Wednesday, March 28, 2018

कैबिनेट बैठकः यूपी में नई तबादला नीति को मंजूरी, चार साल तक रहेगी प्रभावी


मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इसमें सबसे अहम नई तबादला नीति है। पहली अप्रैल से चार साल के लिए तबादला नीति लागू होगी। 20 प्रतिशत की सीमा तक स्थानांतरण किया जा सकेगा। राज्य मंत्रि परिषद की बैठक में मंगलवार को इस नीति को मंजूरी दी गई। यह नीति वर्ष 2018-19 से लेकर 21-22 तक प्रस्तावित है। इस नीति में चार साल तक कोई बदलाव नहीं होगा। सभी विभागों को 31 मई तक तबादलों की प्रक्रिया पूरी कर लेनी होगी। एक जिले में तीन वर्ष और मंडल में सात वर्ष पूर्ण करने वाले समूह 'क एवं 'ख के अधिकारियों के स्थानांतरण का प्रावधान किया गया है। सरकार की समयबद्ध तबादला नीति से सरकारी कर्मचारियों को राहत मिलेगी। अमूमन शैक्षणिक सत्र के बाद होने वाले तबादलों से बच्चों की पढ़ाई-लिखाई और परिवार को समायोजित करने में दिक्कत आती रही है। नई तबादला नीति से इसमें राहत मिलेगी। केंद्र सरकार द्वारा घोषित आठ महत्वाकांक्षी जिला योजना में आने वाले आठ जिले चित्रकूट, चंदौली, सोनभद्र, फतेहपुर, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, श्रावस्ती व बहराइच में प्रत्येक विभाग में हर दिशा में सभी पदों पर तैनाती का प्रावधान किया गया है।
 एक जिले में तीन साल और मण्डल में सात साल पूरे करने वाले समूह 'क' और समूह 'ख' के अफसरों का तबादला किए जाने का प्रावधान है। मण्डलीय कार्यालयों और विभागाध्यक्ष कार्यालयों में की गई तैनाती अवधि को मण्डल में निर्धारित सात वर्ष की अवधि में नहीं गिना जाएगा। विभागाध्यक्ष कार्यालयों में विभागाध्यक्ष को छोड़कर अगर अन्य अधिकारियों के समकक्ष पद मुख्यालय के बाहर मौजूद हैं तो एक विभाग में तीन वर्ष कार्यरत रहने वाले अधिाकरियों को उनके समकक्ष पदों पर मुख्यालय से बाहर स्थानांतरित किया जाएगा। जिलों और मण्डलों में तैनाती की अवधि को उक्त अवधि में शामिल नहीं माना जाएगा। जिलों और मण्डलों में तैनाती की अवधि और विभागाध्यक्ष कार्यालयों में तैनाती की अवधि को अलग-अलग माना जाएगा। सभी तबादले सत्र 2018-19 से 2021-22 में हर साल 31 मई तक पूरे किए जाएंगे। तबादला किए जाने के लिए अवधि के निर्धारण के लिए कट आफ डेट हर साल की 31 मार्च होगी। तबादला अवधि में समूह 'ख' के अधिकारियों के स्थानांतरण विभागाध्यक्षों द्वारा किए जा सकेंगे। तबादला नीति में 20 प्रतिशत की सीमा तक तबादले किए जा सकेंगे।
दिव्यांग कार्मिकों अथवा ऐसे कार्मिक जिनके आश्रित परिवारिजन दिव्यांगता से प्रभावित हों को सामान्य स्थानांतरण से मुक्त रखा गया है। दो वर्ष में सेवानिवृत्त होने वाले समूह 'ग' के कार्मिकों को उनके गृह जनपद और समूह 'क' और समूह 'ख' के कार्मिकों को उनके गृह जनपद को छोड़ते हुए इच्छित जनपद में तैनात करने पर विचार करने का प्रावधान किया गया है।
समूह 'ग' और 'घ' के स्थानांतरण प्रदेश स्तीय संवर्ग होने पर किसी अन्य मण्डल या जिले में तथा मण्डल स्तरीय संवर्ग होने पर मण्डल के अन्दर किसी जिलें किए जाएंगे। केन्द्र सरकार द्वारा घोषित प्रदेश के आठ महत्वाकांक्षी जिलों चित्रकूट, चंदौली, सोनभद्र, फतेहपुर, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, श्रावस्ती और बहराइच में प्रत्येक विभाग द्वारा प्रत्येक दशा में सभी पदों पर तैनाती करके संतृप्त किए जाने की व्यवस्था भी की जा रही है। इस तबादला नीति में किसी भी तरह के बदलाव या संशोधन के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया है।



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