लोक सेवा आयोग की सहायक अध्यापक प्रशिक्षित स्नातक (एलटी ग्रेड शिक्षक) भर्ती 2018 में कम्प्यूटर शिक्षक पद के लिए इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी (आईटी) से बीटेक करने वाले छात्रों ने भी दावा ठोंका है। छात्रों ने आयोग से कम्प्यूटर शिक्षक की शैक्षिक अर्हता में बदलाव करने की मांग की है। छात्रों का कहना है कि अगर बदलाव नहीं होता है तो वे हाईकोर्ट जाएंगे।आयोग ने एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती का विज्ञापन 15 मार्च को जारी किया है। इसी दिन से ऑनलाइन आवेदन लिए जा रहे हैं। विज्ञापन के मुताबिक कम्प्यूटर शिक्षक के लिए वही अभ्यर्थी आवेदन कर सकते हैं, जिन्होंने सीएस में बीटेक/बीई अथवा कम्प्यूटर विज्ञान में विज्ञान स्नातक अथवा कम्प्यूटर एप्लीकेशन में विज्ञान स्नातक अथवा एनआईईएलआईटी से ‘ए’ स्तरीय पाठ्यक्रम के साथ स्नातक की उपाधि हासिल की हो।अर्हता में बदलाव की मांग कर रहे छात्रों का कहना है कि केंद्रीय विद्यालय संगठन में कम्प्यूटर शिक्षकों की भर्ती में सीएस के साथ ही आईटी से बीटेक करने वाले छात्रों को भी अवसर दिया जाता है। किसी अन्य ब्रांच से बीटेक छात्र ने कम्प्यूटर एप्लीकेशन में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा या डिग्री लिया है तो भी उसे भी इस पद को योग्य माना जाता है। अखिल भारतीय ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट यानी गेट में वर्ष 2009 से सीएस और आईटी का पाठ्यक्रम भी मिलाकर एक कर दिया गया है। छात्रों का कहना है कि विज्ञापन में ट्रिपलआईटी से दी जाने वाली मास्टर ऑफ साइंस इन साइबर लॉ तथा आईटी की पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री का भी उल्लेख नहीं है जबकि आयोग की ओर से जारी विज्ञापन में कम्प्यूटर का जो कोर्स है, उसमें साइबर लॉ और इनफार्मेशन सिक्योरिटी का पूरा चैप्टर शामिल है।
अभ्यर्थियों का कहना है कि कम्प्यूटर, कला या संगीत के शिक्षक सामान्य विषयों से इतर विशेष श्रेणी के होते हैं। इसलिए इनमें बीएड की अनिवार्यता नहीं होनी चाहिए। केवीएस में कम्प्यूटर शिक्षक के लिए बीएड अनिवार्य नहीं है। मंगल सिंह, सुनील, अनिल, देवेंद्र मिश्र, मिराज अहमद, भाष्कर मिश्र आदि ने आयोग के सचिव से शैक्षिक अर्हता में बदलाव करने की मांग की है।
अभ्यर्थियों का कहना है कि कम्प्यूटर, कला या संगीत के शिक्षक सामान्य विषयों से इतर विशेष श्रेणी के होते हैं। इसलिए इनमें बीएड की अनिवार्यता नहीं होनी चाहिए। केवीएस में कम्प्यूटर शिक्षक के लिए बीएड अनिवार्य नहीं है। मंगल सिंह, सुनील, अनिल, देवेंद्र मिश्र, मिराज अहमद, भाष्कर मिश्र आदि ने आयोग के सचिव से शैक्षिक अर्हता में बदलाव करने की मांग की है।