शिक्षामित्रों के समायोजन को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सपा
अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच रविवार को आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला। दोनों ने
शिक्षामित्रों की परेशानी के लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराया।
राजधानी में आयोजित एक कार्यक्रम में सीएम योगी ने आरोप लगाया कि शिक्षामित्र सपा-बसपा के काले कारनामों की सजा भुगत रहे हैं। सपा सरकार ने भ्रष्ट तरीके से उनका समायोजन किया था।
राजधानी में आयोजित एक कार्यक्रम में सीएम योगी ने आरोप लगाया कि शिक्षामित्र सपा-बसपा के काले कारनामों की सजा भुगत रहे हैं। सपा सरकार ने भ्रष्ट तरीके से उनका समायोजन किया था।
योगी ने कहा, यदि नीति व नियम का ध्यान रखा होता तो सुप्रीम
कोर्ट में याचिका खारिज नहीं होती। हमारी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के
दायरे में नई गाइडलाइन तय की है। इसके साथ ही शिक्षामित्रों का मानदेय 3550 रुपये से बढ़ा कर 10,000 रुपये किया है।
योगी के बाद उसी कार्यक्रम में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि
शिक्षामित्रों की भर्ती पिछली भाजपा सरकार के समय ही हुई थी। भाजपा ने संकल्प पत्र
में वादा करने के बावजूद शिक्षामित्रों का समायोजन नहीं किया। शिक्षामित्रों की
नौकरी गई और जान भी गई। केंद्र और राज्य में भाजपा की सरकार है, उन्हें मिलकर इसका हल निकालना चाहिए।
गौरतलब है कि जुलाई में 1.37 लाख शिक्षामित्रों का सहायक अध्यापक पद पर
समायोजन निरस्त होने के बाद से शिक्षामित्र आंदोलनरत हैं।