मुख्य सचिव राजीव कुमार ने बृहस्पतिवार को स्थानांतरण नीति जारी कर दी है।
इसके बाद एक अप्रैल से तबादले का रास्ता साफ हो गया है। उन्होंने अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों, सचिवों, विभागाध्यक्षों, कार्यालयाध्यक्षों, मंडलायुक्तों व जिलाधिकारियों को नई नीति के मुताबिक स्थानांतरण संबंधी
कार्रवाई के आदेश दे दिए हैं।
कैबिनेट
की अनुमति के बाद मुख्य सचिव ने योगी सरकार के बचे चार वर्ष के लिए एक साथ सामान्य
तबादला नीति जारी की है। मुख्य सचिव ने कहा है कि जिले में समूह क व ख के जो
अधिकारी सेवाकाल में कुल तीन वर्ष पूरा कर चुके हैं, उन्हें संबंधित जिलों से ट्रांसफर कर दिया जाए। इसी तरह समूह क व ख के
अधिकारियों के मंडल में सात वर्ष पूरे करने पर बाहर तबादला किया जाए। समूह क के
उनके गृह मंडल और समूह ख अधिकारी अपने गृह जिले में तैनात नहीं होंगे। हालांकि यह
प्रतिबंध केवल जिला स्तरीय विभागों व कार्यालयों में ही लागू होगा।
मुख्य सचिव ने कहा कि कर्मी के कार्यभार ग्रहण न करने या कार्यमुक्त न करने पर अनुशासनहीनता मानकर कार्रवाई की जाएगी। तबादला नीति की कट ऑफ डेट 31 मार्च मानी जाएगी। नीति में मुख्यमंत्री को जनहित व प्रशासनिक दृष्टिकोण से कभी भी किसी भी कार्मिक को स्थानान्तरित करने का अधिकार दिया गया है। अधिकारियों से कहा गया है कि संदिग्ध सत्यनिष्ठा वाले कार्मिकों की तैनाती संवेदनशील पदों पर न की जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि कर्मी के कार्यभार ग्रहण न करने या कार्यमुक्त न करने पर अनुशासनहीनता मानकर कार्रवाई की जाएगी। तबादला नीति की कट ऑफ डेट 31 मार्च मानी जाएगी। नीति में मुख्यमंत्री को जनहित व प्रशासनिक दृष्टिकोण से कभी भी किसी भी कार्मिक को स्थानान्तरित करने का अधिकार दिया गया है। अधिकारियों से कहा गया है कि संदिग्ध सत्यनिष्ठा वाले कार्मिकों की तैनाती संवेदनशील पदों पर न की जाए।
कार्मिक
विभाग
कार्मिक अनुभाग 4 3/2018/1/3/96-का-4-2018, 29/03/2018
कार्मिक अनुभाग 4 3/2018/1/3/96-का-4-2018, 29/03/2018
सरकारी
अधिकारियों/कर्मचारियों की वार्षिक स्थानान्तरण नीति।