास को अक्षुण्ण
बनाए रखने पर है। सरकार ने बोर्ड प्रशासन को निर्देश दिया है कि एनसीईआरटी
पाठ्यक्रम के साथ ही स्थानीय महापुरुष व गौरवशाली इतिहास पढ़ाने का इंतजाम हो।
बोर्ड प्रशासन कक्षा 12 के इतिहास विषय में अलग बुकलेट जोड़ने
की तैयारी कर रहा है। उस पुस्तक का शीर्षक 'स्वतंत्रता आदोलन
और संविधान निर्माण में उप्र का योगदान' होगा। इसको लेकर
बोर्ड मुख्यालय पर कार्यशाला हो चुकी है।
बुकलेट में उत्तर
प्रदेश के आजादी के रणबाकुरों का जिक्र होगा। 1857 से लेकर 1947 तक के
कालखंड में मंगल पाडेय, चंद्रशेखर आजाद, झासी की रानी जैसे अनगिनत नाम होंगे। वहीं, 1916 के
लखनऊ अधिवेशन में लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक के बीज मंत्र के उद्घोष का भी जिक्र
होगा। इसी तरह से आजादी के आदोलन में जेल गईं और उप्र की पहली मुख्यमंत्री सुचेता
कृपलानी, जो 1946 में संविधान सभा की
सदस्य चुनी गई के भी उल्लेखनीय कायरें से छात्र-छात्राएं अवगत होंगे। इसके अलावा
सुचेता कृपलानी के पति जेबी कृपलानी, देश के प्रथम
प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू, गोविंद बल्लभ पंत,
पुरुषोत्तम दास टंडन आदि का योगदान भी पढ़ाया जाएगा।
वैदिक गणित 9 से 12 तक
लागू
यूपी बोर्ड सचिव
नीना श्रीवास्तव ने बताया कि कालेजों में वैदिक गणित की पढ़ाई के लिए इंतजाम हो गए
हैं। सरकार ने इस संबंध में भी निर्देश दिया था।