यूपी बोर्ड ने हाईस्कूल से प्रारंभिक गणित विषय को समाप्त कर दिया है। कक्षा 9 एवं 10 में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण (एनसीईआरटी) के पैटर्न पर आधारित पाठ्यक्रम लागू किए जाने के कारण प्रारंभिक गणित को हटाया गया है। पिछले साल तक गणित, प्रारंभिक गणित और गृह विज्ञान (केवल बालिकाओं के लिए) का विकल्प उपलब्ध था।
प्रारंभिक गणित की विषयवस्तु गणित से थोड़ी सरल थी। यह छात्र-छात्राओं पर निर्भर था कि वे कौन सा विकल्प चुनें। आमतौर पर जिन अभ्यर्थियों को इंटर में विज्ञान की पढ़ाई करनी होती थी वे केवल गणित लेना पसंद करते थे। 2018 की हाईस्कूल परीक्षा में प्रारंभिक गणित लेने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या 148755 और केवल गणित लेने वाले परीक्षार्थियों की संख्या 2521353 थी।
शासन के उप सचिव संतोष कुमार रावत की ओर से 7 मार्च को जारी आदेश में इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम 1921 में संशोधन के लिए भेजे गए प्रस्ताव को मंजूरी मिलने की बात कही गई है। लिहाजा एक अप्रैल से शुरू हो रहे 2018-19 शैक्षिक सत्र में जो छात्र कक्षा 9 में प्रवेश लेंगे उन्हें प्रारंभिक गणित विषय का विकल्प नहीं मिलेगा। 2017-18 में कक्षा 9 के जिन छात्रों ने प्रारंभिक गणित विषय लिया था उनके लिए 2019 में हाईस्कूल की बोर्ड परीक्षा कराई जाएगी। 2020 की हाईस्कूल परीक्षा में प्रारंभिक गणित का पेपर नहीं रहेगा।
इनका कहना है
वर्तमान में हाईस्कूल (कक्षा 9-10) स्तर पर गणित एवं प्रारंभिक गणित अनिवार्य विषय के रूप में निर्धारित है। 2018-19 से कक्षा 9 एवं 10 में गणित में एनसीईआरटी पैटर्न पर आधारित पाठ्यक्रम लागू किए जाने के कारण कक्षा 9 में अब प्रारंभिक गणित को रखने का कोई औचित्य नहीं रह गया है।
नीना श्रीवास्तव, सचिव यूपी बोर्ड
वर्तमान में हाईस्कूल (कक्षा 9-10) स्तर पर गणित एवं प्रारंभिक गणित अनिवार्य विषय के रूप में निर्धारित है। 2018-19 से कक्षा 9 एवं 10 में गणित में एनसीईआरटी पैटर्न पर आधारित पाठ्यक्रम लागू किए जाने के कारण कक्षा 9 में अब प्रारंभिक गणित को रखने का कोई औचित्य नहीं रह गया है।
नीना श्रीवास्तव, सचिव यूपी बोर्ड